यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो पर निबंध

Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi: हम यहां पर यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में   अगर मैं भारत का प्रधानमंत्री होता के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

Essay-on-If-I-were-the-Prime-Minister-of-India-in-Hindi

Read Also:  हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो पर निबंध | Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi

यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो पर निबंध 200 शब्दों में (essay on if i were the prime minister of india in 200 words in hindi).

हमारा देश भारत आज के समय में प्रगति की रफ्तार में चल रहा है। लेकिन यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो मैं देश में कई प्रकार से नए विकास करने का प्रयास करता। देश के हर सिस्टम को डिजिटल पर ऑनलाइन ले जाने का पूरा प्रयास करता।

यदि मैं देश का प्रधानमंत्री होता तो देश में महिला शिक्षा को बढ़ावा देता। महिलाओं को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध करवाता। साथ ही साथ बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध करवाने का प्रयास करता। भारत का प्रधानमंत्री होने के नाते में देश से भ्रष्टाचार और आतंकवाद को पूरी तरह से मिटाने का पूरा प्रयास करता। देश में आज भी कई जगहों पर भ्रूण हत्या हो रही है, उनको खत्म करने का प्रयास करता।

भारत का प्रधानमंत्री होने के नाते में देश में जनसंख्या वृद्धि दर को रोकने का पूरा प्रयास करता। जनसंख्या वृद्धि रोकने के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने का काम करता और जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए नेशनल पापुलेशन कंट्रोल जैसे नियम देशभर में लागू करता। प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए मैं देश में शिक्षा दर और साक्षरता दर को बढ़ाने के लिए कई प्रकार की योजनाएं और अभियान चलाने का काम करता।

देश में खासतौर से गरीब और किसान वर्ग के लोगों के लिए नई योजनाएं चलाता और देश में भुखमरी दूर करने का प्रयास करता। इसके अलावा मैं देश में निशुल्क इलाज के लिए योजना चलाता और देश में सभी नागरिकों को निशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाने का प्रयास करता।

Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi

यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो पर निबंध 250 शब्दों में (Yadi Main Pradhanmantri Hota Nibandh)

हमारे देश में प्रधानमंत्री का पद बहुत ही महत्वपूर्ण पद होता है, इसीलिए प्रधानमंत्री बनना देश के हर नागरिक के लिए बहुत गौरव की बात है। प्रधानमंत्री का पद बहुत ही जिम्मेदारी भरा होता है, इसीलिए प्रधानमंत्री बनना बहुत जिम्मेदारी का और महत्वपूर्ण काम है।

देश का हर नागरिक प्रधानमंत्री बनने का सपना देखता है कि अगर मैं भी अपने जीवन में कामयाबी की बुलंदियों पर रहा तो मेरे लिए यह बहुत ही गौरव की बात होगी। अगर मैं भारत का प्रधानमंत्री बना तो मैं देश की उन्नति के लिए अपनी समस्त क्षमताओं का उपयोग करके उसका गौरव बढ़ाने का भरपूर प्रयास करता।

इसके अलावा मैं अपने देश में जो भी योजनाएं और जो भी प्रतिक्रिया हैं, उन सभी में परिवर्तन लाने की पूरी कोशिश करता। यह सब बातें सिर्फ कहने के लिए ही नहीं है मैं देश के हित के लिए सभी कार्यों को करता। देश में फैल रहे अत्याचार, महिलाओं पर बढ़ते हुए अत्याचार, गरीबों का शोषण, भ्रष्टाचार, गरीबी आदि सब पर बहुत ध्यान देने की जरूरत है।

अगर मैं प्रधानमंत्री होता तो देश में सभी योजनाओं और कार्यक्रमों की सही ढंग से जांच करवाता। इससे जो भी जनता से जुड़े हुए काम है, वह जल्दी हो सके और उन्हें किसी भी प्रकार की कोई बेईमानी या भ्रष्टाचार ना हो। देश के हित के लिए लोगों की भलाई के लिए ऐसी योजनाओं का चयन करता, जो कि हमारे देश की जनता के लिए बहुत लाभदायक हैं।

देश में सही प्रकार की न्याय व्यवस्था, सुरक्षा और शिक्षा की व्यवस्था को बेहतर तरीके से करवाता। इसके साथ देश में गरीबी भ्रष्टाचार मिटाने का काम ही करता ताकि निम्न वर्ग के लोग और देश की आम जनता का शोषण ना हो।

Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi

यदि मैं प्रधानमंत्री होता निबंध इन हिंदी 850 शब्दों में (Yadi Me Pradhanmantri Hota Essay in Hindi)

देश का प्रधानमंत्री बनना बहुत ही गौरव और हर्ष की बात है। देश के मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री का पद सबसे प्रमुख होता है क्योंकि जो दूर तक देखने की नजर रखता हो और उसके कार्य की कुशलता के आधार पर ही देश का भविष्य टिका होता है। इसलिए अगर मैं भी देश का प्रधानमंत्री होता तो अपने आप को बहुत ही किस्मत वाला समझता।

क्योंकि देश की सेवा करने का मौका हर किसी के नसीब में नहीं होता है। माना कि यह पद बहुत ही जिम्मेदारी भरा होता है लेकिन हर किसी की किस्मत में भी नहीं होता।

आम जनता की मूलभूत आवश्यकताओं का ध्यान

मनुष्य की जरूरी मूलभूत आवश्यकता रोटी कपड़ा मकान है, इनके बिना इंसान कुछ नहीं है। आज हमारे देश की दुर्दशा बहुत बुरी है क्योंकि यहां पर लाखों करोड़ों लोगों को पेट भरने के लिए भोजन, पहनने के लिए कपड़ा और रहने के लिए घर नहीं है। यह तीनों चीजें इंसान की सबसे जरूरी आवश्यकताओं में एक है।

आज मैं प्रधानमंत्री के पद पर होता तो सबसे पहले इन लोगों की इन जरूरी आवश्यकताओं को पूरा करने की पूरी कोशिश करता। मजदूर वर्ग के लोग, कारीगर आदि सभी के कल्याण के लिए विशेष प्रकार के रोजगारओं का आयोजन करता। देश के सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव प्रयास करता, जो देश के लिए और देश की गरीब जनता के लिए बहुत जरूरी है।

भारत की विदेश नीति में सुधार

प्रधानमंत्री के पद पर होने के बाद में सभी देशों के साथ आपसी सहयोग और मित्रता का व्यवहार रखता। गुट-बंदी वाले देशों के साथ भी मित्रता का व्यवहार रखता। परमाणु शस्त्रों पर प्रतिबंध लगाने का पूरा समर्थन करता। मैं भारत के सभी विद्यालयों में सैनिकों की शिक्षा को अनिवार्य करता तथा देश के लोगों को सुरक्षा की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाता।

इसके अलावा जहां तक संभव हो सके देश को युद्ध से दूर रखता और अन्याय पूर्ण जो भी आक्रमण होते हैं, उनका मुंह तोड़ जवाब देता। आतंकवादी गतिविधियों पर भी विशेष टीमों का निर्माण कर उन पर प्रतिबंध लगाने की पूरी कोशिश करता। हमारा भारत एक शांति प्रिय देश है। मैं भारत की विदेश नीति को सही करने के लिए दुनिया भर में शांति को बढ़ाता और परस्पर आपसी सहयोग की सभी के अंदर भावना को जागृत करता।

शिक्षा पद्धति में सुधार

मैं अक्सर देखता हूं कि हमारे देश की शिक्षा पद्धति बिल्कुल सही नहीं है। मैं प्रधानमंत्री के पद पर होने के बाद इस पर विशेष ध्यान देता। हमारे देश के हर नागरिक को शिक्षित करने के पूरे प्रयास करता। इसके अलावा मैं शिक्षा के महत्व को बढ़ाने के लिए सभी विद्यालय महाविद्यालय में अच्छे से अच्छे प्रकार की शिक्षा तथा अच्छे शिक्षकों की नियुक्ति कर करता।

देश में बढ़ रही बुराइयों का अंत

सबसे पहले मैं देश के हर नागरिक का नैतिक स्तर को सुधारने की पूरी कोशिश करूंगा। इसके अलावा आतंकवाद, नशीली दवाओं का सेवन, भ्रष्टाचार, अशिक्षा, दहेज प्रथा, शराब का अधिक मात्रा में प्रयोग इन सभी बुराइयों को मिटाने की पूरी कोशिश करूंगा। इसके अलावा लोगों में देशभक्ति की भावना को जागृत करूंगा ताकि लोग देश के प्रति जिम्मेदार नागरिक बन सकें।

देश के बुजुर्गों का राष्ट्र के प्रति उद्देश्य

बुजुर्गों से ही हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। अगर इन्हें बुजुर्ग व्यक्तियों के द्वारा हमें अपने जीवन को सुधारने के कुछ तरीके मिल जाए या फिर देश हित के लिए कुछ सही जानकारियां मिल जाए तो यह हम सभी के लिए बहुत बड़ी बात होगी। आज हमारे देश में बुजुर्गों को अपने जीवन मे बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

जिसकी वजह से हमारे देश के हजारों बुजुर्ग व्यक्ति ओल्ड ऐज होम और वृद्ध आश्रमों में अपना जीवन गुजार रहे हैं। इसके लिए उनकी स्वास्थ्य सेवा और पेंशन आदि की व्यवस्था करके, उनके जीवन को खुशहाल बनाने का पूरा प्रयास मैं प्रधानमंत्री बनने के बाद करूंगा।

लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर

हमारे देश में बढ़ रही बेरोजगारी को ध्यान में रखते हुए देश के लोगों के लिए लघु उद्योग और ग्रामीण उद्योगों को सबसे ज्यादा बढ़ावा देने की जरूरत है। इसके लिए एक ऐसे बजट को स्थापित करना होगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के सभी लोगों के लिए रोजगार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा सके।

अच्छे मंत्रियों के द्वारा मंत्रिमंडल का गठन

मेरे प्रधानमंत्री के पद पर बैठने के बाद में मेरे कैबिनेट में अच्छे मंत्रियों का गठन में करूंगा। इसके लिए मैं देश के सुयोग्य और अनुभवी व्यक्तियों को इसमें शामिल करूंगा ताकि देश की भलाई के लिए उनकी काबिलियत ओर समझ काम आ सके।

देश की प्रगति के लिए हार वह कार्य करूंगा, जो प्रधानमंत्री के पद पर रहकर किए जाते हैं। वैसे तो प्रधानमंत्री बनने के लिए अभी मेरे अंदर इतनी काबिलियत और तजुर्बा नहीं है, फिर भी मैं प्रधानमंत्री अगर बना तो पूरी इमानदारी और कर्तव्य निष्ठा के साथ अपनी जिम्मेदारियों को बहुत अच्छे से निभाऊंगा।

देश की उन्नति और विकास के लिए जो भी सही कदम या फैसले लेने पड़े वह हर कार्य करूंगा। देश की उन्नति के लिए एक इमानदार समझदार और सही फैसले लेने वाले प्रधानमंत्री की इस देश को जरूरत है।

उम्मीद है कि आपको यदि मैं प्रधानमंत्री होता निबंध इन हिंदी (Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi) अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह पसंद आया तो आप इसको शेयर करें।

  • नरेंद्र मोदी पर निबंध
  • सुभाष चंद्र बोस पर निबंध
  • भारत की प्रमुख समस्याएं पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

Related Posts

Comment (1).

