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डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi) - सभी क्लास के लिए हिंदी में 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध लिखें

Updated On: September 29, 2023 12:17 pm IST

  • एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध (Essay on APJ …
  • एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on APJ Abdul Kalam) …

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi)

एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध (Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi) - ऐसे तैयार करें 

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एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

क्या आप एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Apj Abdul Kalam in Hindi) की तलाश कर रहे हैं? अगर हां तो इस लेख के बाद आपकी सारी तलाश पूरी होने वाली है।

जो कि इस लेख में हमने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के ऊपर बेहतरीन निबंध लिखा है। डॉक्टर कलाम पर निबंध परीक्षाओं में कक्षा 5 से 12 तक विभिन्न रूपों में पूछा जाता है।

Image Credit – Tulane Public Relations, CC BY 2.0 , via Wikimedia Commons

Table of Contents

प्रस्तावना (एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi)

भारतीय इतिहास में ऐसे लाखों लोगों ने जन्म लिया है उन्होंने अपने ज्ञान व कुशलता के माध्यम से भारतवर्ष को महान बनाने में अपना अप्रतिम योगदान दिया है।

आजाद भारत में डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का बहुत ही बड़ा योगदान रहा है। जब भारत को दुनिया में गरीब कह कर संबोधित किया जाता था तब मिसाइल मैन कलाम जी ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत का झंडा बुलंद किया था।

डॉ कलाम का जीवन बहुत ही साधारण स्तर का रहा। उन्होंने अपने जीवन काल में कभी भी धन को ज्यादा महत्व नहीं दिया। भारत को दुश्मनों से सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने मिसाइल की तकनीकों का निजात किया।

जब भारत में शिक्षा को उतना महत्व नहीं दिया जाता था तब कलाम ने शिक्षा-ग्रहण को अपने जीवन में वरीयता दी तथा जब वे उच्च पद पर आसीन हुए तब भी सामान्य बच्चों के बीच जाकर शिक्षा पर जोर देते रहे।

मात्र मिसाइल ही नहीं बल्कि भारत के परमाणु कार्यक्रम में भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

कलाम को हजारों- लाखों भारतीय आदर्श की दृष्टि से देखते हैं तथा उनके योगदान की भरपूर सराहना करते हैं। रॉकेट साइंटिस्ट कलाम को अपना भगवान भी मानते हैं।

और पढ़े : गांधी जयंती पर निबंध

मेरे प्रिय वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम My Favorite Scientist A. P. J. Abdul Kalam

दुनिया भर में ऐसे हजारों वैज्ञानिक हुए हैं जिन्होंने अपने ज्ञान और खोज के माध्यम से मनुष्य के जीवन को सरल बनाया है। चाहे वह जेम्स वाट हो जिन्होंने इंजन का आविष्कार किया। चाहे वह चार्ल्स बेबेज हों जिन्होंने कंप्यूटर का आविष्कार किया।

किसी भी वैज्ञानिक की तुलना उनकी उपलब्धियों से नहीं की जाती इसलिए हर किसी का योगदान अप्रतिम होता है। 

मेरे प्रिय वैज्ञानिक डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम है क्योंकि उन्होंने ना सिर्फ मध्यम वर्ग में जन्म लेकर ऊंचाइयों तक पहुंचे बल्कि सफलता के बाद भी हजारों गरीब लोगों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया।

डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। कलाम का जन्म 15 अक्टूबर सन 1931 को रामेश्वरम तमिलनाडु में हुआ था।

जहां एक तरफ भारत अंग्रेजों से आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था वहीं दूसरी ओर गरीबी, बेरोजगारी और छुआछूत अपने चरम पर था। इसलिए ऐसे माहौल में योगदान तो दूर ज्ञानार्जन भी बहुत मुश्किल से हो पाता था।

कलाम के पिता जी का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम आशियम्मा था। कलाम का परिवार एक मध्यमवर्गीय परिवार था उनके पिता जी मछुवारों को नाव किराए पर देकर घर का गुजारा करते थे इसलिए कलाम भी बेहद कम उम्र  में अपने पिताजी की सहायता करने के लिए काम करने लगे थे।

लेकिन कलाम ने इतनी मजबूरियों के बाद भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। कई बार उन्होंने जातिगत भेदभाव के कारण प्रताड़ना भी सहा लेकिन वे शिक्षा ग्रहण करने के मार्ग पर डटे रहे।

उनके भाई अखबार बेचने का कार्य करते थे जिसमें वे उनका हाथ बटा कर कुछ पैसे कमा लिया करते थे तथा अपने पिताजी की मदद किया करते थे।

तमाम तकलीफों के बावजूद भी कलाम ने पढ़ाई को हमेशा आगे रखा और वैमानिकी विज्ञान में अभिरुचि बनाए रखें और भारत के लिए तमाम मिसाइल का आविष्कार किया। आगे चलकर जो भारत के 11 वे राष्ट्रपति बने।

प्रारंभिक जीवन Early life of A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

कलाम का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था उनके पिता जी एक कट्टर मुस्लिम थे। जिसके कारण वे बचपन से ही कलाम को मस्जिद ले जाना तथा नमाज में शामिल करना शुरू कर दिए थे।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बचपन में उनके कई दोस्त थे जिनमें हिंदू, मुसलमान तथा क्रिश्चियन शामिल थे। इसलिए उन्होंने कभी भी धार्मिक भेदभाव को मन में पनपने नहीं दिया।

उनके प्रारंभिक जीवन में बड़ी कठिनाइयां आई जब विद्यालय में उनके साथ धार्मिक भेदभाव तथा अन्याय पूर्ण बर्ताव किया जाने लगा।

उनका परिवार बेहद ही गरीब था उनके पिताजी चाहते थे कि कलाम पढ़ाई लिखाई छोड़ कर उनके साथ काम में हाथ बटाएं लेकिन कलाम ने कभी भी पढ़ाई नहीं छोड़ी और संघर्ष करते रहे।

और पढ़े : उधम सिंह जयंती पर निबंध

शिक्षा Education of Abdul Kalam in Hindi

मध्यम वर्ग में जन्म लेने के कारण उनके पास इतना पैसा नहीं हुआ करता था कि वे महंगी किताबें खरीद सके इसलिए वे पुस्तक की दुकान में छोटा मोटा काम कर किताबें पढ़ने के लिए मांग लेते थे।

  • डॉ कलाम कि शुरुआती पढ़ाई तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ स्कूल में हुई। शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने विज्ञान में मद्रास इंस्टीट्यूट से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की।

उसके बाद 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। इसके साथ ही वे अपने भाइयों को पढ़ाया करते थे।

पढ़ाई में तेज होने के कारण वह पूरे कॉलेज में पसंद किए जाने लगे थे। उनकी तीव्र बुद्धि के आगे अंग्रेज प्रोफेसर भी आश्चर्यचकित रह जाते थे।

प्रारंभिक कैरियर Starting Carrier of A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

डॉ कलाम ने अच्छे नंबरों से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए आवेदन दिया तथा 1958 में वे एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के सहायक के रूप में डीआरडीओ से जुड़े ।

उनकी अगुवाई में कलाम को विज्ञान के क्षेत्र में जरूरी दिशा निर्देशन प्राप्त हुआ। उनकी टीम ने एक हेलीकॉप्टर और होवरक्राफ्ट का मॉडल तैयार किया जिसमें कलाम का बहुत ही बड़ा योगदान था।

उनके उत्साह और समर्पण भाव के कारण उन्हें बहुत जल्द डीआरडीओ और इसरो में मुख्य पहचान मिली। परिणाम स्वरुप उन्हें भारत के बड़े-बड़े अनुसंधान कार्यक्रमों में शामिल किया जाने लगा।

वैज्ञानिक के रूप में कार्य Work as a Scientist

इसरो में ज्वाइन होने के बाद उनकी कार्य शैली के कारण उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जाना जाने लगा। क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उनका बहुत ही बड़ा योगदान रहा है।

डॉ कलाम ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक और इंजीनियर थे जिनके मार्गदर्शन में परमाणु परीक्षण और कई रॉकेट टेक्नोलॉजी का विकास हुआ।

उनके कार्य के लिए सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उनकी सराहना की जाती है। ऑक्सफर्ड जैसे विशाल विश्वविद्यालयों में उनके संबोधन को आज भी याद किया जाता है।

डॉ कलाम मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी भी रहे। पोखरण परमाणु कार्यक्रम में उन्होंने एक मुख्य कोऑर्डिनेटर के रूप में अपनी भूमिका निभाई।

एक मुख्य वैज्ञानिक रहने के साथ वह एक कुशल लेखक तथा वक्ता भी थे। उन्हें संगीत से काफी लगाव था तथा छोटे बच्चों को सलाह देना उन्हें बहुत ही अच्छा लगता था।

उनके मुख्य किताबों में इंडिया 2020, इगनाइटेड माइंड्स, मिशन इंडिया, द लुमिनस स्पार्क और इंस्पायरिंग थॉट्स शामिल है।

निजी जीवन A. P. J. Abdul Kalam Personal Life in Hindi

अब्दुल कलाम राष्ट्र के प्रति अपने समर्पण भाव को जारी रखना चाहते थे इसके फलस्वरूप उन्होंने आजीवन विवाह नहीं किया।

उनका मानना था कि राष्ट्र की सेवा के लिए अपना सर्वस्व त्याग देना ही मुख्य राष्ट्र धर्म है। व्यक्तिगत जीवन में उन्हें बच्चों के साथ घुलना मिलना बेहद ही पसंद था।

इसलिए जब भी उन्हें समय मिलता तो छोटे बच्चों और युवाओं को संबोधित करने अवश्य ही जाते थे। डॉ कलाम अपने धन का एक बड़ा हिस्सा जरूरतमंद लोगों में बांट दिया करते थे।

डॉ कलाम को पुस्तकें पढ़ने का बहुत ही  शौक था वे अन्य धर्मों में बिल्कुल भी भेदभाव नहीं रखते थे इसलिए वे नमाज पढ़ने के साथ गीता भी पढ़ा करते थे।

उन्हें संगीत के प्रति गहरा लगाव था जिसके कारण वे अक्सर खाली समय में वीणा बजाया करते थे। जब वे राष्ट्रपति पद पर रहे तब उनका एक कमरा पुस्तकों से भरा रहता था।

राष्ट्रपति के पद पर कार्य Work as President of India

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम वर्ष 1992 से 1999 तक प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी रहे जिसके बाद सन 2002 में वे निर्विवाद राष्ट्रपति के पद पर चुन लिए गए।

राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए उन्होंने व्हाट कैन आई गिव मोमेंट मिशन की शुरुआत की जिसमें युवाओं को भ्रष्टाचार के प्रति जागरूक करना उनका मुख्य उद्देश्य था।

कलाम बेहद ही उदार स्वभाव के व्यक्ति थे इसलिए राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए उन्होंने कई गुनहगारों की फांसी पर रोक लगाया था तथा उन्हें सुधारने का मौका दिया था।

उन्होंने राष्ट्रपति के पद पर रहकर भारत की बहुत ही अधिक सेवा की जिसके कारण उन्हें पद्मभूषण, पद्म विभूषण, इंदिरा गांधी अवॉर्ड, अवार्ड वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवॉर्ड और भारत का सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

मृत्यु Death

एपीजे अब्दुल कलाम भारत के बच्चों और युवाओं को भारत की असली संपत्ति मानते थे इसलिए वे अक्सर ही विद्यार्थियों को संबोधित करते रहते थे और 2015 में ऐसे ही एक संबोधन के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया।

अस्पताल में अपनी आखरी सांसो के साथ उन्होंने यह आग्रह किया कि उनकी मृत्यु के बाद एक दिन की बेफिजूल की छुट्टी ना दी जाए बल्कि एक दिन अतिरिक्त पढ़ाई की व्यवस्था हो। 27 जुलाई 2015 के दिन डॉ कलाम जैसे सितारे का अस्त हो गया।

एपीजे अब्दुल कलाम जी पर 10 लाइन Few Lines on A. P. J. Abdul Kalam ji in Hindi

  • जब भारत में शिक्षा को उतना महत्व नहीं दिया जाता था तब कलाम ने शिक्षा-ग्रहण को अपने जीवन में वरीयता दी।
  • भारत के परमाणु कार्यक्रम में भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
  • डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। 
  • कलाम के पिता जी का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम आशीयम्मा था।
  • उनके भाई अखबार बेचने का कार्य करते थे जिसमें वे उनका हाथ बटा कर कुछ पैसे कमा लिया करते थे
  • डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बचपन में उनके कई दोस्त थे जिनमें हिंदू मुसलमान तथा क्रिश्चियन शामिल थे।
  • उसके बाद 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
  • पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए आवेदन दिया तथा 1958 में उन्होंने एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के सहायक के रूप में डीआरडीओ ज्वाइन किया।
  • इसरो में ज्वाइन होने के बाद उनके कार्य शैली के कारण उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जाना जाने लगा। 

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में अपने एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध हिंदी में (Essay on Dr. A. P. J. Abdul Kalam in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारियों से भरपूर लगा होगा। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। 

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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध

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रूपरेखा : परिचय - डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का जीवन - डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी की पढ़ाई - राष्ट्र के विकास में योगदान - पुरस्कार एवं उपलब्धियाँ - निष्कर्ष।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे। एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉ. अवुल पकिर जैनुलदेबेन अब्दुल कलाम था। वे मिसाइल मैन और राष्ट्रपति के रूप में भारतीय इतिहास में एक चमकते सितारे रहे हैं। उन्होंने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रुप में वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वो भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे क्योंकि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में देश के लिये उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया था। उनका जीवन संघर्ष से भरा था, लेकिन भारत की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा रहे हैं। वह एक ऐसा व्यक्ति था जिसने भारत को एक विकसित देश होने का सपना देखा था। ‘इसरो’ के लिये दिया गया उनका योगदान अविस्मरणीय है।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम्, तमिलनाडु में हुआ था। उनका परिवार बहुत गरीब था। उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए पैसे कमाने हेतु कठिन परिश्रम करना पड़ता था। उन्होंने संत जोसेफ स्कूल में अध्ययन किया और 'मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी' से इंजीनियरिंग की। डॉ. कलाम अपनी बाल्यावस्था से ही एक बहुत मेधावी छात्र थे।

उड़ान में उनकी अत्यधिक रुचि ने उन्हें वैमानिकी इंजीनियरिंग के अपने सपने को पूरा करने में सक्षम बनाया। एक गरीब परिवार से होने के बावजूद उन्होंने अपनी शिक्षा कभी नहीं रोकी। उन्होंने 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से तिरुचिरापल्ली से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में सेंट जोसेफ कॉलेज। वह वर्ष 1958 में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रूप में DRDO में शामिल हुए और एक प्रोटोटाइप होवरक्राफ्ट विकसित करने के लिए छोटी टीम का नेतृत्व किया।

डॉ. कलाम ने अनेक तरह से देश की सेवा की। उन्होंने सुरक्षाशोध एवं विकास-संस्थान और भारतीय अंतरिक्ष शोध-संस्थान में विभिन्न पदों को सफलतापूर्वक सँभाला। इसरो में वे एस. एल. वी. परियोजना के अनुदेशक थे। इस परियोजना के तहत अभी तक कई प्रक्षेपास्त्रों को प्रक्षेपित किया गया है। बहुत सारे प्रोजेक्ट को उनके द्वारा नेतृत्व किया गया जैसे रोहिणी-1 का लाँच, प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलिएंट, मिसाइलों का विकास (अग्नि और पृथ्वी) आदि। भारत की परमाणु शक्ति को सुधारने में उनके महान योगदान के लिये उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाता है। अपने समर्पित कार्यों के लिये उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया। भारत के राष्ट्रपति के रुप में अपने कार्यकाल के पूरा होने के उपरान्त, डॉ कलाम ने विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्रोफेसर के रुप में देश की सेवा की।

1982 ई. में शोध एवं विकास-संगठन, हैदराबाद से वे निदेशक के रूप में जुड़े। उन्होंने एकीकृत नियंत्रित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम के लिए कार्य किया। उन्होंने विभिन्न प्रक्षेपास्त्रों, जैसे—अग्नि, आकाश, पृथ्वी, नाग, त्रिशूल आदि के प्रक्षेपण-परियोजना का नेतृत्व किया। भारत-जैसे देश के लिए यह कोई आसान कार्य नहीं था। किंतु, डॉ. कलाम ने कभी उम्मीदें नहीं छोड़ी। वे अपने लक्ष्य की ओर काम करते रहे। इसके बाद, उन्होंने सन् 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में सेवा की।

डॉ. कलाम बहुत ही सामान्य व्यक्ति थे। उन्हें अध्ययन से प्रेम था। वे शास्त्रीय संगीत और कविताएँ लिखना भी पसंद करते थे। वे बच्चों और युवा छात्रों को प्रोत्साहित किया करते थे। वे भारत को पूर्णतया विकसित देश के रूप में देखना चाहते थे। वे बुद्धिमान् होने के साथ-ही विनम्र थे।

डॉ. कलाम को देश के प्रति अनुपम योगदान के लिए भारत रत्न' प्राप्त हुआ। २७ जुलाई २०१५ को उनकी मृत्यु शिलांग में हो गई। यह देश के लिए भारी क्षति थी। हमलोग उनके योगदान और प्रयासों को कभी नहीं भूल सकते। उनके जादुई उद्धरण हमें देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने हेतु सदा प्रोत्साहित करते रहेंगे।

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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध | Essay on A.P.J. Abdul Kalam in Hindi

लघु निबंध –.

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक ही नहीं अपितु देश के 11वें राष्ट्रपति भी थे। देश इन्हे ‘मिसाइल मैन’ और ‘जनता के राष्ट्रपति’ के नाम भी जानता है। डॉ. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में धनुषकोडी गाँव के एक मध्यमवर्ग परिवार में हुआ था। इनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। इनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम अशियम्मा था। इनके पिता मछुआरों को नाव किराये पर दिया करते थे और इनकी माता आदर्श महिला थीं।

इनकी आरंभिक शिक्षा रामेश्वरम् में हुई। उनके शिक्षक इयादुराई सोलोमन ने उनसे कहा था कि ‘जीवन मे सफलता तथा अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए तीव्र इच्छा, आस्था, अपेक्षा इन तीन शक्तियो को भली-भाँति समझ लेना और उन पर प्रभुत्व स्थापित करना चाहिए।’ उच्च शिक्षा के लिए वे मद्रास इस्टीट्यूट ऑफटेक्नोलोजी में दाखिल हो गए। डॉ. कलाम ने 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

इन्होने वर्ष 1958 में बंगलुरू के सिविल विमानन तकनीकी केन्द्र से अपनी पहली नौकरी की शुरूआत की। इन्होने परियोजना निदेशक के रूप में भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके द्वारा जुलाई 1982 में रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया। इसके बाद भारत भी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया।

डॉ. कलाम ने ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ जैसी मिसाइलों का आविष्कार कर भारत की शक्ति को बढ़ा दिया। परमाणु क्षेत्र में इनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। इनके कुशल नेतृत्व में 1 मई, 1998 का प्रसिद्ध पोखरण परीक्षण किया, जिसकी गूंज सारे विश्व में सुनाई दी।

डॉ. अब्दुल कलाम पहले ऐसे वैज्ञानिक थे, जो बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के वर्ष 2002 से 2007 वर्ष तक भारत के राष्ट्रपति थे। यह एक ऐसे राष्ट्रपति थे, जो अपनी मेहनत के बल पर झोंपड़ी से उठकर राष्ट्रपति पद पर पहुंचे हैं। राष्ट्रपति पद को छोड़ने के बाद, डॉ. कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद, भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर व भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर के मानद फैलो एवं एक विजिटिंग प्रोफेसर बन गए।

ये रूद्रवीणा के वादन में भी कुशल थे। इस महान वैज्ञानिक ने 27 जुलाई, 2015 को शिलांग में अपनी अंतिम सांसे ली। 30 जुलाई 2015 को इनको पूरे सम्मान के साथ रामेश्वरम के पी. करूम्बु ग्राउंड में दफ़ना दिया गया।

डॉ. अब्दुल को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मान से सम्मानित किया गया, जैसे पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न, इंदिरा गांधी अवार्ड, वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवार्ड आदि।

डॉ. अब्दुल का जीवन हम भारतीयों के लिए प्रेरणा स्रोत है। आज डॉ. कलाम भले ही हमारे बीच नहीं हैं, किन्तु वह देश के नन्हें-मुन्नों की चमकती आंखों, युवकों की आंखों में झिलमिलाते सपनों और बुजुर्गों की उम्मीदों में सदा अमर रहेंगे।

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध | Essay on A.P.J. Abdul Kalam in Hindi

विस्तृत निबंध –

प्रस्तावना –.

हमारा भारत देश बहुत-से ऋषियों-मुनियों और कर्मवीरों की जन्मभूमि है। इन्हीं में एक नाम डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का भी है, जो एक महान वैज्ञानिक ही नहीं अपितु देश के 11वें राष्ट्रपति भी थे। देश इन्हे ‘मिसाइल मैन’ और ‘जनता के राष्ट्रपति’ के नाम भी जानता है। डॉ. कलाम का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण था, फिर भी वह भारत की नयी पीढ़ी के लिये प्रेरणा स्रोत हैं। वो ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत को एक विकसित देश बनाने का सपना देखा था। उन्होंने सिखाया कि जीवन में चाहें जैसे भी परिस्थिति क्यों न हो पर जब आप अपने सपने को पूरा करने की ठान लेते हैं तो उन्हें पूरा करके ही रहते हैं।

जीवन परिचय –

डॉ. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में धनुषकोडी गाँव के एक मध्यमवर्ग परिवार में हुआ था। इनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। इनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम अशियम्मा था। इनके पिता मछुआरों को नाव किराये पर दिया करते थे और इनकी माता आदर्श महिला थीं। इनके पिता का इनके जीवन पर गहरा असर पड़ा।

इनकी आरंभिक शिक्षा रामेश्वरम् में हुई। उनके शिक्षक इयादुराई सोलोमन ने उनसे कहा था कि ‘जीवन मे सफलता तथा अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए तीव्र इच्छा, आस्था, अपेक्षा इन तीन शक्तियो को भली-भाँति समझ लेना और उन पर प्रभुत्व स्थापित करना चाहिए।’ वे कलाम से अत्यधिक प्रभावित थे। उच्च शिक्षा के लिए वे मद्रास इस्टीट्यूट ऑफटेक्नोलोजी में दाखिल हो गए। डॉ. कलाम ने 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

वैज्ञानिक के रूप में योगदान –

स्नातक करने के उपरांत इन्हे अपने कैरियर की चिंता हुई। इन्होने वर्ष 1958 में बंगलुरू के सिविल विमानन तकनीकी केन्द्र से अपनी पहली नौकरी की शुरूआत की, जहाँ इन्होने अपनी विलक्षण प्रतिभा का परिचय देते हुए एक पराध्वनिक लक्ष्यभेदी विमान का डिजाइन तैयार किया। वह रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन से जुड़ गए। 1962 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में आये, जहाँ उन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी भूमिका निभाई। यहाँ भी उनके काम की खूब प्रंशसा हुई।

इन्होने परियोजना निदेशक के रूप में भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके द्वारा जुलाई 1982 में रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया। इसके बाद भारत भी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया।

डॉ. कलाम ने ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ जैसी मिसाइलों का आविष्कार कर भारत की शक्ति को बढ़ाया तथा विश्वस्तर पर भी भारत के मान-सम्मान एवं गौरव को बढ़ाया। इन्होने अपने जीवन का अधिकांश समय अनुसंधान को समर्पित कर दिया। परमाणु क्षेत्र में इनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। इनके कुशल नेतृत्व में 1 मई, 1998 का प्रसिद्ध पोखरण परीक्षण किया, जिसकी गूंज सारे विश्व में सुनाई दी। भारत में बैलिस्टिक मिसाइल के विकास के लिये दिये गये अपने महान योगदान के कारण वह “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में जाने गए।

राष्ट्रपति के रूप में योगदान –

डॉ. अब्दुल कलाम पहले ऐसे वैज्ञानिक थे, जो बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के भारत के राष्ट्रपति थे। जब श्री के. आर. नारायणन का राष्ट्रपति पद से कार्यकाल पूरा हुआ, तभी डॉ. अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। 90% प्रतिशत बहुमत के साथ 25 जुलाई, 2002 को ये भारत के 11वें रष्ट्रपति बने। यह एक ऐसे राष्ट्रपति थे, जो अपनी मेहनत के बल पर झोंपड़ी से उठकर राष्ट्रपति पद पर पहुंचे हैं। 25 जुलाई, 2002 से 25 जुलाई, 2007 तक वह भारत के राष्ट्रपति पद पर सुशोभित रहे। इन्होने राष्ट्रपति पद पर रहते हुए पूरी निष्पक्षता और निष्ठा से कार्य किया।

राष्ट्रपति पद को छोड़ने के बाद, डॉ. कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद, भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर व भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर के मानद फैलो एवं एक विजिटिंग प्रोफेसर बन गए। इन्होने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और अन्ना विश्वविद्यालय में सूचना प्रौद्योगिकी और अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पढ़ाने का कार्य भी किया। डॉ. कलाम क़ुरान और भगवद् गीता दोनों का अध्ययन करते थे तथा हिंदू संस्कृति में विश्वास रखते थे।

इन्होने अपने जीवनकाल में मर्मस्पर्शी कविताओं का सृजन किया और एक लेखक के रूप में ‘इंडिया 2020-ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम’, ‘इग्नाइटेड माइंड्स : अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया’, मॉय जर्नी, ‘एनविजनिंग अनएम्पावर्ड नेशन : टेक्नोलॉजी फॉर सोसायटल ट्रांसफॉर्मेशन’ आदि कृतियों का निर्माण भी किया। ये रूद्रवीणा के वादन में भी कुशल थे।

डॉ. कलाम का जीवन सिर्फ वैज्ञानिक प्रयोगों एवं राजनीति तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि सामाजिक जीवन को उच्च स्तर पर लाने के लिए भी वह समर्पित रहे। उनकी सोच एक राष्ट्रवादी सोच थी। भारत को एक सबल और सक्षम राष्ट्र बनाना उनका सपना था। इस महान वैज्ञानिक ने 27 जुलाई, 2015 को शिलांग में अपनी अंतिम सांसे ली। 30 जुलाई 2015 को इनको पूरे सम्मान के साथ रामेश्वरम के पी. करूम्बु ग्राउंड में दफ़ना दिया गया।