Ye bhut aacha essey tha me agar desh Ka prdhanmantri hora valee pr I hope mere is pr pure number milega

Leave a Comment जवाब रद्द करें

यदि मैं भारत का प्रधान मंत्री होता हिंदी निबंध Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi

Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi: किसी भी जनतंत्र देश में प्रधानमंत्री का विशेष महत्त्व होता है। मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री ही सबसे मुख्य होता है। उसकी दूरदर्शिता और कार्यकुशलता पर ही देश के भविष्य का आधार है। इसलिए यदि मैं अपने देश का प्रधानमंत्री होता तो अपने-आपको, सचमुच, बड़ा भाग्यशाली मानता, क्योंकि देशसेवा का ऐसा अवसर अन्यत्र दुर्लभ है।

यदि मैं भारत का प्रधान मंत्री होता हिंदी निबंध Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi

जनता की प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ति करना

आज हमारे देश में लाखों करोड़ों लोगों को पेट भरने के लिए भोजन, पहनने के लिए कपड़ा और रहने के लिए घर नहीं मिलता। प्रधानमंत्री के नाते मैं सबसे पहले देश की जनता की इन प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भरसक प्रयत्न करता। मजदूरों, कारीगरों आदि के कल्याण के लिए तथा निम्न वर्ग की दशा सुधारने के लिए मैं विशेष आयोजन करता। देश के सर्वांगीण विकास के लिए मैं हर संभव प्रयत्न करता।

राजनीतिक सुधार

हमारे देश में आज प्रांतवाद और जातिवाद पनप रहें है। राजनीतिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। रिश्वतखोरी, कालाबाजारी, तस्करी और दंगे-फसादों की कोई सीमा ही नहीं रही। यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो इन बुराइयों को दूर करने के लिए कड़े हाथों से काम लेता। किसी भी हालत में देश की एकता को बनाए रखता और देश की प्रगति के लिए जी-जान से प्रयत्न करता।

अन्य समस्याओं का हल

बेकारी और गरीबी जैसी समस्याओं को हल करने के लिए मैं छोटे-मोटे उद्योगों को प्रोत्साहन देता। निरक्षरता दूर करने के उचित प्रबंध करता, भारतवासियों के स्वास्थ्यसुधार के लिए ठोस कदम उठाता, गाँवों की प्रगति के लिए पंचायतों को विशेष अधिकार देता, समाजसुधारकों और ग्रामसेवकों को भी प्रोत्साहित करता । इसके अतिरिक्त देश में वैज्ञानिक और तांत्रिक शिक्षण के लिए ठोस आयोजन करता।

मैं भारत का प्रधानमंत्री बनकर सभी देशों के साथ सहयोग और मित्रता का व्यवहार रखता और गुटबंदी से अलग रहता। परमाणु शस्त्रों पर विश्वव्यापी प्रतिबंध लगवाने का पूर्ण समर्थन करता । मैं विद्यालयों में फौजी तालीम अनिवार्य कराता और सुरक्षा की दृष्टि से देश को आत्मनिर्भर बनाता। जहाँ तक हो सके, युद्ध से दूर रहता, फिर भी अन्यायपूर्ण आक्रमणों का मुंहतोड़ जवाब देता।

मैं अपनी सेवा और कर्तव्यनिष्ठा से देशवासियों के समक्ष एक आदर्श प्रस्तुत करने का प्रयत्न करता। मैं विरोधी पक्षों के दृष्टिकोण को समझने की पूरी कोशिश करता और देश की समस्याओं को हल करने के लिए उनका भी सहयोग लेता । मेरे मंत्रिमंडल के सदस्यों को मैं उनकी योग्यता के अनुसार उचित जिम्मेदारी सौपता । उन सबके प्रति मेरा व्यवहार सहानुभूतिपूर्ण और निष्पक्ष होता, फिर भी किसी तरह का भ्रष्टाचार में बर्दाश्त न करता। प्रधानमंत्री के नाते मेरा लक्ष्य देश को हर तरह से सुखी, समृद्ध और शक्तिशाली बनाना होता।

काश ! मैं अपनी अभिलाषाओं को पूर्ण कर पाऊँ !

Rakesh More

इस ब्लॉग पर आपको निबंध, भाषण, अनमोल विचार, कहानी पढ़ने के लिए मिलेगी |अगर आपको भी कोई जानकारी लिखनी है तो आप हमारे ब्लॉग पर लिख सकते हो |

Nibandh

यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध

ADVERTISEMENT

रूपरेखा : प्रस्तावना - पूर्व प्रधानमंत्रियों से प्रेरणा - प्रधानमंत्री बनना मेरा सौभाग्य - यदि मैं प्रधानमंत्री होता - उद्योग-धंधों और खेती को मजबूत बनाता - देश की कानून व्यवस्था - राजनीतिक सुधार - विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दूंगा - शिक्षा, स्वास्थ्य का उचित प्रबंध - गरीबी की समस्या - जनसंख्या नियंत्रण रखता - अंत:।

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो जवाहरलाल नेहरू के व्यापक दृष्टिकोण को स्वीकार करता, लालबहादुर शास्त्री की विजय-नीति पर चलता, इंदिरा जी की कूटनीति को अपनाता, मुरारजी भाई का अभयदान देश को देता, सर्वश्री चौधरी चरणसिंह, चन्द्रशेखर, वी.पी.सिंह, देवगौड़ा, गुजराल के अस्थायित्व से इस पद को बचाता तंथा राजीव गाँधी की भावना को समझ कर देश के प्रति देश का कार्य सफलता पूर्वक करना, यदि में प्रधानमंत्री होता तो ये सभी बातें को ध्यान में रखकर में अपने पूर्व प्रधानमंत्रियों से प्रेरणा लेता।

जनतंत्र देश में प्रधानमंत्री का विशेष महत्त्व होता है। प्रधानमंत्री ही सभी मंत्रिमंडल का नेता होता है। देश का भविष्य उन्ही के कार्यकुशलता पर ही निर्भर होता है। इसलिए यदि मैं अपने देश का प्रधानमंत्री होता तो मैं अपने आपको भाग्यशाली मानता, क्योंकि देश की सेवा करने का ऐसा अवसर किसीको भाग्य से ही मिलता है। इसीलिए अगर मुझे देश का प्रधानमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त होता तो मैं उसे पूरी निष्ठा और लग्न के साथ अपना जीवन देश की विकास और उनत्ति करने मैं लगा देता।

आज हमारे देश में करोड़ों लोगों को पेट भरने के लिए भोजन, पहनने के लिए कपड़े और रहने के लिए घर नहीं मिलता। प्रधानमंत्री के नाते में सबसे पहले देश की जनता की इन प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पूर्ण प्रयत्न करता। मजदूरों, कारीगरों आदि के कल्याण के लिए तथा निम्न वर्ग के लोगों की दशा सुधारने के लिए मैं विशेष कदम उठता। मैं हर संभव प्रयत्न करता जिससे देश की विकास हो। यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो नेहरू जी की तरह राष्ट्रहित में स्वस्थ तटटस्थ विदेशनीति पर चलता । सर्वश्री लालबहादुर शास्त्री, इंदिरा गाँधी तथा अटल बिहारी बाजपेयी की तरह ध्मांध और उद्ंड राष्ट्रों को सबक सिखाता। इंदिरा जी की तरह निरपेक्ष राष्ट्रों का राष्ट्राध्यक्ष बनकर विश्व में भारत का नाम उन्‍नत की ओर लेकर जाता।

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो देश को उद्योग-धंधों से समृद्ध कर स्वावलम्बी बनाता। लालबहादुर शास्त्री के जय जवान जय किसान के नारे से देश की खेती कर और अधिक उपजाऊ बनाता, ताकि देश की रीढ़ किसान भारत को शस्य-श्यामला रख सकें और अन्न का भण्डार भरपूर रहे। इंदिरा जी की तरह उद्योगों का जाल बिछाता तथा विदेशों में निर्यात को बढ़ावा देकर राष्ट्र की अर्थ नीति को मजबूत करता।

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो कानून और व्यवस्था को मजबूत करना मेरा प्रथम कर्तव्य होता। आतंकवाद से जनता को मुक्त कराने के लिए निस्संकोच युद्ध-स्तर पर सैनिक कार्यवाही करता । पूर्व वित्तमंत्री श्री मनमोहनसिंह के फार्मूले को अपनाकर बहु- औद्योगिक कंपनियों का देश में जाल बिछाता ताकि देश औद्योगिक दृष्टि से समृद्ध हो और बेरोजगारी पर काबू पाया जा सके | उग्रवाद को सदा-सदा के लिए समाप्त करने के लिए "न होगा बाँस न बजेगी बाँसुरी" के अनुसार इसकी जड़ को ही नष्ट कर देता।

हमारे देश में आज प्रांतवाद और जातिवाद की घटना बढ़ रहे हैं। राजनीतिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार बढ़ गया है तथा रिश्वतखोरी, कालाबाजारी, तस्करी और दंगे-फसादों की अब कोई सीमा ही नहीं है। यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो इन बुराइयों को दूर करने के लिए कड़ी से कड़ी नियम बनता। किसी भी हालत में देश की एकता को बनाए रखता और देश की प्रगति के लिए पूर्ण निष्ठा से काम करता।

यदि मैं प्रधानमंत्री होता जो जवाहरलाल जी की तरह विज्ञान को प्रोत्साहन देता । इंदिरा जी की तरह प्रौद्योगिकी (टेक्नोलोजी) का विकास करता तथा अटल जी की तरह जय विज्ञान की घोषणा करता। विश्व के महान्‌ वैज्ञानिक राष्ट्रों की श्रेणी में अपने देश की गिनती करवाता। विज्ञान और टेक्नोलोजी के क्षेत्र में प्रोत्साहन देकर भारत को विश्व का समृद्ध देश बनाता। विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देकर देश को उज्वल विकास और उनत्ति बनाने का कोई कसर नहीं छोड़ता।

भारत का प्रत्येक शिशु, युवक, नागरिक शिक्षित हो, कोई भारतीय अशिक्षित न रहे, इसकी व्यवस्था करता। स्कूल-कॉलिजों की पवित्र मंदिर का रूप देता। टेक्नीकल एजूकेशन शिक्षा का अनिवार्य अंग होता इसीलिए मै टेक्नीकल एजूकेशन को बढ़ावा देता। उच्च-शिक्षा का अवसर केवल योग्य और अधिकारी छात्रों को ही प्रदान करता। मैं विद्यालयों में फौजी तालीम अनिवार्य कराता और सुरक्षा की दृष्टि से देश को आत्मनिर्भर बनाता। जन-स्वास्थ्य की दृष्टि से देश में डिस्पेंसरी, अस्पताल और चिकित्सा केन्द्रों को प्रोत्साहन देता। प्रदूषण से देश के पर्यावरण को नुकसान पहुचंता है इसीलिए मैं प्रदूषण को रोकने के लिए कड़ा नियम बनता | विशेष और संक्रामक रोगों के लिए विशिष्ट अस्पताल खोलता। दूर-संचार माध्यमों द्वारा जनता को स्वस्थ रहने के गुर सिखाता जिससे मेरे देश का हर नागरिक स्वस्थ रहे। प्रकृति-प्रकोप की पूर्व जानकारी देकर तथा समुचित उपाय करके राष्ट्र की हानि कम से कम होने देता। सहकारिता, परिवहन, पर्यटन को बढ़ावा देता । संचार-व्यवस्था सस्ती और चुस्त करता। दूरदर्शन और रेडियो को मनोरंजन, शिक्षा, बहुमुखी जानकारी तथा समाचार का विश्वस्तनीय केन्द्र बनाता। मेरा हर कार्य देश की सुरक्षा, विकास और उनत्ति के लिए होता।

गरीबी और बेकारी जैसी समस्याओं को हल करने के लिए मैं छोटे-मोटे उद्योगों को प्रोत्साहन देता। निरक्षरता दूर करने के उचित प्रबंध करता तथा भारतवासियों के स्वास्थ्य सुधार के लिए कड़ा कदम उठाता। गाँवों की प्रगति के लिए पंचायतों को विशेष अधिकार देता तथा समाज सुधारकों और ग्रामसेवकों को भी प्रोत्साहित करता। मैं सरकारी खर्च को कम करने के उपाय करता जिससे देश की आर्थिक बिगड़े नहीं। ऐसा कोई कार्य पर ध्यान देता जिससे देश के गरीब भाइयो को दो वक़्त की रोटी उन्हें मिलता तथा बेरोजगारी भाइयों के लिए रोजगार देने का कार्य करता।

जनसंख्या वृद्धि को रोकने के सशक्त उपाय ढूंढ़ता और लोगों को जनसँख्या रोकने के लिए जागृत करता | समाचार-पत्रों की स्वतंत्रता को पूर्ण रखता। पंचायत से लेकर संसद्‌ तक की प्रत्येक सीट का चुनाव निश्चित और निर्धारित समय पर करवाकर लोकतंत्र को स्थायित्व देता। यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो प्रादेशिक सरकारों से भेद-भाव नहीं करता । देश में समान कानून होता। किसी अल्पसंख्यक, विशेष प्रदेश या वर्ग-विशेष को विशेष छूट नहीं होती ।

मैं भारत का प्रधानमंत्री बनकर सभी देशों के साथ सहयोग और मित्रता का व्यवहार रखता और गुटबंदी से दूर रहता। परमाणु शस्त्रों पर विश्वव्यापी प्रतिबंध लगवाने का पूर्ण प्रयत्न करता। मैं अपनी सेवा और कर्तव्य निष्ठा से देशवासियों के समक्ष एक आदर्श प्रस्तुत करने का प्रयत्न करता। मैं विरोधी पक्षों के दृष्टिकोण को भी समझने की पूरी कोशिश करता और देश की समस्याओं को हल करने के लिए उनका सहयोग लेता। अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों को मैं उनकी योग्यता के अनुसार उचित जिम्मेदारी सौंपता। सबके प्रति मेरा व्यवहार सहानुभूतिपूर्ण और निष्पक्ष होता। किसी तरह का भ्रष्टाचार मैं बर्दाश्त न करता। प्रधानमंत्री के नाते मेरा लक्ष्य देश को सुखी, समृद्ध और शक्तिशाली बनाना होता। मेरे निर्णय सदा देश के हित में मंत्रिमंडल की टीम स्थ्रिट से होते । विषम समस्या आने पर देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों, राष्ट्रपतियों, विपक्ष तथा विद्टानों से विशेष-मंत्रणा करता। उनके सामूहिक निर्णय को कार्यान्वित करता। मैं देश का ईमानदार और सचाई के राह पर चलने के लिए हर संभव प्रत्यन करता।

Nibandh Category

HiHindi.Com

HiHindi Evolution of media

यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता पर निबंध | Essay on If I were the Prime Minister in Hindi

Essay on If I were the Prime Minister in Hindi  प्रिय विद्यार्थियों आपका स्वागत है आज हम आपके साथ यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता पर निबंध अर्थात देश का पीएम बनता तो क्या होता अथवा क्या करता.

इस विषय पर आपके साथ हिंदी एस्से कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के बच्चों के लिए सरल भाषा में अगर / काश मैं प्रधानमंत्री होता का निबंध 100, 200, 250, 300, 400 और 500 शब्दों में साझा कर रहे हैं.

यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध Essay on If I were Prime Minister in Hindi

यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध Essay on If I were Prime Minister in Hindi

भारत के लोकतांत्रिक देश है, जिसमें प्रधानमंत्री राष्ट्र का वास्तविक मुखिया होता है। प्रधानमंत्री का पद हमारे देश में एक सबसे महत्वपूर्ण पद होता है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 75 में प्रधानमंत्री का उल्लेख है। अगर भविष्य मैं मुझे भारत का प्रधानमंत्री बनने का शौभाग्य प्राप्त होता है, तो मेरे प्राथमिकता में निम्न कार्य रहेंगे –

  • भारत में एक मजबूत लोकतंत्र की स्थापना करना। भारत की समस्त सरकारी संस्थाओं के मजबूत बनाना।
  • भारत की राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना और देश में से जाति, धर्म के आदर पर होने वाले भेदभाव को रोकना।
  • भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी। भारत में उत्पादन को बढ़ावा देना।
  • भारत में एक सुशाशन की स्थापना करना।
  • देश में बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई को न्यूनतम स्तर पर लाना। 
  • अमीरी और गरीबी के बीच की खाई को कम करना।
  • देश में भष्टाचार को बिलकुल समाप्त करना।
  • देश की सैन्य ताकत को मजबूत करना और देश बाहरी और आंतरिक सुरक्षा को अत्यधिक मजबूत बनाना।
  • देश में महिलाओं को सुरक्षा को पुरुषों के समान अवसर देना।
  • महिलाओं के साथ होने वाले अपराधो के लिए सख्त कानून बनाना और उनका क्रियान्वन करना।
  • देश में पुलिस सिस्टम को मजबूत बनना, पुलिस की कार्य शैली में सुधार लाना।
  • अगर मैं भारत का प्रधान मंत्री बनता हूं तो भारत की शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार लाने का पूरा प्रयास करूंगा। उच्च शिक्षा को गरीब व्यक्ति की पहुंच में लाया जाएगा। 
  • देश में नवाचार और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देना।
  • देश को शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकसित बनाना।
  • देश में हर व्यक्ति को आगे बढ़ने के अवसर उपलब्ध करवाना और कानूनी दांव पेज को सरल बनाना।
  • देश में न्याय व्यवस्था को मजबूत और तेज बनाना।
  • देश के युवाओं को रोजगार के भरपूर अवसर उपलब्ध करवाना।
  • भारत को खेल के क्षेत्र में विश्व में शिखर पर पहुंचना, खेलों को प्रोहत्सान देना।
  • देश में किसानों को मजबूत बनना।

600 शब्द : यदि मैं प्रधानमंत्री होता

प्रस्तावना- भारत में प्रधानमंत्री का पद अति महत्वपूर्ण हैं. इसलिए प्रधानमंत्री बनना किसी भी भारतीय नागरिक के लिए गौरव की बात हैं. प्रधानमंत्री का पद जितना महत्वपूर्ण हैं उतना ही अधिक जिम्मेदारी भरा भी,

इसके बावजूद लगभग हर भारतीय का सपना प्रधानमंत्री बनने का होता हैं. यदि मैं भी जीवन में किसी पद पर पहुचने में कामयाब रहा तो यह मेरे लिए गौरव की बात होगी, यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो अपनी समस्त क्षमताओं का उपयोग राष्ट्र की उन्नति के लिए करता.

राष्ट्र के प्रति कर्तव्य – भारत के प्रधानमंत्री के रूप में मेरी राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों में निम्नलिखित प्राथमिकताएं होती-

शिक्षा का उचित प्रसार- देश के प्रधानमंत्री के रूप में सबसे पहले मैं भारत में शिक्षा के उचित प्रसार पर ध्यान देता. किसी भी देश का आर्थिक विकास इस बात पर निर्भर करता हैं कि उसके नागरिक कितने शिक्षित हैं.

मैं शिक्षा द्वारा उत्पादकता बढ़ाने के लिए विज्ञान की शिक्षा, कार्यानुभव एवं व्यवसायिक शिक्षा पर जोर देता.

आंतरिक सुरक्षा सुद्रढ़ करना- एक देश तब ही प्रगति की राह पर अग्रसर रह सकता हैं, जब उसके नागरिक अपने देश में सुरक्षित हो. असुरक्षा की भावना न केवल नागरिकों का जीना दूभर कर देती हैं. बल्कि इससे देश की शांति एवं सुव्यवस्था के साथ साथ इसकी प्रगति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हैं.

साम्प्रदायिकता, क्षेत्रवाद, आतंकवाद, अलगाववाद, भाषावाद, नक्सलवाद इत्यादि भारत की आंतरिक सुरक्षा को सुद्रढ़ करने का प्रयास करता और देश की अखंडता सुरक्षित रखता.

राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा- राष्ट्र की आंतरिक शांति तथा सुव्यवस्था और बाहरी दुश्मनों से रक्षा के लिए राष्ट्रीय एकता परम आवश्यक हैं.

यदि हम भारतवासी आपसी मतभेदों में ही उलझे रहे तो अन्य देश हमारी स्वतंत्रता को हड़पने का प्रयास करेगे इसलिए मैं भारत की सबसे बड़ी विशेषता विविधता में एकता को महत्व देते हुए भारत की राष्ट्रीय एकता को बढ़ाने का प्रयास करता.

आर्थिक चुनौतियों का समाधान – जनसंख्या वृद्धि, आर्थिक विषमता, भ्रष्टाचार, गरीबी, सामाजिक शोषण, बेरोजगारी अशिक्षा, औद्योगिकीकरण की मंद प्रक्रिया इत्यादि भारत की आर्थिक विकास की कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं.

प्रधानमंत्री के रूप में मैं इन आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने की कोशिश करता.

भारतीय विदेश नीति में सुधार – अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के क्षेत्र में किसी भी देश की स्थिति तभी सुद्रढ़ हो सकती हैं, जब उसकी विदेश नीति सही हो.

भारत एक शांतिप्रिय देश हैं. दुनियाभर में शांति को बढ़ावा देने एवं परस्पर सहयोग के लिए मैं भारतीय विदेश नीति में सुधार करता.

युवा पीढ़ी के प्रति कर्तव्य- किसी भी देश की शक्ति उसकी युवा पीढ़ी ही होती हैं. आज भारत की युवा पीढ़ी को बेरोजगारी का दंश बहुत बुरी तरह से झेलना पड़ रहा हैं.

जिसके कारण युवा वर्ग हताशा से भरकर नशा, चोरी तथा आपराधिक कृत्यों को करने लगा हैं. मैं प्रधानमंत्री के रूप में रोजगार के अनेकों अवसर पैदा करता. जिससे युवा शक्ति का सुनियोजन भली प्रकार हो पाता.

बुजुर्गों के प्रति कर्तव्य – बुजुर्ग राष्ट्र का अनुभव होते हैं. उनके अनुभवों का लाभ देश को मिलता रहे, ऐसी व्यवस्था करता. साथ ही वृद्धावस्था की कुछ चुनौतियों जैसे स्वास्थ्य, सुरक्षा, पेंशन आदि की भली प्रकार व्यवस्था करके बुजुर्गों के जीवन को खुशहाल बनाने का प्रयास करता.

उपसंहार – स्पष्ट है कि यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो देश एवं देश की जनता को सामाजिक, राजनीतिक आर्थिक एवं शैक्षिक स्तर पर सुद्रढ़ कर भारत को पुर्णतः विकसित ही नहीं खुशहाल देश बनाने का अपना सपना साकार करता.

अगर मैं प्रधानमंत्री होता essay in hindi

व्यक्ति कल्पनाशील प्राणी है – व्यक्ति कल्पनाशील प्राणी हैं. वह प्रत्येक व्यक्ति मन में अपने सुनहरे भविष्य की कल्पना करता हैं. वर्तमान में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हमारे देश में लोकसभा के चुनावों में सत्तापक्ष के नेताओं में प्रधानमंत्री बनने की स्पर्धा दिखाई देती हैं.

यदि मैं भी चुनाव में जीत कर लोकसभा का सदस्य बन जाता और सभी प्रतिनिधि मुझे देश का प्रधानमंत्री चुन लेते, तो कितना अच्छा होता, मैं प्रायः इसी प्रकार की कल्पनाएँ करता रहता हूँ.

देश का प्रधानमंत्री बनना – यदि मैं देश का प्रधानमंत्री होता तो यह मेरे लिए सौभाग्य का विषय होता. मैं अपने पक्ष के सदस्यों का पूरा समर्थन प्राप्त कर प्रधानमंत्री का पद स्वीकार करता.

मैं योग्य व्यक्तियों को अपने मंत्रीमंडल में उचित पद देकर देश का शासन सही ढंग से चलाने की चेष्टा करता. प्रधानमंत्री बनने पर मैं ऐसे लोगों को शासन का कार्यभार सौपता,

जो जनता की सम स्याओं और आकांक्षाओं को समझते हो तथा उन्हें दूर करने में निष्पक्षता से कार्य करने में रूचि रखते हो.

प्रधानमंत्री बनने पर मेरे कर्तव्य – यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो निम्न कर्तव्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने की चेष्टा करता.

  • मैं देश की विदेश नीति को प्रभावशाली बनाता तथा रक्षा सेनाओं पर अधिक धन व्यय करता
  • मैं देश की आर्थिक उन्नति के लिए अनेक प्रयास करता, इसके लिए विदेशों से ऋण लेने की अपेक्षा स्वावलम्बी भारत का निर्माण करता
  • मैं लघु उद्योगों तथा ग्रामीण उद्योग धंधों को बढ़ावा देने की नीति बनवाता तथा इस निमित्त एक ऐसा कोष स्थापित करता, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध हो सके.
  • मैं देश में शिक्षा के स्तर में सुधार करता, रोजगारपरक तथा तकनीकी शिक्षा पर अधिक जोर देता ताकि नवयुवक पढ़ लिखकर स्वरोजगार चला सकें.
  • मैं आवागमन के साधनों का विकास करता, कृषि उत्पादन पर अधिक बल देता और सिंचाई साधनों को सुव्यवस्थित बनाये रखने का प्रयास करता.
  • देश में साम्प्रदायिकता और जातिवाद की जो समस्या विद्यमान है मैं उसे समाप्त करने की चेष्टा करता. इस प्रकार मैं धर्मनिरपेक्ष संविधान का पालन करता.
  • इसी प्रकार देश में व्याप्त भ्रष्टाचार कुशासन गरीबी आर्थिक पिछडापन शोषण आदि सभी बुराइयों को जड़ से समाप्त करने की चेष्टा करता.

देश की उन्नति के लिए प्रयास – इस प्रकार मैं अनेक उपायों एवं विकासोन्मुख विविध योजनाओं को प्रारम्भ कर देश के शासन तंत्र को सुव्यवस्थित एवं गतिशील बनाता

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो देश को इतना शक्तिशाली बनाता कि उसकी गणना विश्व के सम्रद्ध एवं शक्तिशाली देशों में हो सके. मैं अपने देश को भौतिक प्रगति के साथ खगोलीय और नाभिकीय प्रगति पर भी विशेष ध्यान देता

तथा ऐसे आविष्कारों को प्रधानता देता जिनसे देश का चहुंमुखी विकास हो सके. मैं आणविक आयुधों तथा विशाल बिजलीघरों का निर्माण करवाता, परन्तु पर्यावरण में संतुलन बनाये रखने की चेष्टा करता.

उपसंहार – इस प्रकार यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो स्वतंत्र भारत के अभ्युदय में अपना तन, मन और जीवन समर्पित करता. परंतु मेरे सपने और प्रधानमंत्री बनने की कल्पनाएँ कब पूरी होगी यह कहा नहीं जा सकता.

ईश्वर से प्रार्थना है   वह मेरी इस कल्पना को भविष्य में अवश्य ही साकार करे.