सम्मान एवं पुरस्कार –

डॉ. अब्दुल को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मान से सम्मानित किया गया, जैसे पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न, इंदिरा गांधी अवार्ड, वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवार्ड आदि। भारत सरकार द्वारा इन्हे 1981 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण का सम्मान प्रदान किया। 1997 में राष्ट्रपति श्री के० आर० नारायणन द्वारा इन्हे भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ प्रदान किया गया, जो उनके वैज्ञानिक अनुसंधानों और भारत में तकनीकी के विकास में अभूतपूर्व योगदान हेतु दिया गया था।

इसके आलावा इन्हे लगभग 40 विश्वविद्यालयों द्वारा मानद डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्रदान की गयी थीं। कलाम के 79वें जन्मदिन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘विश्व विद्यार्थी दिवस’ के रूप में मनाया गया था। स्विट्ज़रलैंड की सरकार ने वर्ष 2005 में डॉ. कलाम के स्विट्ज़रलैंड आगमन के उपलक्ष्य में 26 मई को ‘विज्ञान दिवस’ घोषित किया।

उपसंहार –

डॉ. अब्दुल का जीवन हम भारतीयों के लिए प्रेरणा स्रोत है। डॉ. कलाम एक पूर्णतः धर्म निरपेक्ष वैज्ञानिक थे। वह भारत के राष्ट्रपति बनने के बाद भी हमेशा देश कल्याण की चिंता में ही डूबे रहते हैं। उनकी योग्यता, सरलता और विनम्र स्वभाव के कारण सभी लोग उनसे आज भी प्रभावित हैं। आज डॉ. कलाम भले ही हमारे बीच नहीं हैं, किन्तु वह देश के नन्हें-मुन्नों की चमकती आंखों, युवकों की आंखों में झिलमिलाते सपनों और बुजुर्गों की उम्मीदों में सदा अमर रहेंगे। हम उनके सपनों का भारत बनाकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।

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a p j abdul kalam essay hindi

ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – Essay On Apj Abdul Kalam in Hindi

Essay On Apj Abdul Kalam in Hindi

देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम आजाद, भारत के एक प्रख्यात भारतीय वैज्ञानिक होने के साथ-साथ भारत के 11वें एवं पहले गैर राजनीतिज्ञ राष्ट्रपति थे, जिन्हें “मिसाइल मैन” के नाम से भी जाना जाता था।

डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम आजाद का प्रभावशाली व्यक्तित्व और प्रेरणात्मक विचार हमेशा ही युवाओं के अंदर आगे बढ़ने का जोश भरते हैं, वहीं अब्दुल कलाम जी के महान जीवन के महत्व को समझने के लिए और उनकी उपलब्धियों एवं देश के लिए दिए गए योगदान के बारे में बच्चों को बताने के लिए अक्सर स्कूल/कॉलेजों में आयोजित परीक्षाएं अथवा निबंध लेखन प्रतियोगिताओं में निबंध लिखने के लिए कहा जाता है।

इसलिए हम अपने इस लेख में ‘डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद’ जी के विषय पर अलग-अलग शब्द सीमाओं में निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसका आप अपनी जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल कर सकते हैं –

ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – Essay On Apj Abdul Kalam in Hindi

Essay On Apj Abdul Kalam in Hindi

ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – Essay On Apj Abdul Kalam in Hindi 500 Words

प्रस्तावना

देश के पूर्व राष्ट्रपति एवं ‘अग्नि’ मिसाइल को उड़ान देने वाले भारत के प्रख्यात और मशहूर वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को उनके द्धारा देश के विकास में किए गए महत्वपूर्ण योगदान और विशिष्ट कामों के लिए हमेशा याद किया जाएगा। वे लोगों के बीच ‘जनता के प्रिय राष्ट्रपति’ और ‘भारत के मिसाइल मैन’ के रुप में हमेशा जीवित रहेंगे।

ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का परिचय एवं प्रारंभिक जीवन

15 अक्टूबर, साल 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक मछुआरे के घर में जन्में ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का शुरुआती जीवन बेहद संघर्षपूर्ण रहा था। उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। वे जैनुलअबिदीन और अशिअम्मा की सबसे छोटी संतान थे।

बेहद गरीब घर में पैदा होने की वजह से उन्हें अपनी शिक्षा ग्रहण करने में काफी संघर्ष करना पड़ा। वहीं अब्दुल कलाम जी अखबार बेचकर जो भी पैसे कमाते थे, वे उससे अपनी स्कूल की फीस भरते थे, कठिन परिस्थितियों में उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी, और बाद में देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति के पद पर शोभायमान हुए और भारत के सबसे मशहूर वैज्ञानिक के रुप में अपनी पहचान बनाई।

एपीजे अब्दुल कलाम जी का सरल स्वभाव एवं प्रेरक व्यक्तित्व

भारत के मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम आजाद विलक्षण एवं बहुमुखी प्रतिभा के बेहद सौम्य एवं सरल स्वभाव वाले व्यक्ति थे। जिन्होंने अपने प्रभावशाली व्यक्तित्व का प्रभाव दुनिया के हर व्यक्ति पर छोड़ा था।

अपने जीवन में तमाम संघर्षों के बाबजूद भी वे कभी कमजोर नहीं पढ़े, और अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहे और अपने जीवन में तरक्की के पथ पर आगे बढ़ते चले गए। कलाम जी के महान विचार और प्रखर वाकशक्ति हर किसी को मंत्र-मुग्ध करती थी और नौ जवानों के दिल में कुछ नया करने का जोश भरती थी। उनकी दूरगामी सोच का अंदाजा उनके द्दारा लिखी गईं किताबों और उनके महान कामों द्धारा लगाया जा सकता है। उनका कहना था कि –

“सपने वो नहीं है जो आप सोते वक्त देखें, बल्कि सपने वो हैं जो आपको नींद नहीं आने दें”

इसके अलावा भी उनके कई ऐसे महान विचार थे, जिन्हें पढ़ने के बाद आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।

अब्दुल कलाम आजाद के जीवन की सफलताएं एवं योगदान

अब्दुल अलाम आजाद एक पायलट बनकर आसमान की अनन्त ऊंचाइयों का नापना चाहते थे, वे अपने इस सपने को तो सच नहीं कर सके, लेकिन उन्होंने अपने तमाम असफलताओं से सीख लेकर अपने जीवन में कई ऐसी सफलताएं हासिल की, जिनके सामने कई सामान्य पायलटों की उड़ान भी बहुत छोटी नजर आती है।

आपको बता दें कि एपीजे अब्दुल कलाम आजाद साल 1992 में एक भारतीय रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार के रुप में नियुक्त किए गए, जिसके बाद उन्होंने देश के सबसे बड़े संगठन डीआरडीओ और इसरो के साथ काम किया।

वहीं साल 1998 में उनकी देखरेख में पोखरण में दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया गया, जिसके बाद भारत परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों की लिस्ट में शुमार हो गया।

इसके अलावा उन्होंने साल 1963-64 के दौरान अमेरिका के अंतरिक्ष संगठन नासा की यात्रा की। यही नहीं वैज्ञानिक के तौर पर कलाम जी भारत के तमाम अंतरिक्ष कार्यक्रम और विकास कार्यक्रमों से भी जुड़े रहे। भारत की अग्नि मिसाइल को उड़ान देने की वजह से उन्हें मिसाइल मैन भी कहा गया।

डॉ. एपीजे अब्दुल अलाम आजाद ने तकनीकी एवं विज्ञान में अपना विशेष योगदान दिया, जिसके लिए उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न समेत पदम भूषण, पदम विभूषण आदि से सम्मानित किया गया। और दुनिया में करीब 30 से ज्यादा विश्वविद्यालयों ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा।

यही नहीं उनके इस महत्पूर्ण योगदान की वजह से ही साल 2002 में उन्हें भारत का राष्ट्रपति चुना गया, वे देश के पहले वैज्ञानिक और गैरराजनीतिज्ञ राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति के रुप में उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई देशों का दौरा किया और अपने प्रभावशाली व्याख्यानों के माध्यम से भारत के नौजवानों का मार्गदर्शन किया और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

उपसंहार

वे भारत के ऐसे इकलौते राष्ट्रपति थे, जो राजनीति बैकग्राउंड से नहीं थे। भारत को परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्र बनाने और विज्ञान एवं अनुसंधान के क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण योगदान देने की वजह से उन्होंने राष्ट्रपति के पद को सुशोभित किया। और अपने दूरगामी सोच से भारत के विकास को एक नई दिशा दी और लोगों के प्रेरणास्त्रोत बन गए।

ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – APJ Abdul Kalam Nibandh

मिसाइल मैन अब्दुल कलाम आजाद ने एक वैज्ञानिक से लेकर राष्ट्रपति के पद तक का शानदार सफर को तय किया है। और लोगों के बीच एक जमीन से जुड़े राष्ट्रनेता, शिक्षक और लेखक के तौर पर अपनी पहचान विकसित की है। खास बात तो यह है कि उनके अंदर सीखने की जिज्ञासा इतनी थी कि वे अपनी जिंदगी के अंतिम क्षणों तक खुद को एक लर्नर बताते रहे।

देश के सबसे पहले गैरराजनीतिज्ञ राष्ट्रपति के रुप में अब्दुल कलाम आजाद

भारत की ‘अग्नि’ मिसाइल को उड़ान देने वाले मशहूर वैज्ञानिक अब्दुल कलाम आजाद के विज्ञान एवं भारतीय अनुसंधान एवं रक्षा के क्षेत्र में दिए गए अपूर्व योगदान और भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाने की बदौलत उनकी ख्याति पूरी दुनिया में फैलने लगी और अपने विशिष्ट कामों की बदौलत उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई, इसके साथ ही अपने नाम का लोहा पूरी दुनिया में मनवाया।

वहीं इसे देख राजनीतिक पार्टियां भी उनके नाम को भुनाने की जुगत में लग गई और फिर साल 2002 में डॉ. एपीजे अब्दुल अलाम आजाद को बीजेपी द्धारा समर्थित NDA घटक दलों ने राष्ट्रपति चुनाव के वक्त उन्हें अपना उम्मीदवार के तौर पर खड़ा किया, जिसका विपक्ष ने भी खुलकर समर्थन किया, इसके बाद 18 जुलाई, साल 2002 में एपीजे अब्दुल कलामजी ने देश के 11वें राष्ट्रपति के पद की शपथ ले ली।

कलाम साहब देश के ऐसे राष्ट्रपति बने जिनका राष्ट्रपति बनने से पहले राजनीति से कोई वास्ता नहीं था,इसके साथ ही वे देश के पहले वैज्ञानिक थे, जो इस पद पर शोभायमान हुए। उनकी जिंदगी में सुख-सुविधाओं की कमी होने के बाबजूद भी वे अपने दृढ़संकल्पों के साथ आगे बढ़ते रहे, और भारत के सर्वोच्च पद पर विराजमान हुए, उनके आदर्श जीवन से हम सभी को प्रेरणा मिलती है।

वहीं अगर उनके बताए गए विचारों को हम सभी अपने जीवन में उतार लें तो अपनी जिंदगी में असीम सफलता हासिल कर सकते हैं।

राष्ट्रपति पद छोड़ने का बाद का सफर

भारत के 11वें राष्ट्रपति के तौर पर 5 साल तक देश की सेवा करने के बाद भी वे अपने काम के प्रति समर्पित रहे और राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होते ही वे फिर से शिक्षण, लेखन, और सार्वजनिक सेवा में लौट आए। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी तिरुवनंतपुरम के चांसलर और अन्ना यूनिवर्सिटी के एरोस्पेस इंजीनियरिंग कॉलेज में टीचर बनकर अपनी जीवन की आखिरी सांस तक काम करते रहे।

देश के सर्वोच्च सम्मान ‘ भारत रत्न ‘ से सम्मानित एपीजे अब्दुल कलाम जी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत है, उन्होंने जिस तरह अपने जीवन में तमाम संघर्ष कर देश के सबसे ऊंचे पद का गौरव हासिल किया, उससे हम सभी को सीखने की जरूरत है।

ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – essay on apj abdul kalam in hindi 100 words

वे भारत के ऐसे राष्ट्रनेता थे, जिनके ऊपर कभी किसी तरह के कलंक नहीं लगा और हर जाति,धर्म, समुदाय के लोगों के दिल में उनके लिए सम्मान की भावना थी, यही अब्दुल कलाम जी की महानता का विशिष्ट प्रमाण है।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद के जीवन की कुछ दिलचस्प बातें इस प्रकार हैं –

• डॉक्टर अब्दुल कलाम जी पायलट बनना चाहते थे, लेकिन उनका सपना पूरा नहीं हो सका, फिर भी वो हिम्मत नहीं हारे और जो भी मौका मिला उसे न सिर्फ पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ स्वीकार किया बल्कि उस पर वे खरे भी उतरे और अपने बुंलद हौसलों के चलते पूरी दुनिया के सामने एक मशहूर वैज्ञानिक, चहेते राष्ट्रपति और प्रख्यात टीचर के रुप में अपनी पहचान बनाई।

• अपनी गरीबी को उन्होंने कभी अपनी शिक्षा के आड़े नहीं आने दिया और अखबार बेचकर उन्होंने हायर एजुकेशन प्राप्त की। आपको बता दें कि अब्दुल कलाम जी ने सेंट जोसेफ कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की।

• अब्दुल कलाम जी ने कभी भी अपने पद और प्रसिद्धता का घमंड नहीं किया और वे आम लोगों के साथ भी काफी अच्छे संबंध बनाकर रखते थे, इसलिए उन्हें “पीपुल्स प्रेसिडेंट” अर्थात ‘जनता के राष्ट्रपति’ भी कहा जाता है।

• अब्दुल कलाम जी को पढ़ने-लिखने का बेहद शौक था, वे किताबों को ही अपना प्रिय मित्र मानते थे, इसलिए उन्होंने अपने घर में एक निजी लाइब्रेरी भी बना रखी थी, जिसमें हजारों किताबें थी।

• डॉ. कलाम को छात्रों से बेहद लगाव था, एक अच्छे अध्यापक के रुप में वे हमेशा विद्यार्थियों की जिज्ञासा को शांत करने का प्रयास करते थे। यहां तक की अपनी जीवन के अंतिम पलों में भी IIM Shillong में स्टूडेंट्स को संबोधित कर रहे थे। वहीं विद्यार्थियों के प्रति उनके अत्याधिक प्रेम और स्नेह को देखकर संयुक्त राष्ट्र ने उनके जन्मदिवस को विद्यार्थी दिवस के रुप में भी बनाने का फैसला लिया है।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी जैसे महान शख्सियत का जन्म लेना भारत के लिए गौरव की बात है। मिसाइल मैन की महान सोच और विशिष्ट कामों की वजह से ही आज भारत एक परमाणु रुप से संपन्न और शक्तिशाली राष्ट्र बन सका है।

  • Essay in Hindi

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2 thoughts on “ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – Essay On Apj Abdul Kalam in Hindi”

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Thank you, bahut help ayi hei,

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Bahut hi inspire karne wali APJ sir Ki biography likhne ke liye thanks..

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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

by StoriesRevealers | May 8, 2020 | Essay in Hindi | 1 comment

Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi : एपीजे अब्दुल कलाम, जिन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता हैं। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को पूर्व मद्रास राज्य के द्वीप शहर रामेश्वरम में एक मध्यम-वर्गीय तमिल परिवार में हुआ था। उनके पिता जैनुलाब्दीन के पास ज्यादा औपचारिक शिक्षा नहीं थी, लेकिन उनके पास महान ज्ञान का मोती था।

उनकी माँ आशियम्मा एक देखभाल करने वाली और प्यार करने वाली गृहिणी थीं। एपीजे अब्दुल कलाम घर के कई बच्चों में से एक थे। वह उस पैतृक घर में रहते थें और अपने बड़ें परिवार के एक छोटे से सदस्य थे।

Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एपीजे अब्दुल कलाम लगभग 8 वर्ष के बच्चे थे। वह युद्ध की जटिलता को नहीं समझ सकते थे। लेकिन उस दौरान बाजार में अचानक इमली के बीज की मांग बढ़ने लगी। और उस अचानक मांग के लिए, कलाम बाजार में इमली के बीज बेचकर अपनी पहली मजदूरी अर्जित करने में सक्षम हुए। उन्होंने अपनी आत्मकथा में उल्लेख किया है कि वह इमली के बीज एकत्र करते थे और उन्हें अपने घर के पास एक प्रावधान की दुकान में बेचते थे।

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युद्ध के दिनों के दौरान उनके बहनोई जल्लालुद्दीन ने उन्हें युद्ध की कहानियों के बारे में बताया। बाद में कलाम को दिनामनी नामक अखबार में युद्ध की उन घटनाओं का पता चला। अपने बचपन के दिनों में, एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने चचेरे भाई समसुद्दीन के साथ समाचार पत्र बाटने का काम भी किए।

एपीजे अब्दुल कलाम बचपन से ही एक प्रतिभाशाली बच्चे थे। उन्होंने शवार्ट्ज हायर सेकेंड्री स्कूल, रामनाथपुरम से हाई स्कूल पास किया और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाख़िला लिया। और वहाँ से उन्होंने अपनी विज्ञान में ग्रेजुएशन कि डिग्री प्राप्त की। और 1958 में वह DRDO में काम करने लगे। बाद में वह ISRO में चले गए। जहाँ वह SLV3 प्रोजेक्ट के मुख्य प्रशिक्षक बन गए। यह उल्लेख करने के लिए उपयुक्त है कि अग्नि, आकाश, त्रिशूल, पृथ्वी आदि मिसाइलें उस परियोजना का हिस्सा थी। 

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एपीजे अब्दुल कलाम को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें 2011 में IEEE Honorary सदस्यता से सम्मानित किया गया। 2010 में वाटरलू विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की। सिवाय इसके एपीजे कलाम को 2009 में यूएसए के एएसएमई फाउंडेशन से हूवर मेडल भी मिला, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, यूएसए से उन्हें (2009) में इंटरनेशनल वॉन कॉरमैन विंग्स अवार्ड मिला और, नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, सिंगापुर से उन्हें डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग (2008) में सम्मानित किया गया, किंग चार्ल्स 2 मेडल, यूके 2007 में और इसके इलावा और भी बहुत कुछ। उन्हें भारत सरकार द्वारा द भारतरत्न,  पदम् विभूषण, पदम् भूषण से भी सम्मानित किया गया है।

एपीजे अब्दुल कलाम का यह लेख अधूरा रहेगा यदि मैं देश के युवाओं के प्रति उनके योगदान का उल्लेख नहीं करता। डॉ। कलाम ने हमेशा देश के युवाओं को देश के विकास के लिए काम करने के लिए प्रेरित करके उनके जिवन को सफल बनाने का प्रयास किया। अपने जीवनकाल के दौरान डॉ कलाम ने कई शिक्षण संस्थानों का दौरा किया और छात्रों के बीच अपना बहुमूल्य समय दिया।

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दुर्भाग्य से, एपीजे अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को कार्डियक अरेस्ट के कारण हो गया। एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु को हमेशा भारतीयों के लिए सबसे दुखद क्षणों में से एक माना जाएगा। वास्तव में, एपीजे अब्दुल कलाम का निधन भारत के लिए बहुत बड़ी क्षति थी। अगर आज एपीजे अब्दुल कलाम होते तो भारत और तेजी से विकसित होता।

Thanks for Reading: Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

Srikanth

Fine way of describing, and fastidious article to get data regarding my presentation topic, which i am going to present in school.

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Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay In Hindi

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay In Hindi

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – essay on dr. a.p.j. abdul kalam in hindi.

संकेत बिंदु –

  • शिक्षा-दीक्षा
  • राष्ट्रपति डॉ कलाम
  • सादा जीवन उच्च विचार निबंध-लेखन
  • मिसाइल मैन डॉ० कलाम
  • सम्मान एवं अलंकरण

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न  हिंदी निबंध  विषय पा सकते हैं।

प्रस्तावना – भारत भूमि ऋषियों-मुनियों और अनेक कर्मवीरों की जन्मदात्री है। यहाँ अनेक महापुरुष पैदा हुए हैं तो देश का नाम शिखर तक ले जाने वाले वैज्ञानिक भी हुए हैं। इन्हीं में एक जाना-पहचाना नाम है- डॉ० ए०पा. ने० अब्दुल कलाम का जिन्होंने दो रूपों में राष्ट्र की सेवा की। एक तो वैज्ञानिक के रूप में और दूसरे राष्ट्रपति के रूप में। देश उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जानता-पहचानता है।

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जीवन-परिचय – डॉ० कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम् नामक कस्बे में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलाबदीन और माता का नाम अशियम्मा था। इनके पिता पढ़े-लिखे मध्यमवर्गीय व्यक्ति थे जो बहुत धनी न थे। इनकी माता आदर्श महिला थीं। इनके पिता और रामेश्वरम मंदिर के पुजारी में गहरी मित्रता थी, जिसका असर कलाम के जीवन पर भी पड़ा। इनके पिता रामेश्वरम् से धनुषकोडि तक आने-जाने के लिए तीर्थयात्रियों के लिए नौकाएँ बनवाने का कार्य किया करते थे।

Essay On Dr. A.P.J. Abdul Kalam In Hindi

शिक्षा-दीक्षा – डॉ० कलाम की प्रारंभिक शिक्षा तमिलनाडु में हुई। इसके बाद वे रामनाथपुरम् के श्वार्ज़ हाई स्कूल में भर्ती हुए। हायर सेकंडी की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पूरी करने के बाद इंटर की पढ़ाई के लिए सेंट जोसेफ कॉलेज में प्रवेश लिया। यहाँ चार साल तक पढ़ाई करने और बी०एस०सी० प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने ‘हिंदू पत्रिका’ में विज्ञान से संबंधित लेख-लिखने लगे। उन्होंने एअरोनॉटिक्स इंजीनियरिंग में डिप्लोमा भी किया।

मिसाइल मैन डॉ० कलाम – डॉ० कलाम को अपने कैरियर की चिंता हुई। वे भारतीय वायुसेना में पायलट पद के लिए चुने गए पर साक्षात्कार में असफल रहे। इसके बाद वे वर्ष 1958 में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन से जुड़ गए। उनकी पहली नियुक्ति हैदराबाद में हुई। वहाँ वे पाँच वर्षों तक अनुसंधान सहायक के रूप में कार्य करते रहे। उन्होंने यहाँ वर्ष 1980 तक कार्य किया और अंतरिक्ष विज्ञान को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश भाग अनुसंधान को समर्पित कर दिया। परमाणु क्षेत्र में उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। उनके नेतृत्व में 1 मई, 1998 का प्रसिद्ध पोखरण परीक्षण किया गया। मिसाइल कार्यक्रम को नई ऊँचाई तक ले जाने के कारण उन्हें मिसाइल मैन कहा जाता है।

राष्ट्रपति डॉ० कलाम – भारत के गणराज्य में 25 जुलाई, 2002 को वह सुनहरा दिन आया, जब मिसाइल मैन के नाम से मशहूर डॉ० कलाम ने राष्ट्रपति का पद सुशोभित किया और इसी दिन पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। यद्यपि उनका संबंध राजनीति की दुनिया से कोसों दूर था फिर भी संयोग और भाग्य के मेल से उन्होंने भारत के बारहवें राष्ट्रपति के रूप में इस पद को सुशोभित किया। उन्होंने राष्ट्रपति पद पर रहते हुए निष्पक्षता और पूरी निष्ठा से कार्य किया।

सम्मान एवं अलंकरण – डॉ० कलाम ने जिस परिश्रम से परमाणु एवं अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊँचाई तक पहुँचाया उसके लिए उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित एवं अलंकृत किया गया। उन्हें वर्ष 1981 में पद्म विभूषण एवं वर्ष 1990 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया। ‘भारत रत्न’ से सम्मानित होने वाले वे देश के तीसरे वैज्ञानिक हैं।

सादा जीवन उच्च विचार – डॉ० कलाम पर गांधी जी के विचारों का प्रभाव था। वे सादगीपूर्वक रहते थे। उनके विचार अत्यंत उच्च कोटि के थे। वे बच्चों से लगाव रखते थे। वे विभिन्न स्कूलों में जाकर बच्चों का उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करते थे। वे आज का काम आज निपटाने में विश्वास रखते थे। बच्चों को प्यार करने वाले डॉ० कलाम की मृत्यु भी बच्चों के बीच सन् 2015 में उस समय हुई जब वे उनके बीच अपने अनुभव बाँट रहे थे।

उपसंहार – डॉ० कलाम अत्यंत निराभिमानी व्यक्ति थे। वे परिश्रमी और कर्तव्यनिष्ठ थे। एक वैज्ञानिक होने के साथ ही उन्होंने मिसाइल कार्यक्रम को नई ऊँचाई पर पहुँचाया तो राष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने देश की प्रगति में भरपूर योगदान दिया। उनका जीवन हम भारतीयों के लिए प्रेरणा स्रोत है।

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एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, जिन्हें ‘मिसाइल मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से भी जाना जाता है, उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। डॉ. कलाम का जीवन कई लोगों के लिए विशेष रूप से युवा छात्रों के लिए प्रेरणा दायक है। आपको विभिन्न अवसरों पर एपीजे अब्दुल कलाम के जीवनी पर भाषण देने की आवश्यकता पड़ सकती है, यहां कुछ भाषण आपकी सहायता के लिए दिये है।

एपीजे अब्दुल कलाम पर लम्बे तथा छोटे भाषण (Long and Short Speech on A.P.J. Abdul Kalam in Hindi)

भाषण – 1 (छोटे बच्चो के लिए छोटा भाषण).