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध (If I Were A Prime Minister Essay In Hindi)

यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध (If I Were A Prime Minister Of India Essay In Hindi)

आज हम यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो पर निबंध (Essay On If I Were A Prime Minister In Hindi) लिखेंगे। यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो विषय पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On If I Were A Prime Minister In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।

यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध (If I Were A Prime Minister Of India Essay In Hindi)

प्रधानमंत्री का पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। देश की सम्पूर्ण बागडोर, अहम फैसलों का दायित्व और अनगिनत जिम्मेदारियों को प्रधानमंत्री हमेशा निभाता है। प्रधानमंत्री को बिना रूके देश के प्रति दैनिक जिम्मेदारी को निष्ठा के साथ निभाना पड़ता है।

हम सभी दैनिक जीवन में बहुत सारी कल्पनाएं करते है। यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो यह मेरा सौभाग्य होता कि मैं देश के प्रति अपने जिम्मेदारियों को निभा सकूँ। फिलहाल देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी है।

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो देश के कई सारे प्रक्रियाओं में परिवर्तन लाने की कोशिश करता। यह सिर्फ मैं कहने के लिए नहीं बोल रहा हूँ, मैं देश के हित में अनगिनत कार्य करता है।  देश में फैल रहे अत्याचार, महिलाओं पर बढ़ते जुल्म, गरीबो पर अत्याचार, शोषण,  भ्रष्टाचार इत्यादि अपराधों पर अंकुश लगाने का प्रयत्न करता।

गौरव की बाद

प्रधानमंत्री बनना किसी भी व्यक्ति और नागरिक के लिए गर्व की बात होती है। इस पद में जितना दायित्व होता है उतना सम्मान भी होता है। प्रधानमंत्री बनने के लिए देश – विदेश का ज्ञान, सरकार शासन चलाने का हुनर, राजनीतिक कार्यो को अच्छे से समझना आवश्यक होता है।

देश विदेश की सभी नीतियों का अच्छा ज्ञान होना आवश्यक है। लेकिन कभी – कभी मेरे मन में यह ख्याल आता है कि यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो मैं देश के लिए क्या करता।

जनहित संबंधित कार्य

यदि मैं प्रधानमंत्री होता, तो सभी योजनाओं, कार्यक्रमों की जांच करवाता। ताकि जनता के संबंधित कार्य जल्दी हो सके। मैं ऐसे योजनाओं का चयन करता जोकि जनता के लिए लाभप्रद हो। बेहतर न्याय व्यवस्था, सुरक्षा और शिक्षा व्यवस्था का प्रबंध करवाता। गरीबी को मिटाने का प्रयास करता ताकि कोई भी इंसान भूखे पेट ना सोये।

शासन कार्यो को सुचारु रूप से चलाता

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो सभी पहलुओं पर गौर करता। अपने निर्णय खुद लेता और शासन कार्यो में कभी ढील नहीं देता। अपने जिम्मेदारियों के प्रति सचेत रहता और हर मुश्किलों का सामना करता। देश की जनता की भलाई के लिए सारे उचित निर्णय लेने का प्रयास करता।

देश की विभिन्न समस्याएं

देश हमेशा से विभिन्न परेशानियों में घिरा रहता है। देश की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक स्तर पर कई सारी समस्याएं है। उन्हें सोच समझकर अपने पार्टी के सदस्यों के साथ विचार विमर्श करता और सुलझाने की हर मुमकिन चेष्टा करता।

मैं जानता हूँ कि प्रधानमंत्री का पद जिम्मेदारियों से भरा हुआ होता है। जो समस्याएं हमारी देश की प्रगति में बाधक है उन्हें मिटाने की मैं जी तोड़ कोशिश करता।

पार्टी में योग्य व्यक्तियों का योगदान

यदि मैं प्रधानमंत्री होता, तो काबिल व्यक्तियों को पार्टी में शामिल करता जो योगदान दे पाते। जब पार्टी का गठन अच्छा और मज़बूत होगा, तो देश को अच्छे तरीके से चलाया जा सकता है। जो पार्टी मेंबर गलत कार्यो में लिप्त है, उन्हें पार्टी में शामिल नहीं होने देता। पूर्व प्रधानमंत्री के अच्छे आदतों और उन नीतियों को अपनाता जिससे देश उन्नति की राह पर चल सके।

अच्छे मंत्रियों को शामिल करना

प्रधानमंत्री बनने के बाद मेरा पहला काम मेरी कैबिनेट के लिए सबसे अच्छे मंत्रियों को चुनना होगा। मैं आगे यह सुनिश्चित करूंगा कि सुयोग्य युवा पुरुषों को भी कैबिनेट में जगह मिलनी चाहिए, ताकि उनके काबलियत का उपयोग देश की भलाई के लिए किया जाए।

फिर मैं देखूंगा कि सभी बड़ी मिलों का राष्ट्रीयकरण किया जाना चाहिए। ताकि मजदूरों की मेहनत से कमाया गया लाभ उन्हें भी प्राप्त हो। श्रमिकों को उनका उचित हिस्सा मिलना चाहिए। मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि केवल विशेषज्ञ व्यक्ति ही उन उद्योगों का नेतृत्व करे।

देश की बढ़ती बेरोजगारी

देश में जनसंख्या बढ़ती चली जा रही है। इस पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों से लोगो को जागरूक करने का प्रयास करता। देश में आबादी बढ़ने के कारण नौकरियां कम हो रही है और उम्मीदवार बढ़ रहे है। इस समस्या को सुलझाने की कोशिश करता। देश में पर्याप्त रोजगार के अवसरों को शुरू करवाता।

नयी योजनाओं का आरम्भ

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो देश में गरीबी को कम करने के लिए नयी योजनाओं का निर्माण करता। देश मे महंगाई, कालाबजारी, जमाखोरी जैसे समस्याओं को दूर करता। जो लोग कालाबाज़ारी और जमाखोरी जैसे अपराध करते उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलवाता।

भ्रष्टाचार से निपटता

किसी भी रूप में भ्रष्टाचार से सख्ती से निपटा जाएगा और भ्रष्ट व्यक्तियों को कठोर सजा दी जाएगी। मैं जानता हूं कि किसी देश का शासन संभालना इतना आसान काम नहीं है। सभी लोगो का सक्रीय समर्थन ज़रूरी है। देश में कई स्तरों पर भ्रष्टाचार ने अपने शाखाएं फैलाई है। यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो भ्रष्टाचार जैसे दीमक को उखाड़कर फेंक देता।

कृषि और उद्योग क्षेत्रों को विशेष महत्व

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो कृषि और किसानो को विशेष महत्व देता। किसानो की हालत दयनीय हो गयी है। उन्हें और बेहतर सुख  – सुविधाएं प्रदान करता। किसानो को शिक्षित करने के प्रयास करता, ताकि वह योजनाओं को बेहतर तरीके से समझ सके और उनका लाभ उठा सके। मैं उद्योग क्षेत्रों के विकास में कई कार्य करता।

बंद कारखानों को खुलवाना

जो कारखाने बंद हो गए है, उन्हें फिर से खुलवाता ताकि लोगो को रोजगार मिल सके। जिन लोगो को कारखाने बंद होने के कारण पैसे नहीं मिल रहे है, ऐसे मामलो को सुलझाने की चेष्टा करता।

प्रकृति संरक्षण

दिन प्रतिदिन पृथ्वी पर प्रदूषण बढ़ रहा है और पेड़ काटे जा रहे है। इन सब पर रोक लगाने के लिए कड़े कानून बनाता और लोगो को प्रेरित करता ताकि वह नियमो का पालन करे। हफ्ते में दो दिन लोग अपने गाड़ी में नहीं बल्कि सार्वजनिक बसों का इस्तेमाल करे। ऐसा करने से प्रदूषण कम होगा। पेड़ लगाना सिर्फ औपचारिकता मात्र नहीं है। लोगो को जागरूक करता कि वह वृक्षारोपण को गंभीरता से ले।

लघु और कुटीर उद्योग को महत्व

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो लघु और कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन देता। वहाँ निवेश करवाता ताकि ज़रूरतमंद लोगो को रोजगार प्राप्त हो सके। हस्तशिल्प संबंधित कार्यो को विकसित करने में मदद करता। अगर कुटीर उद्योगों को विकसित किया गया तो उन्नति अवश्य होगी।

आधुनिक शिक्षा प्रणाली

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन करता। ऐसी शिक्षा प्रणाली का निर्माण करवाता, जिसमे विद्यार्थियों को रूचि प्राप्त हो और रटने की प्रवृति दूर हो जाए। शिक्षा प्रणाली में बलाव अच्छा है। इससे आने वाले पीढ़ी के बेहतरीन भविष्य का निर्माण होगा।

गाँवों का विकास

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो गाँवों का विकास करता। गाँवों में सभी लोगो को शिक्षित कराने का प्रयास करता। ताकि कोई उनके भोलेपन का फायदा ना उठा सके। सभी गाँव में बिजली का प्रबंध करवाता, ताकि किसानो को खेतो की सिंचाई करने में मुश्किलें ना हो।

दूसरे ऊर्जा स्रोतों के उपयोग पर ज़ोर देता

दुनिया में कई इंधनो की कमी हो रही है। यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो सौर ऊर्जा, गोबर गैस और हवा ऊर्जा के उपयोग पर ज़्यादा ज़ोर देता। यह बेहतरीन शक्ति स्रोत है, जिसकी सहायता से कई प्रकार के कार्य किये जा सकते है।

सुरक्षा बलों को और अधिक मज़बूत बनाऊंगा

हमारे देश की आतंरिक सुरक्षा अत्यंत अनिवार्य है। यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो सुरक्षा बलों को ज़रूरी सुविधाएं प्रदान करवाता और उन्हें अच्छा प्रशिक्षण देने की चेष्टा करता। सेनाओ को बेहतरीन प्रशिक्षण दिलवाता।

मैं यह कोशिश करता कि स्कूलों में भी विद्यार्थियों को अन्य विषयो के संग सैन्य सुरक्षा जैसी शिक्षा प्राप्त हो। उससे जुड़े गतिविधियों को शामिल करता, ताकि विद्यार्थियों को कम उम्र से ही अपने जिम्मेदारियों का अहसास हो और वे देश प्रेम जैसे भावनाओ को समझ सके।

समाज में बसी जातिगत समस्याओं को दूर करता

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हर जगह शान्ति, आस्था, विनम्रता और इन्सानियत इत्यादि जैसे गुणों को विकसित करने की भरपूर कोशिश करता। आये दिन देश के किसी हिस्से में जातिगत पिछड़ेपन के कारण लड़ाई, झगड़ा, दंगे इत्यादि होते है। मैं इनको रोकने की पूरी कोशिश करता।

सभी धर्म, जाति, वर्ग एक समान है। लोगो को नौकरी उसकी कार्यक्षमता के आधार पर मिलती नाकि धर्म और वर्ग के बुनियाद पर।

नशीले पदार्थो पर रोक

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो तम्बाकू, सिगरेट, शराब जैसे नशीले वस्तुओं पर रोक लगाता। यह आने वाले युवा पीढ़ी और उसके उज्जवल भविष्य को समाप्त कर देता है। यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो नशीले वस्तुओं के सेवन पर पाबंदी लगाता।

देश के हर स्तर पर प्रधानमंत्री नेतृत्व करता है। वैसे प्रधानमंत्री बनने के लिए अभी मेरे में इतनी काबलियत नहीं है। मगर यदि मैं प्रधानमंत्री बनता तो पूरे निष्ठा के साथ अपने जिम्मेदारियों को निभाता। देश की उन्नति के लिए ईमानदार, समझदार और सही फैसले लेने वाले प्रधानमंत्री की ज़रूरत है।

इन्हे भी पढ़े :-

  • यदि मैं डॉक्टर होता पर निबंध (If I Am A Doctor Essay In Hindi)
  • यदि मैं पक्षी होता पर निबंध (If I Am A Bird Essay In Hindi)
  • 10 Lines On Prime Minister Of India In Hindi Language
  • यदि मैं वैज्ञानिक होता तो पर निबंध (If I Were A Scientist Essay In Hindi)
  • यदि मैं शिक्षा मंत्री होता पर निबंध (If I Were A Education Minister Essay In Hindi)

तो यह था अगर मैं प्रधानमंत्री होता तो पर निबंध, आशा करता हूं कि यदि मैं प्रधानमंत्री होता  पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On If I Were A Prime Minister Of India) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

Sharing is caring!

Related Posts

इंद्रधनुष पर निबंध (Rainbow Essay In Hindi Language)

इंद्रधनुष पर निबंध (Rainbow Essay In Hindi)

ओणम त्यौहार पर निबंध (Onam Festival Essay In Hindi)

ओणम त्यौहार पर निबंध (Onam Festival Essay In Hindi)

ध्वनि प्रदूषण पर निबंध (Noise Pollution Essay In Hindi Language)

ध्वनि प्रदूषण पर निबंध (Noise Pollution Essay In Hindi)

SILENT COURSE

Essay Writing, Letter Writing, Notice Writing, Report Writing, Speech, Interview Questions and answers, government exam, school speeches, 10 lines essay, 10 lines speech

  • Hindi Essay
  • Eng. Speech
  • Hindi Speech
  • Notice Writing
  • Report Writing

Thursday, July 30, 2020

निबंध: अगर मैं भारत का प्रधानमंत्री होता | if i were the prime minister of india essay in hindi, if i were the prime minister of india essay in hindi निबंध : अगर मैं भारत का प्रधानमंत्री होता.

if i am prime minister of india essay in hindi

No comments:

Post a comment, 28 फरवरी ➤ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस - national science day.