सभी को सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षकगण, और मेरे प्यारे दोस्तों। इस अवसर पर उपस्थित रहने के लिए मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूं और एपीजे अब्दुल कलाम पर कुछ शब्द कहने का अवसर देने के लिए मैं अपने कक्षा शिक्षक को भी धन्यवाद देना चाहता हूं।

मैं थोड़ा उलझन में हूं कि कहां से शुरू करूं क्योंकि श्री अब्दुल कलाम एक बहुमुखी चरित्र थे। उन्होंने कभी सिनेमा में काम नहीं किया लेकिन असल जिंदगी में वे हीरो थे। इंटरनेट पर हजारों प्रेरणादायक उद्धरण हैं और वास्तव में सभी के लिए एक जीवंत प्रेरणा थी।

श्री कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उनका जन्म एक औसत परिवार में हुआ था और वो भारत के 11वां राष्ट्रपति बने। एक राष्ट्रपति के अलावा, वह एक महान वैज्ञानिक भी थे जिन्होंने भारत में मिसाइलों को पेश किया और “भारत के मिसाइल मैन” की उपाधि प्राप्त की।

वह दयालु, विनम्र, प्रतिभाशाली, मददगार, एक महान नेता आदि थे। मुझे नहीं लगता कि कोई ऐसा क्षेत्र था जिसमें वह विशेषज्ञ नहीं थे। उनका पूरा जीवन एक प्रेरणा है और सीखने के लिए बहुत कुछ है, जिस तरह से उन्होंने व्यवहार किया लोग वास्तव में उल्लेखनीय थे। वह शून्य नफरत वाले व्यक्ति थे और जब उन्होंने हमें छोड़ा तो पूरा देश रोया। मैं उनके एक सुंदर विचार के साथ अपना भाषण समाप्त करना चाहूंगा:

“हम सभी के पास समान प्रतिभा नहीं है। लेकिन, हम सभी के पास अपनी प्रतिभा को विकसित करने का समान अवसर है।”

भाषण – 2 (अब्दुल कलाम के जन्मदिन के लिए भाषण)

प्रिय दर्शको

आज 15 अक्टूबर, विश्व प्रसिद्ध ‘मिसाइल मैन ऑफ इंडिया’ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म दिवस है। वे डीआरडीओ ( रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) के सबसे प्रसिद्ध व्यक्तियों में से एक रहे और यही कारण है कि हम डीआरडीओ में उनके जन्मदिवस को बहुत उत्साह से मनाते हैं। डॉ. कलाम की पूरी जीवन यात्रा हर किसी के लिए और खासकर डीआरडीओ में काम करने वाले लोगों के लिए सदैव ही प्रेरणा दायक रहा है।

अब्दुल कलाम एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक और इंजीनियर थे। उन्होंने वर्ष 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में भी कार्य किया। वर्ष 2002 में राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने से पहले ही, वे एक बहुत सफल और लोकप्रिय व्यक्ति थे।

डॉ. कलाम ने डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) और इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) जैसे विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में विज्ञान प्रशासक और वैज्ञानिक के रूप में चार दशकों से अधिक समय व्यतीत किया।

डॉ. कलाम तमिलनाडु के एक बहुत साधरण दक्षिण भारतीय परिवार में पैदा हुए थे। उनके पिता नाव का निर्माण करते थे तथा तट पर काम कर रहे मछुआरों को नाव किराए पर दिया करते थे। बच्चे के रूप में, डॉ. कलाम एक बेहद होनहार छात्र थे; उनका उड़ान के प्रति आकर्षण बहुत अधिक था औऱ उसके अध्ययन के लिए उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में अपनी डिग्री प्राप्त की। हालांकि वह एक लड़ाकू पायलट में बनना चाहते थे लेकिन वे आईएएफ (भारतीय वायुसेना) द्वारा उसके लिए दक्षता प्राप्त नहीं कर पाये थे।

उसके बाद वे एक वैज्ञानिक के रूप में डीआरडीओ में शामिल हो गए और बाद में उन्हें इसरो में स्थानांतरित कर दिया गया, अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के कारण, वे अंततः तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार बने। एक राष्ट्रीय सलाहकार के रूप में, उन्होंने विश्व प्रसिद्ध परमाणु परीक्षणों में पोखरण II में एक प्रमुख भूमिका निभाई।

डॉ. कलाम पीपुल्स प्रेसिडेंट के रूप में जाने जाते है, डॉ. कलाम ने एक अवधि की सेवा के बाद राष्ट्रपति पद छोड़ दिया। बाद में वे अन्ना विश्वविद्यालय में प्राचार्य बन गए और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग पढ़ाने लगे। वह एक विजिटिंग प्रोफेसर भी थे और वे अलग-अलग संस्थानों में जाके वहां के युवा छात्रों और लोगों को प्रेरित करते थे।

डॉ. कलाम की जीवन यात्रा हम सब के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत है। वे एक प्रसिद्ध राष्ट्रवादी थे और दुनिया उन्हें “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” के उपनाम से जानती है।

हालांकि एक व्यावहारिक मुसलमान होकर भी उन्होंने खुद को भारत की व्यापक संस्कृति में शामिल किया। अपने खाली समय में, वे भारतीय शास्त्रीय संगीत सुनते थे और हिंदू धर्म के सबसे पवित्र ग्रंथों में से एक भगवत गीता का अध्ययन करते थे।

डॉ. कलाम ने 40 से अधिक विश्वविद्यालयों से कई पुरस्कार और मानद उपाधि अर्जित की। उन्हें 1981 में पद्म भूषण पुरस्कार, वर्ष 1909 में पद्म विभूषण और भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी का आधुनिकीकरण करने तथा उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ष 1997 में भारत ‘भारत रत्न’ का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार प्रदान किया गया। एक महान वैज्ञानिक और एक महान व्यक्तित्व होने के अलावा, वे एक उग्र लेखक भी थे। उन्होंने 1999 में अपनी आत्मकथा “विंग्स ऑफ फायर” समेत कई किताबें लिखीं, जो भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा दायक है।

डॉ. कलाम हमेशा एक साधारण जीवन जीते थे और वह एक उदार व्यक्तित्व के व्यक्ति थे। वे भारत के गौरव के लिए सदैव कुछ न कुछ करना चाहते थे और करते भी थे। उन्होंने वर्ष 2011 में “वॉट कैन आई गीव मुवमेंट” का सृजन किया, यह एक दयालु समाज के विकास के उद्देश्य से बनाया गया था।

दिल का दौरे पड़ने के कारण डॉ. कलाम का 27 जुलाई, 2015 को निधन हो गया। अपनी आखिरी यात्रा के दौरान, वह आईआईएम (भारतीय प्रबंधन संस्थान), शिलांग में एक भाषण दे रहे थे।

जिसने राष्ट्र के सैन्य आधार को मजबूत करने और अपने बौद्धिक तथा नैतिक विचारों के माध्यम से दुनिया को प्रबुद्ध करने के लिए भारतीय राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कड़ी मेहनत की।

मुझे ऐसे महान व्यक्तित्व के बारे में बस इतना ही कहना था।

भाषण – 3 (शिक्षक द्वारा कक्षा में बोलने के लिए डॉ कलाम पर भाषण)

प्रिय छात्रो – आप सभी को सुप्रभात!

आज की कक्षा बाकी कक्षाओं से थोड़ी अलग होने जा रही है, क्योंकि आज मैं आपके पाठ्यपुस्तक से जुड़े किसी भी विषय पर चर्चा करने नहीं जा रहा हूं, बल्कि मैं आपको एक प्रतिष्ठित व्यक्ति के व्यक्तित्व के बारे में बातने जा रहा हूँ जिसकी प्रशंसा हर कोई करता है वो है हमारे आदरणीय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जिन्हें लोग अपनी प्रेरणा मानते है और उन्हें मिसाइल मैन ऑफ इंडिया का शीर्षक भी प्रदान किया गया, वे हमारे भारत के 11वें राष्ट्रपति भी रहे, परन्तु हमे खेद है कि आज ये प्रतिष्ठित व्यक्ति हमारे बीच नहीं रहे। वे एक महान वैज्ञानिक, गहन विचारक और प्रेरक वक्ता भी थे।

हम सभी के लिए वास्तव में एक प्रेरणादायक व्यक्ति डॉ. कलाम जिन्होंने भारत के एक दूर-दराज के रामेश्वरम नामक दक्षिणी भारतीय गांव में एक बहुत ही सामान्य पृष्ठभूमि वाले परिवार में जन्म लिया था। यह वह स्थान था, जहां उन्हें एक चलती ट्रेन से फेंके जाने वाले समाचार पत्रो के बंडलों को इकट्ठा करने का पहला काम मिला। उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को हर किसी, खासतौर से बच्चों के साथ साझा किया और बताया है कि, कैसे वे अपनी पहली कमाई और काम करने के उन दिनों को याद करके कीतना गर्व महसूस करते है।

लेकिन ये महान व्यक्ति जिसने लाखों लोगों को प्रेरित किया, उन्होंने भी कई प्रतिष्ठित लोगों से प्रेरणा ली जिनसे उन्हें भारत के मिसाइल मैन की उपाधि प्राप्त करने में मदद मिली। आइए उन व्यक्तित्वों में से एक के बारे में जानें जिन्होंने डॉ. कलाम के व्यक्तित्व को आकार देने में मदद की। सबसे पहले, इयादुराई सुलैमान जो कलाम के अध्यापक थे और जिससे कलाम को बहुत लगाव था। इयादुराई सुलैमान के सोच प्रक्रिया से कलाम बहुत प्रभावित हुए औऱ उन्होंने उन्हें एक मंत्र दिया, वह यह था कि  “जीवन में सफल होने और परिणामों को प्राप्त करने के लिए, आपको तीन शक्तिशाली शक्तियों, इच्छा, विश्वास और अपेक्षाओं को समझना चाहिए।”

इयादुराई सुलैमान वास्तव में एक महान शिक्षक थे, क्योंकि उन्होंने अपने छात्रों के व्यक्तित्व को आकार देने और उनके अन्दर आत्मनिर्भरता की भावना ढूंढने में उनकी सदैव मदद किया करते थे। उन्होंने अब्दुल कलाम को बताया कि “विश्वास के साथ, आप अपना भाग्य भी बदल सकते हैं।” यहीं से कलाम की वास्तविक यात्रा शुरू हुई औऱ उन्होंने लोगो को प्रेरणा दी और उनकी भलाई के लिए अनेक काम किए।

उन्हें इस बात पर दृढ़ विश्वास था कि, भले ही उनके माता-पिता अशिक्षित है फिर भी वह संसार में अपने कार्यो से एक अमिट छाप छोड़ सकते है। बचपन के दिनों में डॉ अब्दुल कलाम आकाश में पक्षियों को उड़ते देख उनसे बहुत ही प्रभावित रहते थे। इसके अलावा दिलचस्प बात यह भी थी कि वे रामेश्वरम से विमान यात्रा करने वाले पहले व्यक्ति बने।

कई सालों बाद जब अब्दुल कलाम मदुरै कामराज विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम में गये तो उन्होंने अपने सबसे पसंदीदा शिक्षक रेव इयादुराई सुलैमान को मंच पर देखा। जब उन्होंने अपना भाषण समाप्त किया तो, डॉ अब्दुल कलाम उनके आगे सिर झुकाया और कहा, “सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पुरे हो जाते हैं”।

उसके शिक्षक ने बदले में उनसे दबे हुए स्वर में कहा, “आपने न केवल अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया है, कलाम, बल्कि आपने उन्हें ग्रहण किया है”। डॉ कलाम ने हर काम में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और अपने कार्यो से न केवल अपने शिक्षक बल्कि पूरे देश को गर्व महसूस कराया। इसलिए छात्रों आप सभी उनके द्वारा बताये गये नक्शेकदम का पालन करे और ईमानदारी से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में कार्य करे।

भाषण – 4 (शिक्षक दिवस पर बोलने के लिए अब्दुल कलाम पर भाषण)

आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्रिय छात्रों!

आज 5 सितंबर है और हर साल की तरह हम शिक्षक दिवस मनाने के लिए यहां इकट्ठे हुए हैं। इस अवसर पर इस कार्यक्रम की मेजबानी करते हुए मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। आज शिक्षक दिवस के दिन, मैं उन महान व्यक्तित्वों में से एक के बारे में बात करना चाहता हूं। जो है डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, जिनकी मैं सदैव प्रशंसा करता हूं औऱ मुझे यकीन है कि उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए हर कोई इस महान मिसाइल मैन की प्रशंसा करता है।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मेरे लिए एक महान प्रेरणा स्त्रोत रहे है और उनकी पूरी जीवन यात्रा ने मेरे जीवन को सकारात्मक रुप से परिवर्तित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

हम सभी जानते हैं कि डॉ. कलाम एक भारतीय वैज्ञानिक और एक उदार राजनेता थे। जिन्होंने 2002 से 2007 तक राष्ट्रपति के रूप में भारत की सेवा की। डॉ. कलाम 15 अक्टूबर, 1931 को एक मुस्लिम परिवार में पैदा हुए थे। उनका पूरा नाम अवल पाकिर जैनुलबदीन अब्दुल कलाम है। डॉ कलाम एक तेज छात्र और आज्ञाकारी बालक थे, जिन्होंने आजीविका अर्जित करने में अपने परिवार की मदद की। उनका जन्म भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित धनुष्कोदी में हुआ था। एक बच्चे के रूप में डॉ. कलाम ने जब आकाश में पक्षियों को उड़ते देखा तब उनके मन में हवाई यात्रा के प्रति आकर्षण पैदा हुआ। डॉ. कलाम के विमान उड़ाने का शौक और भी दृढ हो गया, जब उन्होंने समाचार पत्र में ब्रिटिश लड़ाकू विमान के बारे में एक लेख देखा।

उनके पिता का पेशा नाव बनाने और उसे किराए पर देने का था। कलाम एक बहुत ही उज्ज्वल और मेहनती छात्र थे। अपने पिता का आर्थिक रुप से समर्थन करने के लिए वे अपने इलाके में समाचार पत्र वितरित किया करते थे, लेकिन वे हमेशा अध्ययन के प्रति रुचि रखते थे; वे बहुत ही होनहार छात्र थे, उन्हें विज्ञान और गणित में अधिक रुचि थी। स्कूल खत्म होने के बाद डॉ. कलाम सेंट जोसेफ कॉलेज गए और एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री अर्जित करने के लिए उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिल लिया।

वे हमेशा से एक होनहार छात्र थे और उन्होंने अपने स्कूल तथा कॉलेज में जितना संभव हो सके उतना ज्ञान हासिल किया। डॉ. कलाम स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत के रक्षा विभाग में भर्ती हो गए। भारत की परमाणु क्षमता के विकास में वे प्रमुख व्यक्तियों में से एक थे। उन्होंने अपने योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान अर्जित किया। 1998 में विभिन्न सफल परीक्षणों के लिए राष्ट्रीय नायक कलाम को ‘मिसाइल मैन’ का खिताब दिया गया था। डॉ. कलाम मई 1998 में शुरू किए गए पोखरण-द्वितीय परीक्षणों में एक प्रमुख व्यक्ति थे। पोखरण-2 परीक्षण के समय राजस्थान के रेगिस्तान में कुल 5 परमाणु उपकरणों का विस्फोट हुआ था।

हालांकि 2002 में राजनीति ने कभी भी डॉ. कलाम को लुभाया नहीं, फिर भी भारत की सत्ताधारी पार्टी नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस ने उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए खुद को नामित करने का अनुरोध किया। एनडीए के समर्थन से, डॉ कलाम ने चुनाव जीता और भारत के 11वें राष्ट्रपति बन गये। एक राष्ट्रपति के रूप में, डॉ कलाम एक बहुत ही सरल जीवन जीते थे और युवा छात्रों को सफल जीवन जीने और देश की सेवा करने के लिए सदैव प्रेरित करते थे। लोगों के राष्ट्रपति के रूप में सम्मानित, डॉ कलाम ने अपने पांच साल के राष्ट्रपति पद के दौरान युवा छात्रों और देश भर के लोगों के साथ 500,000 से अधिक बैठकें आयोजित की। डॉ. कलाम की इस लोकप्रियता ने उन्हें वर्ष 2003 और 2006 के लिए एमटीवी द्वारा आयोजित ‘युवा चिह्न’ का पुरस्कार प्रदान किया।

डॉ. कलाम ने भारत को 1 सत्र तक राष्ट्रपति के रूप में सेवा दी और 27 जुलाई, 2015 को हार्ट अटैक  के कारण उनकी मृत्यु हो गई। वे कई विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्राध्यापक तथा प्रेरक शिक्षक की भूमिका निभाते थे।

डॉ. कलाम सभी के लिए एक आदर्श रहे और प्रत्येक व्यक्ति उनकी इन उपलब्धि, योगदान और सादगी के लिए उनका सम्मान करते है। मैं हर छात्र को डॉ कलाम के मार्ग का पालन पर चलने और पूरे सम्मान से जीवन जीने के लिए, अपील करता हूं।

यहाँ आने के लिये मैं आप सब का हार्दिक अभिवादन करता हुँ – और मुझे आशा है कि आप सब सकुशल होंगे।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जीवनी पर अपने भाषण को शुरू करने से पहले, मैं इस महान व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि अर्पित करने आए आप सभी को धन्यवाद करना चाहता हूं। भारत के एक नागरिक के रूप में, हमें अपनी भूमि पर पैदा हुए उन महान व्यक्तित्वों के योगदान को कभी नहीं भूलना चाहिए और हमें सदैव हमारे देश के विकास में योगदान देना चाहिए। यह बताने की जरुरत नहीं की ऐसे एक व्यक्तित्व वाले व्यक्ति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भी थे, जिन्हें भारत के मिसाइल मैन के रुप में याद किया जाता हैं।

भारत रत्न से सम्मानित, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवल पाकिर जैनुलबदीन अब्दुल कलाम है और वह भारत के 11वें राष्ट्रपति थे, उन्होंने वर्ष 2002 से 2007 तक राष्ट्र की सेवा की। उन्हें वर्ष 2002 में लक्ष्मी सहगल के खिलाफ चुना गया था और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस – जैसे दो प्रमुख भारतीय राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त था। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पेशे से वह एक वैज्ञानिक और साथ ही साथ एक भारतीय प्रशासक भी थे।भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में चुने, जाने से पहले उन्होंने इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) और डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) में एक एयरोस्पेस इंजीनियर के रूप में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन में काम किया।

प्रक्षेपण यान के विकास तथा बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी के कारण उन्हें मिसाइल मैन ऑफ इंडिया की उपाधि मिली। इसके अलावा, 1998 में भारत में पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षण किए गए, वास्तव में 1974 के परमाणु परीक्षण ने उन्हें एक महत्वपूर्ण राजनीतिक, तकनीकी और संगठनात्मक भूमिका प्रदान किया था।छात्रों के समुदाय के साथ उनके परस्पर क्रियाओं औऱ बातचीत ने उन्हें युवा आइकन बना दिया। वास्तव में, उन्होंने वर्ष 2011 में ‘व्हाट कैन आई गीव मूवमेंट’ नामक एक मिशन लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य देश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ना था।

लेकिन क्या आप जानते है डॉ कलाम जिनसे लाखों लोग आज प्रेरित हैं, उन्हें किसने प्रेरित किया? हालांकि, ऐसे बहुत सारे थे, लेकिन अगर मुझे एक नाम का उल्लेख करना हो तो मैं डॉ. विक्रम साराभाई का नाम लूंगा।

रॉकेट इंजीनियर के पद के लिए अब्दुल कलाम का साक्षात्कार करते समय डॉ. विक्रम साराभाई, डॉ. अब्दुल कलाम के अन्तर्निहित शक्ति को महसूस करने वाले पहले व्यक्ति थे। अब्दुल कलाम से पहले ही, साराभाई को उनकी क्षमताओ का एहसास हो गया था और साराभाई ने उन्हें एक बड़े योजना में शामिल करने की कल्पना भी कर ली थी।

साक्षात्कार का पूरा क्षण अब्दुल कलाम के लिए एक यादगार लम्हा था, जहां उनके आकाश में उड़ने का सपना सच होने जा रहा था। शेष कहानी इस बारे में है कि वे भारत के मिसाइल मैन कैसे बन गये जिसका जुनून महान दूरदर्शी वैज्ञानिक डॉ विक्रम साराभाई ने देखा था। महान अब्दुल कलाम के बारे में सबसे अच्छी बात यह थी कि वे अपनी सारी ज़िंदगी अपने देश के लिए समर्पित कर दिए और कभी भी अपने  स्वार्थी कारणों के लिए अपने लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश नहीं की। उन्होंने अपनी आखिरी सांस तक अपने पूरे जीवन को सक्रिय बनाए रखा और मानव जाति के लिए जो भी वो कर सकते थे उन्होंने उसमे अपना योगदान दिया।

इस महान और नम्र व्यक्तित्व के बारे में मुझे बस इतना ही कहना था।

आप सभी का धन्यवाद!

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APJ Abdul Kalam quotes in Hindi: एपीजे अब्दुल कलाम के प्रेरणात्मक अनमोल विचार जो करेंगे आपको मोटीवेट

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  • Updated on  
  • अक्टूबर 14, 2023

APJ Abdul Kalam quotes in Hindi

‘मिसाइल मैन’ के नाम से सुप्रसिद्ध भारत के एक महान वैज्ञानिक भारत रत्न डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के बेहतरीन कामों से आज पूरी परिचित है। अब्दुल कलाम ने भारत को प्रगतिशील बनाने में सबसे अहम भूमिका निभाई थी। अब्दुल पाकिर जैनुल आबदीन अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 में तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। बेहद गरीब परिवार से आने के बावजूद भी अब्दुल कलाम ने हालातों से लड़ते हुए अपनी पढ़ाई पूरी की और आगे चलकर एक महान वैज्ञानिक बनें। डॉक्टर कलाम ने ही देश को पहली बैलिस्टिक मिसाइल दी थी। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र से जुड़ी कई अहम ज़िम्मेदारी उन्होंने सफलतापूर्वक निभाई। भारत के राष्ट्रपति रह चुके अब्दुल कलाम के विचारों से आप प्रेरणा ले सकते हैं, जो कि आपको APJ Abdul Kalam quotes in Hindi के माध्यम से पढ़ने को मिलेंगे।    

This Blog Includes:

एपीजे अब्दुल कलाम के महान विचार, एपीजे अब्दुल कलाम के अनमोल विचार, एपीजे अब्दुल कलाम विचार, एपीजे अब्दुल कलाम के प्रेरणात्मक कोट्स.

APJ Abdul Kalam quotes in Hindi नीचे दिए गए हैं-

इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे।

APJ Abdul Kalam quotes in Hindi

शिक्षण एक बहुत ही महान पेशा है जो किसी व्यक्ति के चरित्र, क्षमता, और भविष्य को आकार देता हैं। अगर लोग मुझे एक अच्छे शिक्षक के रूप में याद रखते हैं, तो मेरे लिए ये सबसे बड़ा सम्मान होगा। 
अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलो।
विज्ञान मानवता के लिए एक खूबसूरत तोहफा है, हमें इसे बिगाड़ना नहीं चाहिए।
सपने वो नहीं है जो आप नींद में देखे, सपने वो है जो आपको नींद ही नहीं आने दे।
महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं।

apj abdul kalam quotes in hindi

यह भी पढ़ें : एपीजे अब्दुल कलाम के माता पिता का नाम

हमें हार नहीं माननी चाहिए और हमें समस्याओं को खुद को हराने नहीं देना चाहिए।
मैं इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता।
आइये हम अपने आज का बलिदान कर दें ताकि हमारे बच्चों का कल बेहतर हो सके।
अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा।

10 Apj Abdul Kalam Thoughts In Hindi पूरे हुए तो चलिए आगे बढते हैं

इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये ज़रूरी हैं।
छोटा लक्ष्य अपराध हैं; महान लक्ष्य होना चाहिए।
शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत की जरूरत होती है, चाहे वो माउंट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का।

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क्या हम यह नहीं जानते कि आत्म सम्मान, आत्मनिर्भरता के साथ आता है?
अंततः, वास्तविक अर्थों में शिक्षा सत्य की खोज है। यह ज्ञान और आत्मज्ञान से होकर गुजरने वाली एक अंतहीन यात्रा है।
तब तक लड़ना मत छोड़ो जब तक अपनी तय की हुई जगह पर ना पहुँच जाओ- यही, अद्वितीय हो तुम। ज़िन्दगी में एक लक्ष्य रखो, लगातार ज्ञानप्राप्त करो, कड़ी मेहनत करो, और महान जीवन को प्राप्त करने के लिए दृढ रहो।

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किसी भी मिशन की सफलता के लिए, रचनात्मक नेतृत्व आवश्यक हैं।
जो अपने दिल से काम नहीं कर सकते वे हासिल करते हैं, लेकिन बस खोखली चीजें, अधूरे मन से मिली सफलता अपने आस-पास कड़वाहट पैदा करती हैं।
एक छात्र का सबसे महत्त्वपूर्ण गुण यह है कि वह हमेशा अपने अध्यापक से सवाल पूछे। 
जब तक भारत दुनिया के सामने खड़ा नहीं होता, कोई हमारी इज्जत नहीं करेगा। इस दुनिया में, डर की कोई जगह नहीं है। केवल ताकत ही ताकत का सम्मान करती हैं।

20 APJ Abdul Kalam Quotes in Hindi पूरे हुए तो चलिए आगे बढते हैं

इंतजार करने वाले को उतना ही मिलता हैं, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं।
पक्षी अपने ही जीवन और प्रेरणा द्वारा संचालित होता है।
जीवन एक कठिन खेल हैं। आप एक व्यक्ति होने के अपने जन्मसिद्ध अधिकार को बनाये रखकर इसे जीत सकते हैं।

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महान शिक्षक ज्ञान, जूनून और करुणा से निर्मित होते हैं।
यदि हम स्वतंत्र नहीं हैं तो कोई भी हमारा आदर नहीं करेगा।

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मेरे लिए, नकारात्मक अनुभव जैसी कोई चीज नहीं हैं।
राष्ट्र लोगों से मिलकर बनता है। और उनके प्रयास से, कोई राष्ट्र जो कुछ भी चाहता है उसे प्राप्त कर सकता हैं।
जिस दिन हमारे सिग्नेचर ऑटोग्राफ में बदल जायें, उस दिन मान लीजिये आप कामयाब हो गये।