  • ➤ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध
  • ➤ सी.वी रमन जी पर निबंध
  • ➤ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर 10 वाक्य
  • ➤ Essay on National Science Day In English
  • ➤ Essay on C.V. Raman In English
  • ➤ 10 Lines on National Science Day
  • ➤ 10 Lines on National Science Day In English

एक देश, एक चुनाव / One Nation One Election

  • - एक देश एक चुनाव पर निबंध
  • - एक देश, एक चुनाव पर 10 वाक्य
  • - Essay on One Nation, One Election In English
  • - 10 Lines on One Nation, One Election In English

आदित्य एल1 मिशन / Aditya-L1 Mission

  • - आदित्य एल1 मिशन पर निबंध
  • - आदित्य एल1 मिशन पर 10 पंक्ति
  • - Essay on Aditya-L1 Mission In English
  • - 10 Lines on Aditya-L1 Mission In English

चंद्रयान 3 / Chandrayaan-3

  • - चंद्रयान 3 पर निबंध
  • - चंद्रयान 3 पर 10 पंक्ति
  • - Essay on Chandrayaan 3
  • - 10 Lines on Chandryaan-3

Popular Posts

  • Write A Letter To Your Friend Congratulating Him On His Success In The Examination Q. Write A Letter To Your Friend Congratulating Him On His Success In The Examination. Ans : RZH-333, Street-9  Bangalore Road  Mysore - 570...
  • Write An Application To The Principal For Fee Concession Q. Write An Application To The Principal For Fee Concession. Ans :  Letter Writing To  The Principal  Adarsh School  Dwarka Sec - 7  Delhi :...
  • Write A Letter To Your Friend Inviting Him To Spend Summer Vacation With You Q. Write A Letter To Your Friend Inviting Him To Spend Summer Vacation With You. Examination Hall Palika Road, Delhi 17th May...
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध - Essay on International Yoga Day In Hindi - 21st June Essay on International Yoga Day In Hindi (300 Words) अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को पुरे विश्व मे...
  • Essay on Dr. APJ Abdul Kalam In 300 Words Essay on Dr. APJ Abdul Kalam In English | 300 Words Father of India Missile Programmed Dr. A.P.J Abdul Kalam is the 11 th president of...
  • How To Write An Application to The Principal For Sick Leave  (How To Write An Application To The Principal For Sick Leave) To  The Principal  Delhi Convent School  Subject : Application...
  • दो दिन की छुट्टी / अवकाश के लिए प्रधानाचार्य जी को आवेदन पत्र या प्रार्थना पत्र - Write An Application To The Principal For Leave Two Days Question :  Write An Application To The Principal For Leave Two Days दो दिन की छुट्टी / अवकाश के लिए प्रधानाचार्य जी को आवेदन पत्र या ...
  • स्कूल छोड़ने के लिए प्रधानाचार्य जी को प्रार्थनापत्र - Write An Application To The Principal For School Leaving Certificate In Hindi Question :   Write An Application To The Principal For School Leaving Certificate प्रश्न :   स्कूल छोड़ने के लिए प्रधानाचार्य जी को प्रार्थ...
  • Fee Installment के लिए आवेदन - Application For Fee Installment In School In Hindi Fee Installment के लिए आवेदन |  Application For Fee Installment In School In Hindi दिनांक :- सेवा में प्रधानाचार्य / प्रधानाचा...
  • Write An Application To The Principal For A School Picnic Q. Write An Application To The Principal For A Picnic Q. Application to the principal to arrange for school picnic Q. Application for Per...
  • - Road Accident Report Writing
  • - Fire Accident Report Writing
  • - Kerala Flood Report Writing
  • - Pulwama Attack Report Writing
  • - Blood Donation Camp Report Writing
  • - Lost Wrist Watch Notice Writing
  • - Lost Water Bottle Notice Writing
  • - Lost Pencil Box Notice Writing
  • - Fancy Dress Competition Notice Writing
  • - Sick Leave Application
  • - School Leaving Certificate
  • - For Scholarship
  • - Fee Concession
  • - Congratulation Letter (Exam)
  • - Application for Picnic
  • English-Essay (120)
  • Hindi-Essay (120)
  • 10-Lines-English (31)
  • 10-Lines-Hindi (31)
  • English-Festival-Essay (25)
  • Hindi-Festival-Essay (25)
  • Hindi-Speech (19)
  • Hindi-Letter (18)
  • 10-Lines-Speech (15)
  • English-Speech (14)
  • English-Letter (13)
  • Freedom-Fighter-Hindi-Essay (13)
  • Freedom-Fighter-Essay (12)
  • 10-Lines-Hindi-Speech (8)
  • 10-lines-hindi-essay (8)
  • 10-Lines-Essay (5)
  • English-Notice (5)
  • English-Report (5)
  • 10-Lines-Domestic-Animal (4)
  • 10-Lines-Historical-Monuments (2)
  • 10-Lines-Wild-Animal (2)
  • Freshers-Interview (2)
  • Experienced-Interview (1)

Site Information

  • Privacy Policy

Contact Form

Total pageviews.

यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता पर निबंध

हमारे देश में प्रधानमंत्री का पद अति महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में किसी भी व्यक्ति का प्रधानमंत्री बनना बड़े ही गौरव की बात हैं। प्रधानमंत्री का पद जितना महत्वपूर्ण हैं, उससे कई गुना अधिक जिम्मेदारी भरा भी रहता है। बता दें, हमारे पूरे देश को प्रधानमंत्री चला रहे हैं। आज हम इस लेख में निबंध लिखेंगे कि यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता। चलिए शुरुआत करते है।

भारत का प्रधानमंत्री बनना

अगर मैं देश का प्रधानमंत्री होता तो यह मेरे लिए सौभाग्य की बात होती। मैं अपने पक्ष के सदस्यों का पूरा समर्थन प्राप्त कर ही प्रधानमंत्री का पद को स्वीकार करता। हमारा राष्ट्र एक संप्रभुता संपन्न गणराज्य है। यहां की जनता अपना नेता चुनने के लिए स्वतंत्र है। हमारा अपना संविधान है। संविधान के अनुसार, राष्ट्र का सर्वोच्च नागरिक माननीय राष्ट्रपति से केवल प्रमुख विषयों पर ही विचार-विमर्श किया जाता है।

प्रधानमंत्री पद प्राप्त करने के बाद मैं अपनी पार्टी से योग्य व्यक्तियों को अपने मंत्रिमंडल में उचित पद देकर देश का शासन सही ढंग से चलाने की कोशिश करता। प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद मैं ऐसे व्यक्तियों को शासन का कार्यभार सौंपता, जो कि जनता जरूरतों से लेकर उनकी समस्याओं को जमीनी स्थिर से समझते।

यदि मैं प्रधानमंत्री बन गया, तो मेरे देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। जब मैं प्रधानमंत्री रहूंगा, तो मैं इस देश के सभी बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार की व्यवस्था करूंगा, जिससे देश में बेरोजगार न रहें बेरोजगारी के कारण कई युवा रोजाना आत्महत्या करते हैं। जब मैं प्रधानमंत्री होगा, तब ऐसा कार्य करूंगा, जिससे अपनी पढ़ाई के अनुसार उसमें नौकरी मिल सके।

देश में प्रधानमंत्री की महत्व

संसदात्मक शासन–व्यवस्था में, जहां वास्तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद् में निहित होती है, देश के शासन का पूरा उत्तरदायित्व प्रधानमंत्री पर ही होता है। प्रधानमंत्री केंद्रीय मंत्रिपरिषद् का अध्यक्ष और नेता होता है। वह मंत्रिपरिषद् की बैठकों की अध्यक्षता और उसकी कार्यवाही का संचालन करता है। मन्त्रिपरिषद् के सभी निर्णय उसको इच्छा से प्रभावित होते हैं। अन्य मन्त्रियों की नियुक्ति और उनके विभागों का वितरण भी पीएम की इच्छा के अनुसार ही किया जाता है। आसान शब्दों में बोले तो मन्त्रिपरिषद् यदि देश की नौका है तो प्रधानमंत्री इस नौका का नाविक है।

भारत के प्रधानमंत्री पद के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?

प्रधानमंत्री बनने के लिए व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए। प्रधानमंत्री बनने के लिए व्यक्ति लोकसभा या फिर राज्यसभा का सदस्य जरूर होना चाहिए। यदि व्यक्ति लोकसभा का सदस्य है तो उसकी उम्र 25 साल से अधिक होनी चाहिए और अगर राज्यसभा का सदस्य है तो उम्र का 30 साल से अधिक होनी चाहिए। अगर कोई व्यक्ति किसी सरकारी पद पर है तो वह देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता।

प्रधानमंत्री बनने की प्रक्रिया

लोकसभा के लिए वोट डालने वाले मतदाता प्रधानमंत्री का चुनाव नहीं करते हैं। भारत की चुनाव प्रक्रिया ब्रिटिश चुनाव प्रणाली से मिलती जुलती है। इस प्रणाली के अनुसार प्रधानमंत्री सरकार का मुखिया होता है और वह संसद के सदन लोकसभा के सदस्यों की ओर से चुना जाता है। जिस दल में ज्यादा सदस्य चुन कर आते है उन्हीं का नेता प्रधानमंत्री बनता है। देश की जनता यानी मतदाता लोकसभा के सदस्यों का चुनाव करते हैं जो अलग-अलग क्षेत्रों से चुनाव लड़ते हैं। भारत की लोकसभा में 545 सदस्य होते हैं। जिनमें से 543 चुनाव प्रक्रिया से होकर गुजरते हैं जबकि 2 का चुनाव भारत की राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।

प्रधानमंत्री का राष्ट्र के प्रति कर्तव्य

यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता है, तो मेरे राष्ट्र के प्रति कई कर्तव्य होते है, जो कि निम्नलिखित है। • शिक्षा का उचित प्रसार • आंतरिक सुरक्षा सुदृढ़ करना • राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना • आर्थिक चुनौतियों का समाधान • भारतीय विदेश नीति में सुधार • गांवों का विकास • समाज में बसी जातिगत समस्याओं को दूर करता • नशीले पदार्थों पर रोक • लघु और कुटीर उद्योग को महत्व • प्रकृति संरक्षण

यह साफ है कि यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो देश और देश की जनता को सामाजिक, राजनीतिक आर्थिक और शैक्षिक स्तर पर सुदृढ़ कर भारत को पूर्णतः विकसित ही नहीं खुशहाल देश बनाने का अपना सपना पूरा करता। मैं प्रधानमंत्री होता तो स्वतंत्र भारत के अभ्युदय में अपना तन, मन और जीवन समर्पित करता।

  • महान व्यक्तियों पर निबंध
  • पर्यावरण पर निबंध
  • प्राकृतिक आपदाओं पर निबंध
  • सामाजिक मुद्दे पर निबंध
  • स्वास्थ्य पर निबंध
  • महिलाओं पर निबंध

Related Posts

हर घर तिरंगा पर निबंध -Har Ghar Tiranga par nibandh

आलस्य मनुष्य का शत्रु निबंध, अनुछेद, लेख

मेरा देश भारत पर निबंध | Mera Desh par nibandh

होली पर निबंध-Holi Essay March 2024

‘मेरा स्टार्टअप एक सपना’ निबंध

Leave a Comment Cancel reply

यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध Yadi mein pradhan mantri hota essay in hindi

Yadi mein pradhan mantri hota essay in hindi.

if i am prime minister of india essay in hindi-दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध एक काल्पनिक आर्टिकल है इस आर्टिकल में हम हमारी कल्पना आप सभी के साथ शेयर करेंगे चलिए पढ़ते हैं हमारे आज के इस आर्टिकल को

Yadi mein pradhan mantri hota essay in hindi

हमारा भारत देश एक लोकतांत्रिक देश है इस देश में समय-समय पर चुनाव होते रहते हैं और अलग-अलग नेता बदलते रहते हैं। कोई देश के बारे में सोचता है तो कोई कुर्सी के बारे में और सिर्फ अपने बारे में सोचता है कभी-कभी मैं सोचता हूं कि देश में इतना भ्रष्टाचार है देश में इतनी बेईमानी है की सत्य के मार्ग पर चलने वाले लोग तो सही से रह नहीं सकते यदि कोई व्यक्ति आवाज उठाना चाहे तो उसकी आवाज दबा दी जाती है।