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मेरा विचार है कि छोटी उम्र में आप अधिक आशावादी होते हैं, और आपमें कल्पनाशीलता भी अधिक होती है, इत्यादि। आप में पूर्वाग्रह भी कम होता हैं।
निपुणता एक सतत प्रक्रिया है कोई दुर्घटना नहीं।

30 APJ Abdul Kalam Quotes in Hindi पूरे हुए तो चलिए देखते है कुछ और quotes

हम केवल तभी याद किये जायेंगे जब हम हमारी युवा पीढ़ी को एक समृद्ध और सुरक्षित भारत दें, जो आर्थिक समृद्धि और सभ्यता की विरासत का परिणाम होगा।
एक लोकतंत्र में, देश की समग्र समृद्धि, शांति और ख़ुशी के लिए हर एक नागरिक की कुशलता, वैयक्तिकता और ख़ुशी आवश्यक हैं।

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विष्य में सफलता के लिए क्रिएटिविटी सबसे ज़रूरी है, और प्राइमरी एजुकेशन वो समय है जब टीचर्स उस स्तर पर बच्चों में क्रिएटिविटी ला सकते हैं।
कृत्रिम सुख की बजाए ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये।
मनुष्य के लिए कठिनाइयाँ बहुत जरुरी हैं क्यूंकि उनके बिना सफलता का आनंद नहीं लिया जा सकता।
युवाओं को मेरा सन्देश है कि अलग तरीके से सोचें, कुछ नया करने का प्रयत्न करें, अपना रास्ता खुद बनायें, असंभव को हासिल करें।

apj abdul kalam quotes in hindi

आकाश की तरफ देखिये। हम अकेले नहीं हैं। सारा ब्रह्माण्ड हमारे लिए अनुकूल है और जो सपने देखते है और मेहनत करते है उन्हें प्रतिफल देने की साजिश करता हैं।
इग्नाइटेड माइंडस के खिलाफ कोई भी प्रतिबन्ध खड़ा नहीं हो सकता।

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अपने कार्य में सफल होने के लिए आपको एकाग्रचित होकर अपने लक्ष्य पर ध्यान लगाना होगा।
बारिश के दौरान सारे पक्षी आश्रय की तलाश करते है, लेकिन बाज बादलों के ऊपर उड़कर बादलों को ही अवॉयड कर देते हैं। समस्याए कॉमन है, लेकिन आपका एटीट्यूड इनमे डिफरेंस पैदा करता हैं।

40 APJ Abdul Kalam Quotes in Hindi पूरे हुए चलिए आगे बढते हैं

असली शिक्षा एक इंसान की गरिमा को बढ़ाती है और उसके स्वाभिमान में वृद्धि करती है। यदि हर इंसान द्वारा शिक्षा के वास्तविक अर्थ को समझ लिया जाता और उसे मानव गतिविधि के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ाया जाता, तो ये दुनिया रहने के लिए कहीं अच्छी जगह होती।
आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते, लेकिन अपनी आदतें बदल सकते हैं और निश्चित रूप से आपकी आदतें आपका भविष्य बदल देंगी।
चलिए मैं एक लीडर को परिभाषित करता हूँ। उसमे एक विजन और पैशन होना चाहिए और उसे किसी समस्या से डरना नहीं चाहिए बल्कि, उसे पता होना चाहिए कि इसे हराना कैसे हैं। सबसे ज़रूरी, उसे ईमानदारी के साथ काम करना चाहिए।
जहाँ हृदय में सच्चाई होती है वहां घर में सामंजस्य होता है; जब घर में सामंजस्य होता है, तब देश में एक व्यवस्था होती है; जब देश में व्यवस्था होती है तब दुनिया में शांति होती हैं।

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शिक्षाविदों को छात्रों के बीच जांच की भावना, रचनात्मकता, उद्यमशीलता और नैतिक नेतृत्व की क्षमता का निर्माण करना चाहिए और उनका रोल मॉडल बनना चाहिए।
यदि चार बातों का पालन किया जाए – एक महान लक्ष्य बनाया जाए, ज्ञान अर्जित किया जाए, कड़ी मेहनत की जाए, और दृढ रहा जाए – तो कुछ भी हासिल किया जा सकता हैं।
मुझे पूरा यकीन है कि जब तक किसी ने नाकामयाबी की कड़वी गोली न चखी हो, वो कायमाबी के लिए पर्याप्त महत्वाकांक्षा नहीं रख सकता।
भ्रष्टाचार जैसी बुराइयाँ कहाँ से पनपती हैं? ये कभी न ख़त्म होने वाले लालच से आती हैं। भ्रष्टाचार-मुक्त नैतिक समाज के लिए लड़ाई इस लालच के खिलाफ लड़ी जानी होगी और इसे “मैं क्या दे सकता हूँ” की भावना से बदलना होगा।
मेरा संदेश, विशेष रूप से युवाओं के लिए है, कि वे अलग सोचने का साहस रखें, आविष्कार करने का साहस रखें, अनदेखे रास्तों पर चलने का साहस रखें, असंभव को खोजने और समस्याओं पर जीत हासिल करके सफल होने का साहस रखें। ये महान गुण हैं जिनके लिए उन्हें ज़रूर काम करना चाहिए। युवाओं के लिए ये मेरा सन्देश हैं।
जब हम बाधाओं का सामना करते हैं, हम अपने साहस और फिर से खड़े होने की ताकत के छिपे हुए भण्डार को खोज पाते हैं, जिनका हमें पता नहीं होता कि वे हैं। और केवल तब जब हम असफल होते हैं, एहसास होता है कि संसाधन हमेशा से हमारे पास थे। हमें केवल उन्हें खोजने और अपनी जीवन में आगे बढ़ाने की ज़रूरत होती हैं।

APJ Abdul Kalam quotes in Hindi के प्रेरणात्मक कोट्स नीचे दिए गए हैं-

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  • अगर हमें अपने सफलता के रास्ते पर निराशा हाथ लगती है इसका मतलब यह नहीं है कि हम कोशिश करना छोड़ दें क्योंकि हर निराशा और असफलता के पीछे ही सफलता छिपी होती है।
  • एक महान शिक्षक बनने के लिए तीन बातें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती हैं – ज्ञान, जुनून और करुणा।
  • युवाओं को मेरा संदेश है कि कुछ अलग तरीके से सोचें, कुछ नया करने का प्रयत्न करें, हमेशा अपना रास्ता खुद बनाएं और असंभव को हासिल करें।
  • असली शिक्षा एक इंसान की गरिमा को बढ़ा देती है और उसके स्वाभिमान में वृद्धि करती है। यदि हर इंसान द्वारा शिक्षा के वास्तविक अर्थ को समझ लिया जाता और उस शिक्षा को मानव गतिविधि के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ाया जाता तो यह दुनिया रहने लिए कहीं ज्यादा अच्छी जगह होती।
  • “आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत, असफलता नामक बीमारी को मारने के लिए सबसे बढ़िया दवाई है।”
  • “सीखने से रचनात्मकता आती है, रचनात्मकता हमें सोचने की तरफ बढ़ाती है, सोचने से ज्ञान मिलता है, ज्ञान आप को महान बना देता है। “
  • एक समझदार बुजुर्ग की मौत का मतलब होता है एक बहुत बड़ी लाइब्ररी का जलकर राख होना।”
  • “बिका हुआ पत्रकार डरा हुआ विपक्ष और मुर्दा आवाम तीनों लोकतन्त्र के लिए घातक है”
  • जिस दिन हमारे सिग्नेचर, ऑटोग्राफ में बदल जाए उस दिन मान लीजिए कि आप कामयाब हो गए हैं।
  • आपका दिमाग ही आपकी सबसे बड़ी समस्या है, ये उन वजहों को पकड़ पकड़ कर लाता है जो बेवजह हैं।

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एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति हैं।

एपीजे अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति 25 जुलाई 2002-25 जुलाई 2007 तक थे।

अब्दुल कलाम की मृत्यु 27 जुलाई, 2015 शिलांग में हुई थी।

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APJ Abdul Kalam Essay for Students and Children

500+ words apj abdul kalam essay.

Dr. APJ Abdul Kalam is a famous name in the whole world. He is counted among the greatest scientists of the 21st century. Even more, he becomes the 11th president of India and served his country. He was the most valued person of the country as his contribution as a scientist and as a president is beyond compare. Apart from that, his contribution to the ISRO (Indian Space Research Organization) is remarkable. He headed many projects that contributed to the society also he was the one who helped in the development of Agni and Prithvi missiles. For his involvement in the Nuclear power in India, he was known as “Missile Man of India”. And due to his contribution to the country, the government awarded him with the highest civilian award.

Career and Contribution of APJ Abdul Kalam

APJ Abdul Kalam was born in Tamil Nadu. At that time the financial condition of his family was poor so from an early age he started supporting his family financially. But he never gave up education. Along with supporting his family he continued his studies and completed graduation. Above all, he was a member of the Pokhran nuclear test conducted in 1998.

There is a countless contribution of Dr.APJ Abdul Kalam to the country but he was most famous for his greatest contribution that is the development of missiles that goes by the name Agni and Prithvi.

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Source: sivadigitalart

Presidency Period

The great missile man becomes the President of India in 2002. During his presidency period, the army and country achieved many milestones that contributed a lot to the nation. He served the nation with an open heart that’s why he was called ‘people’s president’. But at the end of his term period, he was not satisfied with his work that’s why he wanted to be the President a second time but later on forfeited his name.

Post-presidency Period

After leaving the presidential office at the end of his term Dr. APJ Abdul Kalam again turn to his old passion which is teaching students. He worked for many renowned and prestigious institute of India located across the country. Above all, according to his the youth of the country is very talented but need the opportunity to prove their worth that’s why he supported them in their every good deed.

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Awards and Honors

During his lifetime Dr. APJ Abdul Kalam was not only awarded and honored by Indian organization and committees but also by many international organizations and committees.

Writings and Character

During his lifetime, Dr. APJ Abdul Kalam wrote many books but his most notable work was ‘India 2020’ which have an action plan to make India a superpower.

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Dr. APJ Abdul Kalam was a man of simplicity and integrity. He was so busy at work that he rises up early in the morning and work till late hours after midnight.

Death of APJ Abdul Kalam

He died during delivering a lecture to students in Shillong by sudden cardiac arrest in 2015. He was an outstanding scientist and a pioneer engineer who served his entire life for the nation and died while serving it. The man had the vision to make India a great country. And according to his the youth are the real assets of the country that’s why we should inspire and motivate them.

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In the heart of every Indian, there’s a special place reserved for Dr. APJ Abdul Kalam. Known fondly as the “Missile Man” and the “People’s President,” he left an indelible mark on the sands of time. Born into a humble family in Rameswaram, he rose to become one of India’s most beloved leaders, blending science with spirituality and compassion. With a vision to ignite young minds and steer India towards greatness, his life story serves as an inspiration to millions worldwide.

In this article, we will explore the life and legacy of this extraordinary soul, whose dreams continue to soar in India and the world even after his departure.

Table of Content

10 Important Facts About APJ Abdul Kalam

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Here are some of the most important facts about APJ Abdul Kalam that can help you write an essay:

  • Early Life: Born on October 15, 1931, in Rameswaram, Tamil Nadu, to a humble Tamil Muslim family.
  • Education: Kalam graduated in Physics from St. Joseph’s College, Tiruchirappalli, and later completed his Aeronautical Engineering from Madras Institute of Technology.
  • Career in DRDO and ISRO: He played a pivotal role in India’s space and missile development programs, working with organizations like the Defense Research and Development Organisation (DRDO) and the Indian Space Research Organisation (ISRO).
  • Father of India’s Missile Program: Dr. Kalam is often referred to as the “Missile Man of India” for his contributions to the development of ballistic missiles and launch vehicle technology.
  • Pokhran-II Nuclear Tests: He played a significant role as the Chief Project Coordinator for India’s Pokhran-II nuclear tests in 1998.
  • Presidency: Kalam served as the 11th President of India from 2002 to 2007, known for his people-centric approach and as the “People’s President.”
  • Writings: He authored several inspirational books, including “Wings of Fire,” an autobiography that traces his life from childhood to the presidency.
  • Educational Reformer: Kalam was a passionate advocate for education and often interacted with students, encouraging them to pursue their dreams and contribute to the nation’s development.
  • Awards and Honors: He received numerous awards and honors, including the Bharat Ratna, India’s highest civilian award, in 1997.
  • Legacy: Even after his passing in 2015, Dr. Kalam’s legacy continues to inspire generations, especially youth, to strive for excellence, innovation, and service to the nation.

APJ Abdul Kalam was a great scientist and the 11th President of India. He was born on October 15, 1931, in Rameswaram, Tamil Nadu. He played a crucial role in India’s missile development programs. Kalam was known as the “Missile Man of India” for his contributions to the field of aerospace engineering. He received many awards, including the Bharat Ratna, India’s highest civilian honor. Kalam inspired millions of people, especially youth, with his wisdom and vision for a better India. He passed away on July 27, 2015, but his legacy continues to inspire generations.

APJ Abdul Kalam, India’s “Missile Man,” was a renowned scientist and the 11th President of India. Born on October 15, 1931, in Rameswaram, Tamil Nadu, he had a humble beginning. Kalam rose to prominence with his work in aerospace engineering, contributing significantly to India’s missile development programs. His leadership and vision earned him the title of “People’s President.”