मैं सोचता हूं कि यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो कितना अच्छा होता यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो देश में रामराज्य लाने का पूरा प्रयत्न करता। मैं भगवान को धन्यवाद देता कि मैं मुझे उसने लोगों की सेवा करने के काबिल बनाया है आज हमारे देश में भ्रष्टाचार है अगर मैं प्रधानमंत्री होता तो भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने का पूरा प्रयत्न करता। यदि मुझे किसी भी भ्रष्टाचारी के बारे में जानकारी मिलती तो चाहे वह मेरी पार्टी से ही क्यों ना हो मैं उसको कड़ी से कड़ी सजा देता और देश के साथ बेईमानी करने के लिए उसे सबक सिखाता।

देश में तेजी से जनसंख्या बढ़ रही है जनसंख्या को रोकने के लिए में लोगो को जागरूक करता। जनसंख्या बहुत सारी समस्याओं की जड़ हैं किसी तरह में लोगों को इसके प्रति जागरुक करने की कोशिश करता। आज हम देखें तो देश में किसानों की स्थिति गंभीर है समय पर पानी नहीं बरसता और जब बरसता है तो इतनी तेजी से बरसता है कि किसानों का बहुत नुकसान हो जाता है मैं भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की तरह अगर प्रधानमंत्री होता तो ऐसी ही विशेष योजना किसानों के लिए लाता जिससे किसानों का हित होता है और वह जीवन में हम आगे बढ़ते।किसानों को आत्महत्या जैसे कदम नहीं उठाने पड़ते।

मैं अपने लिए नहीं देश के लिए लड़ता यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो शिक्षा की ओर विशेष ध्यान देता नैतिक शिक्षा हमारे लिए सबसे जरूरी है में नैतिक शिक्षा शुरू से ही लागू करवाता। हमारे देश में रोजगार की भी समस्याएं हैं मैं लोगों को नए नए रोजगार के अवसर प्राप्त करने के उपाय बताता और गांव गांव, शहर शहर के लोगों की बेरोजगारी खत्म करने के लिए प्रयत्न करता और इसके लिए नई-नई नौकरियां निकालता यदि मुझे पता लगता कि किसी क्षेत्र में भ्रष्टाचारियों की वजह से वहां की जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो मैं वहां पर विशेष निर्देश देता और उस भ्रष्टाचारी के खिलाफ सख्त कदम उठाता।

Related- यदि मैं शिक्षा मंत्री होता निबंध Yadi mein shiksha mantri hota essay in hindi

अगर मैं प्रधानमंत्री होता तो गरीबों की मदद करता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की तरह गरीबों को अपने पक्के मकान बनवाने में मदद करता और ऐसी नई नई योजनाएं लागू करता जिससे हर किसी को फायदा होता और भ्रष्टाचारियों को नुकसान झेलना पड़ता। प्रधानमंत्री बनके में नारी को सशक्त करने का प्रयत्न करता क्योकि नारी की स्थिति गंभीर है नारी पर कई तरह के अत्याचार होते रहते हैं मैं प्रधानमंत्री बन कर नारी को सशक्त करने का प्रयत्न करता और नारी पर अत्याचार करने वाले या उससे दुर्व्यवहार करने वाले लोगों के प्रति सख्त कदम उठाता मैं प्रधानमंत्री बनकर देश का भला करता मैं सिर्फ कुर्सी के लिए नहीं बल्कि देश की सेवा के लिए कार्य करता।

  • यदि मैं समाज सेवक होता yadi main samaj sevak hota essay in hindi
  • यदि मैं पेड़ होता निबंध Yadi main ped hota essay in hindi

दोस्तों अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया ये आर्टिकल Yadi mein pradhan mantri hota essay in hindi पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों में शेयर करना ना भूले इसे शेयर जरूर करें और हमारा Facebook पेज लाइक करना ना भूलें और हमें कमेंटस के जरिए बताएं कि आपको हमारा यह आर्टिकल if i am prime minister of india essay in hindi कैसा लगा जिससे नए नए आर्टिकल लिखने प्रति हमें प्रोत्साहन मिल सके और इसी तरह के नए-नए आर्टिकल को सीधे अपने ईमेल पर पाने के लिए हमें सब्सक्राइब जरूर करें जिससे हमारे द्वारा लिखी कोई भी पोस्ट आप पढना भूल ना पाए.

Related Posts

if i am prime minister of india essay in hindi

kamlesh kushwah

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Email Address: *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

' height=

हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika

  • मुख्यपृष्ठ
  • हिन्दी व्याकरण
  • रचनाकारों की सूची
  • साहित्यिक लेख
  • अपनी रचना प्रकाशित करें
  • संपर्क करें

Header$type=social_icons

' height=

यदि मैं भारत का प्रधान मंत्री होता

Twitter

अगर मैं प्रधानमंत्री होता essay in hindi यदि मै प्रधानमंत्री होता पर निबंध अगर मैं प्रधानमंत्री होती पर निबंध अगर मैं प्रधानमंत्री होता essay in english यदि मैं प्रधानमंत्री होता निबंध हिंदी यदि मै भारत का प्रधान मंत्री होता अगर आप प्रधानमंत्री होते तो आप क्या करते यदि मैं प्रधानमंत्री होता par nibandh यदि मैं प्रधानमंत्री होता निबंध हिंदी अगर मैं प्रधानमंत्री होता essay in english यदि मैं प्रधानमंत्री होता इन हिंदी अगर आप प्रधानमंत्री होते तो आप क्या करते प्रधानमंत्री पर निबंध

यदि मैं भारत का प्रधान मंत्री होता  Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi

लोकहित के काम -, देश की रक्षा शक्ति को मजबूत करना - , योजनाओं को शीघ्र लागू करवाना - , हिंदी भाषा की उन्नति - , बेरोजगारी को दूर करना व शिक्षा की उन्नति - , सबको आगे बढ़ने का अवसर - , वन सम्पदा का संरक्षण - , सबकी सेवा करना - .

if i am prime minister of india essay in hindi

Very helpful

if i am prime minister of india essay in hindi

Ye bahot acha tha muje bahut Accha idea mil gaya

Thank-you so much Bahot help ho gaya

Thank you help karne ke liye

जय हिंद जय भीम सैन

Perfect and best analysis

Please subscribe our Youtube Hindikunj Channel and press the notification icon !

Guest Post & Advertisement With Us

[email protected]

हिंदीकुंज में अपनी रचना प्रकाशित करें

कॉपीराइट copyright, हिंदी निबंध_$type=list-tab$c=5$meta=0$source=random$author=hide$comment=hide$rm=hide$va=0$meta=0.

  • hindi essay

उपयोगी लेख_$type=list-tab$meta=0$source=random$c=5$author=hide$comment=hide$rm=hide$va=0

  • शैक्षणिक लेख

उर्दू साहित्य_$type=list-tab$c=5$meta=0$author=hide$comment=hide$rm=hide$va=0

  • उर्दू साहित्‍य

Advertisement

Advertisement

Most Helpful for Students

  • हिंदी व्याकरण Hindi Grammer
  • हिंदी पत्र लेखन
  • हिंदी निबंध Hindi Essay
  • ICSE Class 10 साहित्य सागर
  • ICSE Class 10 एकांकी संचय Ekanki Sanchay
  • नया रास्ता उपन्यास ICSE Naya Raasta
  • गद्य संकलन ISC Hindi Gadya Sankalan
  • काव्य मंजरी ISC Kavya Manjari
  • सारा आकाश उपन्यास Sara Akash
  • आषाढ़ का एक दिन नाटक Ashadh ka ek din
  • CBSE Vitan Bhag 2
  • बच्चों के लिए उपयोगी कविता

Subscribe to Hindikunj

if i am prime minister of india essay in hindi

Footer Social$type=social_icons

  • Now Trending:
  • Nepal Earthquake in Hind...
  • Essay on Cancer in Hindi...
  • War and Peace Essay in H...
  • Essay on Yoga Day in Hin...

HindiinHindi

Essay on if i was prime minister in hindi यदि मैं प्रधानमंत्री होता.

Write an essay on if I was prime minister in Hindi. यदि मैं प्रधानमंत्री होता। Essay on Prime minister in Hindi language for students. You may also get a question like if I were a prime minister in Hindi or write 10 lines on prime minister of India in Hindi. यदि मैं प्रधानमंत्री होता।

hindiinhindi Essay on If I was Prime Minister in Hindi

If I was Prime Minister in Hindi

समाचार पत्र उठाते ही अक्सर आपको प्रधानमंत्री के दर्शन हो जाते हैं। रेडियो या टी- वी चलाइए – प्रधानमंत्री का भाषण, देश के नाम संदेश, किसी समसामयिक समस्या पर चर्चा या उनका साक्षात्कार चल रहा होगा। प्रधानमंत्री यानी जिसके कंधे पर देश का भार होता है। जो शासन का मुखिया होता है और जिस पर पूरे राष्ट्र के कल्याण का दायित्व होता है। प्रधानमंत्री जनता का सर्वप्रमुख नेता होता है।

प्रधानमंत्री का पद जितना बड़ा है, उसका उत्तरदायित्व भी उतना ही बड़ा होता है। आखिर इतना बड़ा देश और इतनी बड़ी समस्याएं। कैसे निभा पाते होंगे ये सब। किस मिट्टी के बने होते हैं ये प्रधानमंत्री। न दिन को चैन न रात को नींद। मेरे मस्तिष्क में अकसर इस तरह की उधेड़ बुन चली रहती हैं। इसी उधेड़-बुन में न जाने कब मेरे मन में इस महत्त्वाकांक्षा ने जन्म ले लिया कि काश ! मैं भी देश का प्रधानमंत्री होता। मैं प्रधानमंत्री बनने के सपने देखने लगा।

विश्व के जाने-माने प्रधानमंत्रियों के चेहरे इतिहास की पुस्तक से निकलकर मेरी आंखों के सामने घूमने लगे – चर्चिल, नेहरू, भंडार नाइके, मार्गरेट थैचर, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी और न जाने कौन-कौन। इतिहास साक्षी है कि इन्होंने कितने बड़े-बड़े काम किए थे। मैंने सोच लिया है कि यदि प्रधानमंत्री बना तो सबसे पहले ऐसे वातावरण का निर्माण करूँगा जिसमें आम आदमी उतनी ही आसानी से मुझ तक पहुँच सके, जितनी आसानी से नेहरू जी तक पहुँचा जा सकता था। हमारा देश विभिन्नताओं का देश है। इसके बावजूद हमारी सभ्यता एवं संस्कृति सदा से समन्वयवादी रही है। आज समाज में अलगाववाद, सम्प्रदायवाद और आतंकवाद का जो जहर फैल रहा है उसका मुख्य कारण है कि मनुष्य झूठे आडंबरों को ही धर्म मानकर उसके नाम पर घृणा और हिंसा को जन्म दे रहा है। आवश्यकता है उसे उसके प्राचीन मूल्यों और सांस्कृतिक परंपराओं से पुन: परिचित कराने की। इसका सबसे उत्तम साधन शिक्षा ही है। अत: मैं निश्चित ही शिक्षा को अनिवार्य और मूल्यपरक बनाऊँगा।

हमारे देश का युवावर्ग भी अनेक समस्याओं का शिकार हो रहा है। बढ़ते भ्रष्टाचार, बेकारी और पश्चिमी सभ्यता के भौतिकवादी दृष्टिकोण के प्रभाव ने उसकी प्रतिभा और क्षमता को धूमिल कर दिया है। इस दिशा में मैं सर्वप्रथम अपना ध्यान प्रतिभा पलायन को रोकने पर दूंगा। मेरी सरकार देश में कार्य के ऐसे अधिक से अधिक अवसर जुटाने का प्रयास करेगी जिससे युवा वर्ग में बढ़ते असंतोष को कम किया जा सके और देश को उनकी प्रतिभा तथा क्षमता का पूरा लाभ मिल सके।

हमारे देश की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। मैं जानता और समझता हूँ कि इतनी बड़ी आबादी वाले देश के प्रत्येक व्यक्ति की सभी आवश्यकताएँ पूरी करना एक कठिन कार्य है। किंतु यह भी हमारे लिए लज्जाजनक है कि आज भी लोग गरीबी और भूख से मरते हैं। ऐसा नहीं है कि हमारे देश में अनाज की कमी है, बस उसका उचित और ठीक ढंग से बंटवारा नहीं हो पा रहा। मेरी सरकार इस दिशा में पूरा प्रयास करेगी कि कम-से-कम प्रत्येक व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकताएं अवश्य पूरी हो सकें।

जनसंचार के बढ़ते साधनों ने संसार के देशों के बीच की दूरियां कम कर दी हैं। आज प्रत्येक देश को उन्नति और विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होती है और वे एक दूसरे से मैत्रीपूर्ण संबंध बनाना चाहते हैं। हम भी सभी देशों से शांतिपूर्वक मैत्री संबंध रखना चाहते हैं। किंतु यदि कोई देश हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता है या हमारी सीमाओं को लाँघने का प्रयास करता है तो वह हमें कदापि सहन नहीं होगा। मेरी सरकार इस ओर पूर्ण रूप से सचेत रहेगी कि कोई विदेशी ताकत हमारी सीमाओं में घुसने न पाए।

भारत प्राचीन काल से ‘जिओ और जीने दो’ में विश्वास रखता आया है। किंतु जो लोग आतंकवाद के माध्यम से देश को कमजोर बनाने व अलगाववादी प्रवृत्तियों को बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे, मेरी सरकार उन्हें बलपूर्वक समाप्त करने से पीछे नहीं हटेगी।

उद्योग तथा व्यापार देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होते हैं। देश को आर्थिक रूप से शक्तिशाली बनाने के लिए मिश्रित अर्थव्यवस्था के रहते हुए भी में और मेरी सरकार गैर-सरकारी क्षेत्रों को बढ़ावा देने का प्रयास करेगी।

मेरे प्रधानमंत्री होने पर मेरा भारत एक बार पुन: सोने की चिड़िया कहलाएगा। चारों ओर खुशहाली और समृद्धि, आपसी प्रेम, भाईचारे और सहयोग का राज्य होगा। मानव का धर्म होगा – मानव सेवा। भारत की प्राचीनकाल से चली आ रही विश्व के आध्यात्मिक गुरु की छवि पुन: निखर उठेगी। काश! मुझे प्रधानमंत्री बनने का एक अवसर मिले।

Learn more about

Biography of Manmohan Singh in Hindi

Narendra Modi essay in Hindi

Indira Gandhi Biography in Hindi

Biography of APJ Abdul Kalam in Hindi

Essay on Rajiv Gandhi in Hindi

Thank you for reading. Do not forget to give your feedback.

अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करे।

Share this:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
  • Click to share on Pinterest (Opens in new window)
  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)

About The Author

if i am prime minister of india essay in hindi

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Email Address: *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

HindiinHindi

  • Cookie Policy
  • Google Adsense

यदि मैं प्रधानमंत्री होता | Essay on If I were the Prime Minister in Hindi

if i am prime minister of india essay in hindi

यदि मैं प्रधानमंत्री होता | Essay on If I were the Prime Minister in Hindi!

हमारे देश की गणतंत्रात्मक शासन व्यवस्था में कोई भी नागरिक प्रधानमंत्री बन सकता है । प्रधानमंत्री वही बनता है, जो आम चुनाव के फलस्वरूप लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता होता है ।

राष्ट्रपति उसे ही प्रधानमंत्री पद के लिए आमंत्रित करते हैं और उससे अपनी सरकार बनाने का आग्रह करते हैं । इससे स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री बनना आसान काम नहीं है । उस जिम्मेदारी का सफलतापूर्वक निर्वाह करने का दृढ़ संकल्प करते हुए यदि मैं प्रधानमंत्री होना स्वीकार कर लेता हूँ तो मैं अपने अधिकारों का उपयोग किस प्रकार करूँगा, यह मैं बता देना चाहता हूँ ।

प्रधानमंत्री बनने पर मेरे सामने जो प्रथम कार्य है, वह है मंत्रिपरिषद् का गठन । मैं अपनी मंत्रिपरिषद् का गठन करने में बहुत सावधानी बरतूँगा । मैं उसमें ऐसे व्यक्तियों को स्थान दूँगा, जो व्यक्तिगत और दलीय स्वार्थों से ऊपर हों, निष्पक्ष हों, न्यायप्रिय हों, सच्चे जनसेवी हों, कार्य-कुशल हों, अपने देश की ज्वलंत ममस्याओं से भली-भाँति परिचित हों और जातीय, प्रांतीय तथा सांप्रदायिक भावनाओं के शिकार न हों ।

मैं अपनी मंत्रिपरिषद् के प्रत्येक मंत्री की कार्य-प्रणाली पर पैनी दृष्टि रखूँगा और यदि कोई अपने कर्तव्यों के पालन में ढिलार्ड करता हुआ पाया जाएगा तो मैं उसे अपनी मंत्रिपरिषद् से हटाने में संकोच नही करूँगा । इस प्रकार का कड़ा रुख अख्तियार करने से ही मैं जनता का विश्वासपात्र वन सकूँगा और घूसखोरी, चोरबाजारी आदि से जनता की रक्षा कर सकूँगा ।

मेरा दूसरा काम होगा- देश की सैनिक शक्ति में वृद्धि करना और उसे युद्ध के आधुनिकतम अस्त्र-शस्त्रों से सुसज्जित करना । अहिंसा में विश्वास करते हुए भी मैं अपने देश को निर्बल बनाने की नीति का समर्थक नहीं हूँ । अपनी सैनिक शक्ति बढ़ाने और हर तरह के अस्त्र-शस्त्रों का संग्रह करने का अर्थ यह नहीं है कि मैं चीन अथवा पाकिस्तान से युद्ध के नारे लगाता रहूँगा ।

ADVERTISEMENTS:

मैं किसी देश पर आक्रमण नहीं करूँगा; किंतु यदि कोई देश मुझे ललकारेगा और मेरे देश पर आक्रमण करेगा तो मैं अहिंसा की आड़ लेकर चुपचाप नही बैठूँगा । मैं उसे ऐसी शिकस्त दूँगा कि फिर कभी मेरे राष्ट्र की ओर कुदृष्टि रखने का दुःसाहस न कर सके ।

प्रधानमंत्री होने पर मेरा तीसरा काम होगा अपने देश को स्वावलंबी, आत्मनिर्भर और धन-धान्य से संपन्न बनाना । इस उद्‌देश्य की पूर्ति के लिए मैं सबसे पहले कृषि की उन्नति पर ध्यान दूँगा । खेती की सर्वागीण उन्नति के लिए मैं किसानों की भरपूर सहायता करूँगा । मैं उन्हें वैज्ञानिक ढंग से खेती के लिए शिक्षा दिलाऊँगा । उनके खेतों की सिंचाई के लिए समुचित प्रबंध करूँगा ।

उनके लिए उत्तमोत्तम खाद और बीजों की व्यवस्था करूंगा । लोभी शासकों से उनकी रक्षा करूँगा । उनके पशुओं की नस्ल सुधारने में उनकी सहायता करूँगा और उन्हें अपने खेतों से अधिक-से-अधिक फसल उपजाने का प्रेरणा दूँगा । इस प्रकार मैं अपने देश की खाद्य-समस्या को सुलझाने की पूरी कोशिश करूँगा । खाद्य-समस्या सुलझ जाने से हमोर देश का जो धन अन्न क्रय करने में विदेश चला जाता है, वह बच जाएगा और हमारी आर्थिक स्थिति सुधर जाएगी ।

हमारे देश की आर्थिक स्थिति अत्यंत भयावह है । हम राजनीतिक दृष्टि से स्वतंत्र अवश्य हैं, पर आर्थिक दृष्टि से धनी राष्ट्रों के गुलाम बने हुए हैं । अपनी पंचवर्षीय योजनाओं को हठपूर्वक चलाने के लिए हमारे पूर्व प्रधानमंत्रियों ने विदेशी राष्ट्रों के दरवाजे खटखटाए और उनसे ऋण लेकर देश को भिखारी बना दिया । मैं अपनी साधन-शक्ति का उचित उपयोग कर अपने देश की आर्थिक उन्नति करना चाहता हूँ ।

वर्तमान परिस्थितियों में पंचवर्षीय योजना से हम अधिक लाभ नहीं उठा सकते । इस योजना में यांत्रिक उद्योग को भी अधिक महत्त्व दिया गया है । मैं कुटीर उद्योगों का प्रबल समर्थक हूँ । मैं भारत के प्रत्येक घर को कुटीर उद्योग का कारखाना बनाना चाहता हूँ ।

इससे बेकारी की समस्या का निराकरण होगा, सबको काम मिलेगा, सब परिश्रम का महत्त्व समझेंगे, सब में आत्मनिर्भरता, स्वावलंबन व आत्मविश्वास की भावना आएगी और उद्योग के लिए बड़ी-बड़ी मशीनों के क्रय करने में हमारे देश का जो धन विदेश चला जाता है, वह नहीं जा सकेगा ।

प्रधानमंत्री की हैसियत से मेरा पाँचवाँ उद्‌देश्य होगा भ्रष्टाचार का उन्मूलन करना । देश में नियंत्रण विभाग, आपूर्ति विभाग, राशनिंग व्यवहार, सहकारिता विभाग आदि भ्रष्टाचार के अड्डे हैं । इसलिए मैं इन विभागों को समाप्त कर दूँगा । इन विभागों ने चोरबाजारी को बढ़ावा दिया है और शासकों को घूसखोर बनाया है । ऐसा आभूषण पहनने से कोई लाभ नहीं, जो शरीर को ही विकृत कर दे । इसलिए ऐसे विभागों का उन्मूलन ही श्रेयस्कर है ।

हमारे देश की शिक्षा-पद्धति बेरोजगारी बढ़ानेवाली है । मैं अपने देश के विद्यार्थियों के लिए रोजगारपरक शिक्षा की व्यवस्था करूँगा । किसी भी स्तर पर दिए जानेवाले सारे आरक्षणों को पूरी तरह से समाप्त कर दूँगा । देश से अल्पसंख्यक- बहुसंख्यक,  सवर्ण-असवर्ण, पिछड़े-इन सारे शब्दों को मिटा दूँगा ।

जो वास्तव में दलित-पतित, अभावग्रस्त हैं उनके बच्चों को अलग से पढ़ाई-लिखाई के सर्वसाधन उपलब्ध कराऊँगा । महिलाओं को साक्षर बनाने के लिए हर संभव प्रयास करूँगा और प्रत्येक योजना में इसे प्राथमिकता के साथ प्रोत्साहन दूँगा ।

मैं किसी भी धर्म से संबंधित मूर्ति-प्रतिमा, मंदिर-मसजिद, गिरजाघर आदि पूजा-स्थलों को सार्वजनिक स्थानों पर निर्माण करने की स्वतंत्रता नहीं दूँगा । जिसे इन सबके प्रति मोह हो, वे अपने घर के अंदर बना सकते हैं, कारण कि धार्मिक कर्मकांडों के चलते आज हमारे देश का मानव-समाज बिखर गया है । किसी भी कोटि के अपराधी को दंडित करने में मेरा प्रशामन कोई कोताही नहीं

करेगा । पुलिस-तंत्र भी किसी भी राजनेता के नियंत्रण में नही रहेगा । किसी की भी मृत्यु पर देश में किसी प्रकार का अवकाश नहीं रहेगा । मात्र दो मिनट का मौन धारण करने के पश्चात् सभी अपने कार्य में पूर्ववत् संलग्न हो जाएँगे ।

अंत में, मैं यह निवेदन कर दूँ कि मैं किसी राज्य को स्वेच्छाचरि नहीं बनने दूँगा । मैं प्रत्येक राज्य को केंद्रीय अनुशासन में रखूँगा । यदि कोई राजनीतिक दल अनुशासन-विहीन होकर देश के किसी कोने में उपद्रव खड़ा करेगा तो मैं अपनी संवैधानिक शक्ति के दायरे में अच्छा सबक सिखाऊँगा । स्वस्थ विरोध का मैं स्वागत करता हूँ; पर ऐसा विरोध, जो देश को पतन के गर्त की ओर ले जानेवाला है मैं सहन नहीं कर सकूँगा ।

हमारे देश की जनता कर-भार से दबी हुई है और संत्रस्त हे । इसका मुख्य कारण है हमारे सिर पर लदा हुआ विदेशी ऋण । कर-भार के साथ-साथ देश में जो महँगाई है, उसका भी मूल कारण यही है । फिर भी, मैं यथाशक्ति जनता को कर-भार से मुक्त करने की चेष्टा करूँगा । इन शब्दों के साथ मुझे विश्वास है कि मेरे उद्‌देश्यों की पूर्ति में जनता मुझे अपना पूरा सहयोग देगी ।

Related Articles:

  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता (निबंध) | If I Were the Prime Minister in Hindi
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर अनुच्छेद | Paragraph on If I Were the Prime Minister in Hindi
  • यदि मैं शिक्षामंत्री होता (निबंध ) | Essay on If I were the Education Minister in Hindi
  • यदि मैं भारत का प्रधान मंत्री होता (निबंध)

Talk to our experts

1800-120-456-456

  • Speech on If I Were The Prime Minister of India

ffImage

Speech on If I Were The Prime Minister of India in English for Students

One of the most important topics in English which are also covered in the further higher competition exams is the political criteria. Students are tested on topics like If I were the prime minister of India, to know what they think about the condition of India and how they think it can be improved. Basically, they test the creative imagination of the children to know how far they can think for the betterment of the country.

The main topic of speech that is given to students or teachers for certain occasions or assignments is ‘ If I Were The Prime Minister of India’. The head of the council of ministers in Lok Sabha and the leader of the Majority party in Lok sabha are known as the prime minister.

He is the main voice that aids and advises the president in the exercise of his duties and functions. PMO is the prime minister’s office, also called the prime minister secretariat. 

The Prime Minister is the de facto head of the state as he is the utmost elected representative of the public. The advice of the cabinet, which is headed by the Prime Minister, is always sent to the President for due consideration.

Long and Short Speech for Students and Kids- ‘If I Were The President Of India’

Vedantu has provided students with a long speech of 500 words on  If I Were The Prime Minister Of India and also they have given a short speech of 150 words on the same topic. Also, we have provided 10 Lines on If I Were the Prime Minister of India Speech 

This is the topic that is asked to almost every grade of the student, to test their views on the politics of India and the improvements that can be made according to the thinking capacity of the child.

The long speech is mostly required by the students of classes 7 to 12. And the short speech is used by class- 1- 6 students.

The Prime Minister is appointed by the President, who also appoints other ministers on the advice of the Prime Minister. He/she has an essential role in sustaining and coordinating the government by controlling the general policy direction of the government. Usually, the Prime Minister has overall ministerial responsibility for national security and intelligence matters, and may also hold other portfolios. Here we have provided both a long and short Speech on If I Were The Prime Minister Of India In English for students and children.

Long If I Were the Prime Minister of India Speech

Greeting everyone present here. Today, I am going to deliver a Speech On If I Were The Prime Minister Of India In English. Since becoming Prime Minister, my first job will be to select the best ministers for my cabinet. I would also ensure that young men who are technically sound can also find a position in the cabinet so that their experience is used to develop the country. 

I would then see that all the major mills are nationalized so that the benefit gained by the hard work of the workers does not go to the capitalists alone. Employees have to get their due share. I would ensure that, even though they are not government employees, only specialist individuals can head those industries. The foreign dependency will be reduced to the maximum extent possible. That move would also guarantee the nation's security.

In the agriculture sector, special steps will be taken. To get the best seeds for enhancing production, research centres will be built. The farmers will be given all the facilities. A complete change in the educational structure will be introduced. Students will undergo vocational training in addition to academic training after completing basic education up to 10th grade. All the courses are going to be job oriented. 

Corruption of any manner will be dealt with in the strictest way and severe penalties will be awarded to dishonest individuals. I know that it is not an easy job to rule a country. Without the active participation of the people, it can not be achieved. To eliminate all kinds of social evils, I will do my best to educate people. In the minds of people, a deep sense of patriotism must be inculcated. Only then can I take necessary measures to rekindle our national pride in India and make progress. 

Most individuals do not know how to read and write. I have plans to educate people and make them citizens who are responsible and aware. The problem of overpopulation neutralizes all attempts to raise the quality of life of the masses. We have more than doubled the figure of 1951 by now, and when we bid goodbye to this century, there is no knowing what figure will replace this. To arrest this alarming development, something urgent has to be done. As Prime Minister, it will be my first responsibility to resolve this issue of population growth and approach it on a war footing. 

While I believe in peace and non-violence, I will strengthen the security of my country. In the event of external threats, we must be prepared to protect ourselves.

I will work tirelessly for the country, knowing very well that the P.M. The office isn't a bed made of roses.

Short Speech on If I Were the Prime Minister of India in English

Today, I am here to tell you about the things I would do if I were the Prime Minister of India. I would turn India into a stable and self-reliant nation if I were the esteemed Prime Minister of India. I'd try to present the mightiest Indian forces in the world. I want to do away with India's poverty and joblessness. I will also seek to achieve a literacy rate of 100 percent. 

If I were the Prime Minister, I would take action for the development of agricultural fields. I'd offer old pensions and unemployment insurance to people in need. In several parts of the country, I would generate small-scale industries. I will control the black marketing of essential commodities and the hoarding of them. With the neighbouring countries, I will demonstrate harmony. People will be taught about their rights established by the constitution. In order to punish them harshly, attention will be given to corrupt elements. I will give priority to setting up a community free of fear and uncertainty. 

The preservation of peace is the ultimate objective of my tenure. It will elevate the integrity of individuals and their outstanding values. I plan to eliminate the large income inequality between the rich and the poor that exists at present. I will then regulate the increase in prices. It will make the distribution system of critical goods more competitive. Because of strict laws, the host and business people will not take advantage of anything.

10 Lines on If I Were the Prime Minister of India Speech 

The Prime Minister, elected by the citizens of the country and a member of the Lok Sabha, is a credible person who rules the country.

I would work to eradicate poverty if I were the Prime Minister.

I will make education free, so that poor people can also study in schools and colleges since illiteracy is another major problem in this country.

As rural areas are poorly developed, I will provide electricity, water, schools, and other facilities for rural areas.

Population management is a problem for our country, so I will make policies to effectively control population growth.

To serve the sick and poor people, I want to open hospitals everywhere.

While I believe in peace and non-violence, I will strengthen the security of my country.

In the agriculture sector, special steps will be taken. To get the best seeds for enhancing production, research centres will be built.

I would also ensure that young men who are technically sound can also find a position in the cabinet so that their experience is used to develop the country.

I will work tirelessly for the country, knowing very well that the P.M. the office isn't a bed made of roses.

arrow-right

FAQs on Speech on If I Were The Prime Minister of India

1. What is the importance of the Prime Minister of India?

The most important person that has a pivotal role in keeping up the government is the Prime minister. He is the one who maintains and coordinates the government by looking at its general policy direction. The overall ministerial responsibility of national security and intelligence matters etc is under the prime minister's power. 

Students can go through the complete study guide for the prime minister role in the speech given by Vedantu's experts, it covers all the important duties and responsibilities of the Prime Minister.

2. What does it mean to be a prime minister?

The headman of the cabinet is the prime minister. He is the leader of the ministers in the administrative branch of the ruling government. The chairman of the cabinet and the chief member in the government is known as the prime minister. Some of the major duties of the prime minister include chairing a meeting to discuss the policies and examine bills. The PM selected the members of the government who will be ministers, he is the chief government spokesperson. Therefore the prime minister is the head of the government, the principal minister.

3. What is the role of the President and prime minister?

The prime minister is the head of the cabinet and he is assigned by the president. The President is the main authority who also assigns the ministers on the recommendation of the Prime Minister. The president's constitutional duty is to protect, preserve and defend the constitution and laws. The prime minister has the responsibility for executive power. These two are the main powers of the government that are responsible for each and every step taken by the government. Students should have good knowledge about them and know what they can do with the powers they have.

4. What is the power of the prime minister?

To write a Speech on If I Were The Prime Minister of India in English for Students, they should have good knowledge about the role, the powers, the responsibilities of the prime minister. Here you can check some of the major powers of the Prime Minister.

The Prime Minister decides the prevailing direction of the Government’s practices. 

The Prime Minister pilots the work of the Cabinet of Ministers 

The Prime Minister is accountable before the Saeima.

There are further many roles and responsibilities of the Prime minister which are done to make sure that the government works properly and keeps up the county.

5. Where Can I Find a Speech on If I Were The Prime Minister of India in English for Students?

Vedantu is the best online learning portal that helps you to download free Speech on If I Were The Prime Minister of India in English for Students. You can get the benefits by just clicking on the link given that can help you to complete your assignment or give a powerful speech on an occasion in school or other competitions. Vedantu’s expert team has excellent teachers that have years of experience in making study material for children and guiding them to score good marks.

IMAGES

  1. Essay on If I Were the Prime Minister of India || Paragraph on If I Were the Prime Minister of India

    if i am prime minister of india essay in hindi

  2. Essay ON If I Were The Prime Minister Of India

    if i am prime minister of india essay in hindi

  3. यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो पर निबंध

    if i am prime minister of india essay in hindi

  4. If I Were Elected as the Prime Minister of India Free Essay Example

    if i am prime minister of india essay in hindi

  5. यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता निबंध हिंदी

    if i am prime minister of india essay in hindi

  6. essay on If I were the prime minister

    if i am prime minister of india essay in hindi

VIDEO

  1. ESSAY ON IF I WERE THE PRIME MINISTER OF INDIA

  2. If I Become a Prime Minister

  3. Indian Prime Minister's Name ✌️💯 #pm #narendramodi

  4. Essay on If I Were the Prime Minister of India || Paragraph on If I Were the Prime Minister of India

  5. G20 पर 10 लाइन निबंध

  6. यदि मैं प्रधानाचार्य होता/essay on if I were a principal /yadi main pradhanacharya hota nibandh

COMMENTS

  1. यदि मैं प्रधानमंत्री होता (निबंध)

    यदि मैं प्रधानमंत्री होता (निबंध) | If I Were the Prime Minister in Hindi! हमारा राष्ट्र ...

  2. यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो पर निबंध

    Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi: हम यहां पर यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री ...

  3. यदि मैं भारत का प्रधान मंत्री होता हिंदी निबंध

    यदि मैं भारत का प्रधान मंत्री होता हिंदी निबंध Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi Published on: March 13, 2021 by Rakesh More

  4. यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध

    Essay In Hindi कक्षा 1 से 4 के लिए निबंध कक्षा 5 से 9 के लिए निबंध कक्षा 10 से 12 के लिए निबंध प्रतियोगी परीक्षा के लिए निबंध ऋतुओं पर निबंध त्योहारों ...

  5. यदि मैं भारत का प्रधान मंत्री होता (निबंध)

    Article shared by: यदि मैं भारत का प्रधान मंत्री होता (निबंध) | Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi! कल्पना करना कोई नयी बात नहीं है। सभी कल्पना करते हैं, करना भी ...

  6. यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध Essay If I were Prime Minister Hindi

    Essay on If I were the Prime Minister in Hindi प्रिय विद्यार्थियों आपका स्वागत है आज हम ...

  7. यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध (If I Were A Prime Minister Essay In

    यदि मैं पक्षी होता पर निबंध (If I Am A Bird Essay In Hindi) 10 Lines On Prime Minister Of India In Hindi Language; यदि मैं वैज्ञानिक होता तो पर निबंध (If I Were A Scientist Essay In Hindi)

  8. यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर अनुच्छेद

    यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर अनुच्छेद | Paragraph on If I Were the Prime Minister in Hindi

  9. निबंध: अगर मैं भारत का प्रधानमंत्री होता

    हेल्लो दोस्तों इसमें हम लिखने वालें हैं : निबंध: अगर मैं अपनें स्कूल का प्रिंसिपल होता | If I Were The Prime Minister of India Essay In Hindi.

  10. Essay on If I Were The Prime Minister of India In Hindi

    👉 Visit Website To Read : https://www.silentcourse.com/2020/07/if-i-were-prime-minister-of-india-essay-in-hindi.html👉Playlist : If I Were (English Essay)...

  11. यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध

    पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध - Read Daughters, Grow Daughters Essay In Hindi पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध - Dependence Essay In Hindi

  12. यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता पर निबंध

    होली पर निबंध-Holi Essay March 2024 'मेरा स्टार्टअप एक सपना' निबंध जी-20 पर निबंध | G20 Essay in Hindi

  13. If I Were Prime Minister Essay In Hindi

    कल्पना करना; भारत की समस्याएँ; समस्याओं का समाधान; साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

  14. यदि मैं प्रधानमंत्री होता

    Hindi Essay Writing Topic - यदि मैं प्रधानमंत्री होता (If I was the Prime Minister of India) यदि मैं ...

  15. Hindi Essay on "If I Were The Prime Minister of India ...

    यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता. If I Were The Prime Minister of India. भारत एक ...

  16. यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध Yadi mein pradhan mantri hota essay

    यदि मैं समाज सेवक होता yadi main samaj sevak hota essay in hindi. यदि मैं पेड़ होता निबंध Yadi main ped hota essay in hindi. दोस्तों अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया ये आर्टिकल Yadi mein ...

  17. यदि मैं भारत का प्रधान मंत्री होता

    अगर मैं प्रधानमंत्री होता essay in hindi यदि मै प्रधानमंत्री होता पर ...

  18. Essay on If I was Prime Minister in Hindi यदि मैं प्रधानमंत्री होता

    Write an essay on If I was prime minister in Hindi for students of class 2, 3, 4, 5, 6,7, 8, 9, 10, 11 and 12. यदि मैं ...

  19. यदि मैं प्रधानमंत्री होता निबंध, If I Were Prime Minister Essay in Hindi

    जाते जाते दोस्तों अगर आपको इस लेख से मानवता पर निबंध हिंदी, if I were prime minister essay in Hindi इस विषय पर पूरी जानकारी मिली है और आपको यह लेख पसंद आया है ...

  20. यदि मैं प्रधानमंत्री होता

    यदि मैं प्रधानमंत्री होता | Essay on If I were the Prime Minister in Hindi! हमारे देश की ...

  21. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध। Essay Narendra Modi

    हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी का ...

  22. Essay on "If I Become The Prime Minister of India" Complete Essay for

    Essay No. 03. If I were the Prime Minister of India. India is a democratic republic, in which the legislators are elected through a direct election. Prime Minister is the leader of the Party that wins the election at the centre. It means that the person, who is to become the Prime Minister, must have a strong and long active political career.

  23. Speech on If I Were The Prime Minister of India

    Today, I am here to tell you about the things I would do if I were the Prime Minister of India. I would turn India into a stable and self-reliant nation if I were the esteemed Prime Minister of India. I'd try to present the mightiest Indian forces in the world. I want to do away with India's poverty and joblessness.