During his presidency from 2002 to 2007, Kalam focused on education and youth empowerment. He believed in the potential of young minds and often engaged with students to inspire them. Kalam received several awards, including the Bharat Ratna, India’s highest civilian honor, for his exceptional contributions to science and education.

Despite his passing on July 27, 2015, Kalam’s legacy lives on through his inspirational words and deeds. He continues to motivate millions worldwide, urging them to dream big and work hard to achieve their aspirations.

The complete name of APJ Abdul Kalam was Dr. Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam. He shone as a bright star in Indian history, known as both the Missile Man and People’s President. He was born on 15th October 1931, in Tamil Nadu. His life was characterized by challenges but served as an inspiration to the emerging generation of India. 

He envisioned a developed India and famously said, “You have to dream before your dreams can come true.” His strong passion for flight allowed him to achieve his dream of becoming an Aeronautical Engineer. Despite coming from a humble background, he persevered in his education, completing his Science degree at St. Joseph’s College in Tiruchirappalli and  Aeronautical Engineering  from the Madras Institute of Technology in 1954.

In 1958, he joined  DRDO  as a senior scientific assistant, leading a small team focused on developing a prototype hovercraft. Later, he moved to the Indian Space Research Organization (ISRO) due to limited progress in the hovercraft program. Widely acclaimed as the “Missile Man of India,” he made substantial contributions to developing ballistic missiles and space rocket technology. He served as a driving force in advancing the nation’s defence technologies, ultimately elevating India to the status of nuclear power through his remarkable achievements.

He stood out as a distinguished scientist and engineer, assuming the role of the 11th President of the nation from 2002 to 2007. His dedicated contribution was evident in the Pokhran-II nuclear test of 1998. With a visionary outlook and a wealth of ideas, he consistently aimed for the advancement of the country. 

In his book “India-2020,” he outlined action plans for the nation’s development by 2020. However, he believed that the true treasure of the nation resided in its youth, and he consistently encouraged and motivated them. He emphasized the need for inspirational role models in leadership to guide the younger generation.

Dr. APJ Abdul Kalam is one of the greatest scientists and statesmen of the 21st century. His life journey is a testament to the power of perseverance, dedication, and service to humanity. From humble beginnings in Tamil Nadu to serving as the 11th President of India, Dr. Kalam’s legacy continues to inspire millions around the world. Born on October 15, 1931, in the town of Rameswaram, Tamil Nadu, Kalam hailed from a modest background. Despite facing financial hardships, he never wavered in his commitment to education. With a thirst for knowledge and a passion for science, he pursued his studies diligently, eventually earning degrees in Physics and Aeronautical Engineering.

Kalam’s professional career began with his involvement in India’s defense and space programs. He joined organizations like the Defense Research and Development Organisation (DRDO) and the Indian Space Research Organisation (ISRO), where he played a pivotal role in developing missile technology. His contributions to projects like the Agni and Prithvi missiles earned him the title of the “Missile Man of India.”

The year 1998 marked a significant milestone in Kalam’s career when he played a crucial role in India’s Pokhran-II nuclear tests, showcasing the country’s capabilities on the global stage. His leadership and scientific acumen were instrumental in solidifying India’s position as a nuclear power.

In 2002, Dr. Kalam was elected as the President of India, a role he embraced with humility and dedication. During his tenure, he endeared himself to the people with his simplicity, accessibility, and genuine concern for the welfare of the nation. He traveled extensively, engaging with citizens from all walks of life and inspiring them to dream big and contribute to the progress of the country.

As the “People’s President,” Kalam’s presidency was marked by a deep-rooted connection with the youth. He believed that they held the key to India’s future and urged them to harness their potential through education and innovation. His “Kalam Conversations” with students across the country became legendary, as he shared his wisdom and encouraged them to pursue excellence in their chosen fields.

Despite his illustrious career in politics and science, Dr. Kalam remained grounded in simplicity and integrity. He lived a modest life, devoid of any extravagance, and was known for his discipline and work ethic. His commitment to serving the nation above personal interests earned him the respect and admiration of people from all walks of life.

After completing his term as President, Dr. Kalam returned to his passion for teaching and mentoring young minds. He lectured at various prestigious institutions across India, sharing his knowledge and inspiring the next generation of leaders and innovators. He believed in the innate talent and potential of India’s youth and advocated for providing them with opportunities to excel.

Throughout his life, Dr. Kalam was honored with numerous awards and accolades, both in India and internationally. His contributions to science, education, and public service were recognized and celebrated by governments, institutions, and organizations worldwide.

Dr. APJ Abdul Kalam was not just a scientist or a statesman; he was a visionary leader who dedicated his life to the service of his country and humanity. His unwavering commitment to excellence, his humility, and his profound belief in the power of education continue to inspire millions around the world. Though he may have left us physically, his legacy lives on in the hearts and minds of those who continue to be inspired by his vision of a prosperous, inclusive, and peaceful world. As we commemorate his life and contributions, let us strive to emulate his values and work towards realizing his dream of a better tomorrow for all.

APJ Abdul Kalam, also known as the “Missile Man of India,” was a brilliant scientist and a beloved President. He was born in Rameswaram, Tamil Nadu, on October 15, 1931. From a young age, Kalam was curious about science and technology. He worked hard and became a renowned aerospace engineer, making significant contributions to India’s missile programs.

Kalam served as the President of India from 2002 to 2007. During his presidency, he focused on education and youth development, often interacting with students to share his knowledge and inspire them. He believed in the power of dreams and encouraged young minds to dream big and work hard to achieve their goals.

Even after his presidency, Kalam continued to inspire millions with his speeches and writings. He received numerous awards, including the Bharat Ratna, India’s highest civilian award, for his exceptional contributions to science and education.

APJ Abdul Kalam passed away on July 27, 2015, but his teachings and ideals continue to motivate people worldwide. He remains a role model for students and aspiring scientists, reminding us that with determination and hard work, anything is possible.

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APJ Abdul Kalam Essay- FAQs

Who was apj abdul kalam, and why is he important.

APJ Abdul Kalam was a famous scientist and India’s 11th President. He’s important because he helped India develop missiles and nuclear technology and inspired many people, especially the youth.

What are some key achievements of APJ Abdul Kalam?

APJ Abdul Kalam helped India develop missiles like Agni and Prithvi. He also played a big role in India’s nuclear tests, making our country a nuclear power.

What was APJ Abdul Kalam’s role as President of India?

APJ Abdul Kalam was loved as President because he was friendly and cared about people. He talked a lot about education and youth development.

How did APJ Abdul Kalam inspire the youth?

APJ Abdul Kalambelieved young people could make a big difference. He encouraged them to work hard, dream big, and use their talents to help India grow.

What were Dr. APJ Abdul Kalam’s views on education?

APJ Abdul Kalam thought education was super important. He said everyone should have a chance to learn and get a good education, no matter where they came from.

What was APJ Abdul Kalam’s post-presidency life like?

After being President, APJ Abdul Kalamwent back to teaching and talking to students. He liked sharing his knowledge and inspiring young people to do great things.

What is Dr. APJ Abdul Kalam’s legacy?

APJ Abdul Kalam legacy is all about being honest, working hard, and helping others. He showed that anyone can achieve big things with determination and kindness. His ideas about education and development still inspire many today.

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    Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi : जानिए स्टूडेंट्स के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध यहां।

  6. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

    April 27, 2021 by Kiran Sao. क्या आप एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Apj Abdul Kalam in Hindi) की तलाश कर रहे हैं? अगर हां तो इस लेख के बाद आपकी सारी तलाश पूरी होने वाली है।. जो कि इस लेख में हमने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के ऊपर बेहतरीन निबंध लिखा है। डॉक्टर कलाम पर निबंध परीक्षाओं में कक्षा 5 से 12 तक विभिन्न रूपों में पूछा जाता है।.

  7. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध

    डॉ. कलाम को देश के प्रति अनुपम योगदान के लिए भारत रत्न' प्राप्त हुआ। २७ जुलाई २०१५ को उनकी मृत्यु शिलांग में हो गई। यह देश के लिए भारी क्षति थी। हमलोग उनके योगदान और प्रयासों को कभी नहीं भूल सकते। उनके जादुई उद्धरण हमें देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने हेतु सदा प्रोत्साहित करते रहेंगे।. ADVERTISEMENT.

  8. Essay on Dr. A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

    डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर 10 लाइन 10 lines on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi. डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम 'अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम' है।. उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था ।. वे एक वैज्ञानिक तथा इंजीनियरिंग के तौर पर DRDO तथा ISRO में कार्य किया था।.

  9. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध

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  10. डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम

    मृत्यु: 27 जुलाई 2015 शिलांग, मेघालय में उनकी मृत्यु हो गई।. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का योगदान: योगदान: 'फाइबरग्लास' तकनीक में अग्रणी. वह ...

  11. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध

    ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध | Essay on A.P.J. Abdul Kalam in Hindi. लघु निबंध -. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक ही नहीं अपितु देश के 11वें राष्ट्रपति भी थे। देश इन्हे 'मिसाइल मैन' और 'जनता के राष्ट्रपति' के नाम भी जानता है। डॉ.

  12. Essay On Apj Abdul Kalam in Hindi

    ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर निबंध - Essay On Apj Abdul Kalam in Hindi 500 Words. प्रस्तावना. देश के पूर्व राष्ट्रपति एवं 'अग्नि' मिसाइल को उड़ान देने वाले भारत के प्रख्यात और मशहूर वैज्ञानिक डॉ.

  13. अब्दुल कलाम के भाषण "हम भारत के लिए क्या कर सकते हैं?"

    अब्दुल कलाम के भाषण "हम भारत के लिए क्या कर सकते हैं?" | Speech of A.P.J. Abdul Kalam on "What Can We Do for India ?" in Hindi Language! भारत के सन्दर्भ में मेरे तीन स्वप्न है । हमारे इतिहास के तीन हजार ...

  14. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

    Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi : एपीजे अब्दुल कलाम, जिन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता हैं। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को पूर्व मद्रास राज्य के द्वीप शहर रामेश्वरम में एक मध्यम-वर्गीय तमिल परिवार में हुआ था। उनके पिता जैनुलाब्दीन के पास ज्यादा औपचारिक शिक्षा नहीं थी, लेकिन उनके पास महान ज्ञान का मोती था।.

  15. Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay In Hindi

    ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध - Essay On Dr. A.P.J. Abdul Kalam In Hindi. संकेत बिंदु - प्रस्तावना; शिक्षा-दीक्षा; राष्ट्रपति डॉ कलाम

  16. एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण

    एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण: यहाँ छोटा और बड़ा आसान शब्दों में बच्चों और विद्यार्थियों के लिये भाषण प्राप्त करे। Long and Short APJ Abdul Kalam Speech in Hindi language.

  17. मिसाइल मैन डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम का संपूर्ण जीवन परिचय

    अक्टूबर 13, 2023. 1 minute read. APJ Abdul Kalam Biography in Hindi: भारत रत्न से सम्मानित और 'भारत का मिसाइल मैन' कहे जाने वाले मशहूर वैज्ञानिक डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम (A.P.J ...

  18. Essay On Dr APJ Abdul Kalam

    APJ Abdul Kalam Essay In Hindi 2022: दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की आज पूण्यतिथि मनाई जा रही है। भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे ...

  19. एपीजे अब्दुल कलाम के महान विचार

    APJ Abdul Kalam quotes in Hindi नीचे दिए गए हैं- इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे।. शिक्षण एक बहुत ही महान पेशा है जो किसी व्यक्ति के चरित्र, क्षमता, और भविष्य को आकार देता हैं। अगर लोग मुझे एक अच्छे शिक्षक के रूप में याद रखते हैं, तो मेरे लिए ये सबसे बड़ा सम्मान होगा।. अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलो।.

  20. APJ Abdul Kalam Essay for Students and Children

    Dr. APJ Abdul Kalam is a famous name in the whole world. He is counted among the greatest scientists of the 21st century. Even more, he becomes the 11th president of India and served his country. In this APJ Abdul Kalam Essay, we have discusses his life in brief and simple words.

  21. A. P. J. Abdul Kalam

    Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam BR (/ ˈ ɑː b d əl k ə ˈ l ɑː m / ⓘ; 15 October 1931 - 27 July 2015) was an Indian aerospace scientist and statesman who served as the 11th president of India from 2002 to 2007. Born and raised in a Muslim family in Rameswaram, Tamil Nadu, he studied physics and aerospace engineering.He spent the next four decades as a scientist and science ...

  22. APJ Abdul Kalam Essay For Students: Samples 100 to 500 Words

    He passed away on July 27, 2015, but his legacy continues to inspire generations. Essay on APJ Abdul Kalam in 150 Words. APJ Abdul Kalam, India's "Missile Man," was a renowned scientist and the 11th President of India. Born on October 15, 1931, in Rameswaram, Tamil Nadu, he had a humble beginning.

  23. A.P.J. Abdul Kalam

    Summarize This Article. A.P.J. Abdul Kalam (born October 15, 1931, Rameswaram, India—died July 27, 2015, Shillong) was an Indian scientist and politician who played a leading role in the development of India's missile and nuclear weapons programs. He was president of India from 2002 to 2007.